युद्ध को हमेशा मैन और मशीनरी के बेहतरीन तालमेल से ही जीता जाता है। इनमें से अगर कोई भी चीज मौके पर धोखा दे जाए तो छोटे से छोटे युद्ध में भी महाशक्तिशाली देश की हार तय है। यही कारण है कि दुनिया का हर देश अपनी सेना को आधुनिक बनाने के लिए संख्या की जगह ताकत और आधुनिकता को महत्व दे रहा है। ऐसे में आज हम आपको दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी भी युद्ध का पासा पलट सकते हैं।
अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन का एफ-35 लाइटनिंग II दुनिया का सबसे ताकतवर पांचवीं पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है। यह सिंगल सीट, सिंगल इंजन, सभी मौसमों में उड़ान भरने वाला स्टील्थ मल्टीरोल लड़ाकू विमान है। इस विमान का इंट्रीग्रेटेड सेंसर पैकेज और आधुनिक हथियारों के साथ पैंतरेबाजी करने की ताकत इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती हैं।
एफ-22 रैप्टर को लॉकहीड मार्टिन और बोइंग ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह एक सिंगल सीटर, ट्विन-इंजन, ऑल वेदर स्टील्थ एयर सुपिरिओरिटी लड़ाकू विमान है। अमेरिका ने अबतक एफ-22 के 195 यूनिट्स को बनाया है, जिनमें से 8 विमान टेस्टिंग के लिए रखे गए हैं। बाकी के 187 एफ-22 रैप्टर अमेरिका वायु सेना में ऑपरेशनल हैं। यह विमान इतनी खतरनाक तकनीकी से लैस है कि इसे अमेरिका ने किसी भी दूसरे देश को नहीं बेचा है।
चीन के जे-20 लड़ाकू विमान को माइटी ड्रैगन के नाम से जाना जाता है। यह लड़ाकू विमान आवाज से दोगुनी तेज रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसे चीन की चेंगदू एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ने बनाया है। चीन दावा करता है कि यह लड़ाकू विमान स्टील्थ तकनीकी से लैस है, जिसे कोई भी रडार नहीं पकड़ सकता है। J-20 की बेसिक रेंज 1,200 किलोमीटर है जिसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। J-20 की लंबाई 20.3 मीटर से 20.5 मीटर के बीच है।
रूस का सुखोई एसयू-57 लड़ाकू विमान भी दुनिया के सबसे ताकतवर विमानों में शुमार है। एसयू-57 को यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी सुखोई ने बनाया है। यह पांचवीं पीढ़ी का सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन, मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है। इस विमान को पहले पीएके एफए और टी-50 के नाम से जाना जाता था। Su-57 लड़ाकू विमान खर्च के मामले में भी लॉकहीड मॉर्टिन के F-35 से सस्ता है। इसकी डिजाइन और एवियोनिक्स भी ज्यादा एरोडॉयनामिक्स हैं।
यूरोफाइटर टाइफून नई जेनरेशन का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है। इसे दुनिया के सबसे ताकवर विमानों में से एक माना जाता है। यह एक फोरप्लेन/डेल्टा विंग एयरक्राफ्ट है जो आधुनिक एवियोनिक्स और सेंसर, डिफेंसिव एड्स सब सिस्टम (डीएएसएस) और आधुनिकतम हथियारों से लैस है। इसमें 27 एमएम की गन, एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड, एंटी शिप और प्रिसिजन गाइडेड मिसाइलों को तैनात किया जा सकता है। इस विमान को ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी समेत कई देशों ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
सुखोई एसयू-35 रूसी वायु सेना में शामिल पांचवीं पीढ़ी के अब तक के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में से एक है। इसे 4++ पीढ़ी का लड़ाकू विमान माना जाता है। यह ऑल वेदर, मल्टीपरपज विमान एयर सुपिरियॉरिटी के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें लंबी और छोटी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के अलावा जमीन पर सटीक निशाना लगाने वाले बम, रॉकेट और दूसरे हथियारों को तैनात किया जा सकता है। यह विमान अपने 14 हॉर्ड पाइंट में 8 टन वजनी हथियार लेकर उड़ान भर सकता है।
अमेरिकी कंपनी बोइंग का एफ/ए-18ई/एफ सुपर हॉर्नेट युद्ध के क्षेत्र में जांचा परखा लड़ाकू विमान है। यह F/A-18C/D हॉर्नेट का एक बड़ा और बेहतरीन अपग्रेडेड वर्जन है। सुपर हॉर्नेट अमेरिकी नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना में तैनात है। इस विमान की टॉप स्पीड 1,915 किलोमीटर प्रति घंटा, जबकि रेंज 3,330 किलोमीटर की है। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक का एफ414 इंजन लगा हुआ है।
राफेल फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन का बनाया हुआ एक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। भारत ने भी राफेल की 36 यूनिट की खरीद की है। इनमें से 35 की डिलीवरी तय समय से पहले ही की जा चुकी है। राफेल लड़ाकू विमान की टॉप स्पीड 1912 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसके अलावा यह एक बार में 3700 किलोमीटर की रेंज में उड़ान भर सकता है। एक राफेल विमान का वजन औसतन 9979 किलोग्राम होता है। इस विमान में 30 मिमी का एक ऑटोकैनन भी लगा हुआ है।
F-15E स्ट्राइक ईगल को अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी बोइंग ने बनाया है। यह नेक्स्ट जेनरेशन का एक बेहतर मल्टीरोल स्ट्राइक फाइटर एयरक्राफ्ट है। F-15E को अमेरिकी वायु सेना की रीढ़ माना जाता है। एफ-15ई लड़ाकू विमान 10 टन तक का पेलोड़ लेकर जा सकता है। इसमें ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक मुनिशन, AGM-130 स्टैंडऑफ वेपन सिस्टम, AIM-120 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं।
भारतीय वायु सेना का सुखोई-30एमकेआई भी दुनिया के 10 ताकतवर लड़ाकू विमानों में शामिल है। यह ट्विन सीट, लॉन्ग रेंज, मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इस विमान को मूल रूप से रूस के सुखोई ने डिजाइन किया है। भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लाइसेंस के तहत रूस के सुखोई-30 का उत्पादन कर उसमें जरूरी बदलाव करती है। इस कारण इसका नाम सुखोई-30एमकेआई है। Su-30MKI ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों सहित हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों की एक लंबी सीरीज लेकर जा सकता है।