दुनिया भर में 8 मार्च का दिन इंटरनेशनल महिला दिवस (International womens day) कै तौर पर मनाया जाता है। ऐसे में आज बात खेल जगत की उन ऐथलीटों पर, जिन्होंने तमाम परेशानियों को बौना साबित करते हुए देश का मान बढ़ाया।
पीवी सिंधु ने इस साल टोक्यो 2020 ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। वह भारत की पहली महिला डबल ओलिंपिक पदक विजेता बनीं। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में महिला एकल में तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ में दुनिया की 9वें नंबर की चीन की ही बिंग जिओ पर सीधे गेम में जीत के बाद भारत के लिए कांस्य पदक जीता।
इस क्रिकेटर को भारतीय महिला क्रिकेट में सचिन तेंडुलकर के नाम से जाना जाता है। इस वक्त वह अपना छठा वर्ल्ड कप खेल रहीं हैं। पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच खेलते ही वह सचिन के 6 वर्ल्ड कप खेलने के रिकॉर्ड की बराबरी कर गईं।
'सुपरमॉम' के नाम से फेमस मैरीकॉम 3 बच्चों की मां हैं। छह बार की वर्ल्ड चैंपियन भारतीय महिला बॉक्सर एमसी मैरीकॉम पिछले कई वर्षों से बॉक्सिंग की दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही हैं। मैरी ओलिंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला बॉक्सर हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल की कहानी संघर्षों से भरी है। पापा प्रतिदिन 80 रुपये कमाते थे। हॉकी स्टिक तक खरीदना मुमकिन नहीं था। फर्श से लेकर उन्होंने अर्श तक का सफर तय किया। टीम ने ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मैच जरूर गंवाया, लेकिन करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया
सानिया मिर्जा भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं इनका जन्म 15 नवंबर 1986 को मुंबई में हुआ था। इन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी शोएब मलिक से शादी की है। सानिया मिर्जा डबल्स में पूर्व नंबर एक खिलाड़ी रह चुकी हैं मार्च 2018 में उनकी रैंकिंग 24 थी। सानिया मिर्जा अभी तक की भारत की सबसे ज्यादा रैंक पाने वाली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं और भारत के सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली महिला खिलाड़ी भी हैं।