उत्तराखंड का भूला-बिसरा गांव, यहां रहते हैं कौरव-पांडवों के वंशज!

नवभारतटाइम्स.कॉम 30 Dec 2019, 10:41 pm
  • इस गांव से रामायण और महाभारत का कनेक्शन, एक बार जरूर जाएं

    देवभूमि उत्तराखंड अपनी अद्भुत संस्कृति और खान-पान के अलावा खूबसूरती के लिए भी मशहूर है। हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं। लेकिन इस राज्य में अभी भी कई ऐसी जगहें हैं जो अछूती और भूली-बिसरी सी हैं, पर किसी जन्नत से कम नहीं। (फोटो: kalap.in)

  • बहुत कम लोग जानते हैं इसके बारे में

    ऐसी ही एक जगह है कलाप। उत्तराखंड के ऊपरी गढ़वाल क्षेत्र में स्थित यह गांव कई इलाकों से कटा हुआ है और ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं है। यहां की आबादी भी बहुत कम है। पर यह गांव फिर भी खास है और अपने अंदर एक गहरा राज समेटे हुए है। (फोटो: kalap.in)

  • यहां बसे कौरव और पांडवों के वंशज!

    कलाप उत्तराखंड की टन्स घाटी में स्थित है और इस पूरी घाटी को महाभारत की जन्मभूमि माना जाता है। कहा जाता है कि यहां से रामायण और महाभारत का इतिहास जुड़ा हुआ है। इसी वजह से यहां के लोग खुद को कौरव और पांडवों को वंशज बताते हैं।

  • खूबसूरती से भरपूर है कलाप

    यह गांव अन्य इलाकों से कटा हुआ है और यहां की जिदंगी भी काफी मुश्किल भरी है। यहां के निवासियों की आमदनी का मुख्य सहारा खेती ही है। इसके अलावा वे भेड़-बकरी पालते हैं। इस गांव की अद्भुत खूबसूरती और रामायण, महाभारत से खास कनेक्शन के चलते इसे डिवेलप किया जा रहा है। (फोटो: kalap.in)

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  • धूमधाम से मनाए जाते हैं ये उत्सव

    यहां कर्ण का मंदिर भी है और कर्ण महाराज उत्सव भी मनाया जाता है। यह उत्सव 10 साल के अंतराल पर मनाया जाता है। जनवरी में यहां पांडव नृत्य किया जाता है, जिसमें महाभारत की विभिन्न कथाओं को प्रदर्शित किया जाता है। (फोटो: kalap.in)

  • खाने में खास और विजिट का बेस्ट टाइम

    चूंकि यह जगह काफी दुर्गम है, इसलिए जो कुछ भी खाया-पिया या ओढ़ा-पहना जाता है, वह सब कलाप में बनता है। यहां खाने के लिए लिंगुड़ा से लेकप पपरा, बिच्छू घास और जंगली मशरूम है। वहीं खसखस, गुड़ और गेंहू के आटे के साथ एक खास डिश भी बनाई जाती है। कलाप दिल्ली से 540 किलोमीटर दूर है, जबकि यह देहरादून से 210 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां साल के किसी भी वक्त जाया जा सकता है। स्नोफॉल का व्यू भी यहां से काफी शानदार होता है। (सांकेतिक तस्वीर)