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'सुख भोग का त्याग आवश्यक है'

मनुष्य जितना सुख भोगेगा, वह उतना ही सुख का दास बनेगा और वह जितना सुख का दास बनेगा उतना ही वह दुख...

नवभारत टाइम्स 20 May 2016, 10:49 am
नई दिल्ली
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'सुख भोग का त्याग आवश्यक है'

श्री संकट मोचन धाम 108 फीट हनुमान मंदिर लिंक रोड, करोलबाग में यज्ञ अनुष्ठान के अवसर पर महंत ओमप्रकाश गिरि ने कहा कि जो व्यक्ति दूसरों को सुख पहुंचाता है, वह वास्तव में अपने को सुखी बनाता है। इसके विपरीत जो दूसरों का अनिष्ट करता है, वह वास्तव में अपना ही अनिष्ट करता है।

सेठी पार्क, कालका जी में सत्संग के अवसर पर मानस मधुकर आचार्य कौशल किशोर मिश्र (श्रावस्ती) ने कहा कि मनुष्य जितना सुख भोगेगा, वह उतना ही सुख का दास बनेगा और वह जितना सुख का दास बनेगा उतना ही वह दुख भोगेगा, इसलिए सुख-भोग का त्याग आवश्यक है।

ध्यान साधना शिविर: अहिंसा भवन, आचार्य सुशील आश्रम, राजेंद्र नगर में विश्व अहिंसा संघ के तत्वावधान और श्री विवेक मुनि जी के सान्निध्य में एक सप्ताह का प्राणायाम ध्यान साधना शिविर आयोजित किया गया। शिविर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को प्राणायाम, स्मरण शक्ति, एकाग्रता, मस्तिष्क विकास, आत्मविश्वास, मानसिक शांति और सर्वांगीण विकास का प्रशिक्षण दिया गया।

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