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इस तरह मना अर्जुन देव का शहीदी दिवस

नवभारत टाइम्स 30 May 2017, 10:54 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम gurudwara

लखनऊ में सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव का शहीदी दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। शहरके यहियागंज गुरुद्वारा में दिल्ली से आए रागी भाई गुरुफतेह सिंह शांत और पटियाला के तरनजीत सिंह निमाना ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। सुबह सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान शुरू हुआ। चालीस दिन से चल रहे लड़ीवार पाठ की समाप्ति के बाद लंगर का वितरण हुआ।

वहीं नाका गुरुद्वारा में विशेष सजावट की गई। अखंड साहिब पाठ की समाप्ति के बाद हजूरी रागी जत्था भाई रजिंदर सिंह ने 'आसा दी वार' की पवित्र वाणी का शबद कीर्तन किया। दरबार साहिब श्रीअमृतसर से आए हजूरी रागी जत्था भाई कुलदीप सिंह ने 'जिसके सिर ऊपर तू स्वामी सो दुख कैसा पावै' सुनाकर संगत को निहाल किया।

ज्ञानी दविंदर सिंह ने बताया कि गुरु अर्जुन देव जी ने सभी गुरुओं और भक्तों की वाणियों को संकलित कर ग्रंथ तैयार किया था। वहीं, भाई प्रीतम सिंह गोरखपुरी के साथ ही माता गुजरी सत्संग सभा की तरफ से भी शबद कीर्तन किया गया। चालीस दिवसीय लड़ीवार पाठ की समाप्ति पर माता गुजरी सत्संग सभा और समूह संगत को सिरोपा भेंट किया गया। इस मौके पर सिख सेवक जत्था, सिख यंग मेंस असोसिएशन, दशमेश सेवा सोसायटी, सुखमनी साहिब सेवा सोसायटी, अमृत सेवक जत्था और खालसा इंटर कॉलेज के बच्चों ने लंगर बांटा।

जबकि बाराबंकी के लाजपतनगर गुरुद्वारे में भी सोमवार को सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव का शहीदी दिवस मनाया गया। शुरुआत बच्चियों के कीर्तन से हुई। इसके बाद अंबाला से आए कथावाचक ज्ञानी गुरजोत सिंह नलवी ने गुरु महाराज का इतिहास बताते हुए लोगों से कहा कि सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके बाद अरदास हुई और लंगर का वितरण किया गया।

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