भारत में सांप की लगभग 300 प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से 60 प्रजातियां जहरीली होती हैं। भारत में हर साल सांपों के काटने से बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं। इनमें से ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में होती हैं। इसके बावजूद इन इलाकों में सांप के जहर का इलाज काफी कम जगहों पर उपलब्ध है। ऐसे में जानें दुनिया के 10 सबसे जहरीले सांपों के बारे में...
इंटरनैशनल जर्नल ऑफ न्यूरोफार्माकोलॉजी के अनुसार, इनलैंड टाइपैन दुनिया का सबसे विषैला सांप है। इसका अर्थ है कि इस सांप के जहर का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा शिकार (मानव या दूसरे जीव-जंतुओं) को मार सकता है। यह सांप दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के बाढ़ के मैदानों की मिट्टी में दूसरे जीवों के बनाए बिलों में रहता है।
ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम के अनुसार, कोस्टल टाइपैन सांप जहरीला होने के बाद अत्याधिक फुर्तीला जीव है। यही कारण है कि कोस्टल टाइपैन जहरीले सांपों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। यह अपने शिकार के सचेत होने से पहले ही उसे कई बार काट चुका होता है। यह सांप अत्याधिक सटीकता के साथ अपने शिकार पर हमला करता है।
लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के अनुसार किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा विषैला सांप है। यह दुनिया का तीसरा सबसे जहरीला सांप भी है। इस सांप की लंबाई 18 फीट (5.4 मीटर) तक हो सकती है। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के अनुसार, किंग कोबरा 100 मीटर की दूरी तक अपने शिकार को देख सकता है। यह सांप अपनी लंबाई के एक तिहाई हिस्से को जमीन से उठा सकता है। किंग कोबरा अपने शिकार में जहर की इतनी ज्यादा मात्रा भर देता है कि इंसान 15 मिनट में और एक वयस्क हाथी कुछ ही घंटों में मर सकता है।
धारीदार करैत दुनिया का चौथा सबसे जहरीला सांप है। यह सांप दिन के समय काफी धीमी गति से चलता है और अंधेरे के बाद इसके काटने की संभावना अधिक होती है। जर्नल पीएलओएस नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज में प्रकाशित 2016 के एक अध्ययन के अनुसार, धारीदार करैत सांप का जहर मांसपेशियों को पंगु बना सकता है और डायाफ्राम को हिलने से रोक सकता है। यह हवा को फेफड़ों में प्रवेश करने से रोकता है, जिसके परिणामस्वरूप घुटन होती है।
सॉ-स्केल्ड वाइपर दुनिया का पांचवा सबसे जहरीला सांप है। यह भारत में बिग फोर का सबसे छोटा सदस्य है। इस सांप को भारत में सबसे अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। सॉ-स्केल्ड वाइपर दूसरे सांपों की तरह "हिसिंग" ध्वनि के बजाय खतरे के समय अपने दांतेदार त्वचा को बजाकर चेतावनी देता है। इस सांप के काटने के बाद खून का थक्का जमना बंद हो जाता है।
रसेल वाइपर दुनिया का छठां सबसे जहरीला सांप है। पीएलओएस नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, भारत में हर साल सांप के काटने से होने वाली मौतों में रसेल वाइपर शीर्ष पर है। रसेल वाइपर सांप भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में बहुत बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम के अनुसार, ईस्टर्न टाइगर स्नैक दुनिया का सातवां सबसे जहरीला सांप है। इसका नाम उसके शरीर पर पीले और काले रंग की धारियों पर रखा गया है। ईस्टर्न टाइगर सांप क्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया के पहाड़ों और घास के मैदानों में पाए जाते हैं। एडीलेड विश्वविद्यालय के अनुसार, इस सांप के काटने के बाद केवल 15 मिनट में मनुष्य की मौत हो सकती है।
बूमस्लैंग या ग्रीन ट्री स्नेक दुनिया का आठवां सबसे जहरीला सांप है। इस सांप के काटने के चंद घंटे में इंसान के आंखों, फेफड़ों, गुर्दे, हृदय और मस्तिष्क से आंतरिक रक्तस्राव होने लगता है। अगर इसे समय पर नहीं रोका गया तो मौत निश्चित होती है। बूमस्लैंग सांप को पूरे अफ्रीका में पाया जा सकता है, लेकिन मुख्य रूप से स्वाज़ीलैंड, बोत्सवाना, नामीबिया, मोज़ाम्बिक और ज़िम्बाब्वे में रहता है।
जर्नल टॉक्सिकॉन में प्रकाशित 1984 के एक पेपर के अनुसार, फेर-डी-लांस (बोथ्रोप्स एस्पर) के काटने से व्यक्ति के शरीर के टिश्यू गलने लगते हैं। काटे गए स्थान पर इसका प्रभाव काफी ज्यादा देखने को मिलता है। मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले ये सांप 3.9 और 8.2 फीट (1.2 और 2.5 मीटर) लंबे हो सकते हैं। इसे मध्य अमेरिका में सर्पदंश के जहर के लगभग आधे हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं।
अफ्रीका का सबसे घातक सांप ब्लैक माम्बा (डेंड्रोस्पिस पॉलीलेपिस) जहर की सिर्फ दो बूंदों से एक व्यक्ति को मार सकता है। उनके मुंह के अंदर गहरे काले रंग के कारण इसे ब्लैक माम्बा कहा जाता है, हालांकि इसरा रंग भूरा होता है। ब्लैक माम्बा की लंबाई औसतन लगभग 8 फीट (2.5 मीटर) होती है। यह सांप 12 मील प्रति घंटे (19 किमी/घंटा) की गति से चल सकता है।