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गमगीन माहौल में निकला 72 ताबूतों का जुलूस

बड़ा इमामबाड़ा परिसर में गमगीन माहौल में 72 ताबूतों का जुलूस निकाला गया। कर्बला के इन शहीदों की याद में शुक्रवार को जुलूस में बड़ी संख्या में अजादार शामिल हुए।

नवभारत टाइम्स 12 Nov 2016, 11:01 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम 72 taboot procession was taken out in lucknow
गमगीन माहौल में निकला 72 ताबूतों का जुलूस


बड़ा इमामबाड़ा परिसर में गमगीन माहौल में 72 ताबूतों का जुलूस निकाला गया। कर्बला के इन शहीदों की याद में शुक्रवार को जुलूस में बड़ी संख्या में अजादार शामिल हुए। शायर कैसर जौनपुरी ने जब आसिफी इमामबाड़े में इन शहीदों पर आई मुसीबतों का जिक्र किया तो सोगवारों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान हजरत इमाम हुसैन की चार साल की बेटी सकीना की कैदखाने में शहादत का जिक्र भी किया गया, जिससे सुनकर महिलाएं बच्चे फफक-फफक कर रोने लग।

जुलूस इमामबाड़ा परिसर में ही समाप्त हुआ। जुलूस में इमाम हुसैन उनके 18 बरस के बेटे जनाबे अली अकबर, 11 बरस के भतीजे हजरत कासिम, नौ और 11 बरस के भांजे आन व मोहम्मद के ताबूतों के साथ ही इमाम के छह माह के शीरख्वार अली असगर का झूला भी मौजूद था। वहीं, अन्य शहीदों की याद में निकाले गए ताबूत को देखकर अजादारों की आंखें नम हो गईं।

इमामबाड़े में सभी ताबूत रात 12 बजे लोगों के दर्शन के लिए रखे गए, यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। इससे पहले मजलिस को मौलाना तकी रजा ने खिताब किया। ताबूतों की जियारत करने बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं इमामबाड़ा परिसर में पहुंची थीं। इस जुलूस का इंतजाम शीशमहल की अंजुमन-ए-शब्बीरिया ने किया था।मौलाना तकी रजा ने इमाम हुसैन व उनके साथियों का मदीना से कर्बला का सफर और इमाम हुसैन की शहादत बयान की।

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