ऑस्ट्रेलिया के युवा विल पुकोव्स्की भारत के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में इंटरनैशनल डेब्यू कर सकते हैं। पुकोव्स्की की कहानी कई युवा खिलाड़ियों को प्रभावित कर सकती है जिन्हें काफी वक्त पहले चोट लगी, फिर डिप्रेशन से भी जूझे।
जब विल पुकोव्स्की स्कूल में थे, उन्हें फुटबॉल ट्रेनिंग सेशन के दौरान सिर में चोट लग गई थी। अकसर खिलाड़ी चोट के कारण अपने करियर को अलविदा कह देते हैं लेकिन पुकोव्स्की ने ना सिर्फ वापसी की, बल्कि आज वह ऑस्ट्रेलिया के युवा प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में गिने जाते हैं।
दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल भी पुकोव्स्की की प्रतिभा से प्रभावित हैं। उन्होंने भी कहा कि पुकोव्स्की को ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर और समय नहीं हो सकता कि पुकोव्स्की को टेस्ट डेब्यू का मौका दिया जाए। उम्मीद है कि वह भारत के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में खेलते नजर आएं।
विल पुकोव्स्की डिप्रेशन से भी जूझे। कनकशन के बाद उन्हें मजबूत बनने में मदद मिली। एक युवा बल्लेबाज के तौर पर उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खुद को साबित किया। उन्हें 2 साल पहले श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में भी शामिल किया गया था।
पुकोव्स्की के पिता जन भी एक तेज गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने ही अपने बेटे को प्रोत्साहित किया जिससे उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद मिली। पुकोव्स्की ने सात साल की उम्र से खेलना शुरू किया, तब उनके कोच पिता जन पुकोव्स्की ही थे।
विल पुकोव्स्की ने अब तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में दमदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने अब तक 22 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 34 पारियों में 6 शतक, 5 अर्धशतक जमाए हैं। उन्होंने फर्स्ट क्लास मैचों में कुल 1720 रन बनाए और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 255 रन है। उन्होंने 12 लिस्ट ए मैच भी खेले जिनमें कुल 264 रन बनाए।