प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत एक साल में लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन कर रहा है। डेयरी सेक्टर के सहकारी मॉडल का उदाहरण हमारे सामने है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है जिसमें गुजरात की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है। बीते सालों में डेयरी सेक्टर तेज़ी से बढ़ भी रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ज्यादा कंट्रीब्यूट भी कर रहा है।
गांधीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के किसान को दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल 1.60 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी फर्टिलाइजर में दी है। किसानों को मिलने वाली ये राहत इस साल 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने वाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत विदेशों से जो यूरिया मंगाता है इसमें यूरिया का 50 किलो का एक बैग 3,500 रुपये का पड़ता है लेकिन देश में, किसान को वही यूरिया का बैग सिर्फ 300 रुपये का दिया जाता है। यानी यूरिया के एक बैग पर हमारी सरकार 3,200 रुपये का भार वहन करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 में सरकार बनने के बाद हमने यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग का काम किया। इससे देश के किसानों को पर्याप्त यूरिया मिलना सुनिश्चत हुआ। साथ ही हमने यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना में 5 बंद पड़े खाद कारखानों को फिर चालू करने का काम शुरू किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सहकार, गांव के स्वाबलंबन का बहुत बड़ा माध्यम है और इसमें आत्मनिर्भर भारत की ऊर्जा है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए गांव का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है इसलिए पूज्य बापू और सरदार साहब ने जो रास्ता हमें दिखाया उसके अनुसार हम मॉडल कॉपरेटिव गांव की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में इफको, कलोल में निर्मित नैनो यूरिया प्लांट का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सहकार से समृद्धि' पर अलग-अलग सहकारी संस्थानों के नेताओं के एक सेमिनार को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में इफको, कलोल में निर्मित नैनो यूरिया प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश पहले नैनो यूरिया प्लांट का उद्घाटन करते हुए मैं विशेष आनंद की अनुभूति करता हूं। अब यूरिया की एक बोरी की जितनी ताकत है, वो एक बोतल में समाहित है। नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी।