नई दिल्ली: बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स भारत की झोली में कुल 61 मेडल आए। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन माना जा सकता है। बर्मिंघम में भारत 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल के साथ अपने अभियान का अंत किया। वहीं पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने कुल 66 मेडल जीते थे। कॉमनवेल्थ में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010, नई दिल्ली का था जिसमें 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 101 पदक जीते थे। उस साल भारत इंग्लैंड के बाद मेडल टैली में दूसरे नंबर पर था। हालांकि इसके बावजूद कॉमनवेल्थ गेम्स 2022, नई दिल्ली कॉमनवेल्थ से बेहतर रहा है। इसके पीछे का कारण यह है कि बर्मिंघम में कई ऐसे खेलों को शामिल नहीं किया गया जो 2010 में शामिल थे। इसमें शूटिंग, ग्रीको रोमन कुश्ती, तीरंदाजी और टेनिस नहीं था। नई दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने निशानेबाजी से 30, तीरंदाजी से आठ, ग्रीको-रोमन कुश्ती से सात और टेनिस से चार पदक जीते थे। इस तरह दिल्ली में भारत ने सिर्फ चार खेलों में ही लगभग 50 मेडल जीत लिए थे, जो कि बर्मिंघम में शामिल नहीं था। वहीं इसकी एक निष्पक्ष तुलना की जाए तो बर्मिंघम में लॉन बॉल्स से गोल्ड और सिल्वर, क्रिकेट सिल्वर और जूडो मेडल भी हटा भी ले तब भी 2010 से बर्मिंघम का प्रदर्शन बेहतर माना जा सकता है क्योंकि ये सभी खेल 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी शामिल नहीं थे। ऐसे में 2010 में जो खेल कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल थे अगर वह बर्मिंघम में भी होते तो शायद मेडल टैली में भारत की स्थिति कहीं और बेहतर हो सकती थी।
हालांकि 2022 कॉमनवेल्थ के मेडल टैली में बिना शूटिंग जैसों से खेलों के 61 पदकों के साथ भारत चौथे स्थान पर रहा। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारतीय निशानेबाजों की धूम रही थी और सबसे अधिक मेडल यहीं से आए लेकिन इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स से इसे शामिल नहीं किया गया था। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग और रेसलिंग से भारत को सबसे अधिक मेडल हासिल हुए। इस साल भारत की झोली में कुल 66 पदक थे जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और इतने ही ब्रॉन्ज मेडल मिले थे।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में रेसलिंग और वेटलिफ्टिंग में भारत की धूम
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत की झोली में सबसे अधिक पदक रेसलिंग और वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता से आए। भारत 18वीं बार इन खेलों में हिस्सा ले रहा था और इसमें कुल 104 पुरुष और 103 महिलाओं ने हिस्सा लिया। यह खिलाड़ी 61 मेडल जीतने में कामयाब रहे। भारत ने 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल जीते। भारत के लिए पुरुषों ने 35 और महिलाओं ने 26 मेडल अपने नाम किए।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सबसे अधिक भारत को 12 मेडल रेसलिंग में हासिल हुए। इस खेल में भारत के पहलवानों ने कुल 6 गोल्ड, एक सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रहे। इसके बाद दूसरे स्थान पर वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता रहा। वेटलिफ्टिंग में भारत की झोली में कुल 10 मेडल आए। इसके बाद बॉक्सिंग रिंग में भी खिलाड़ियों ने धमाल मचाते हुए कुल 7 पदकों पर पंच लगाया।
वहीं टेबल टेनिस में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 7 पदक जीते जबकि बैडमिंटन में भारत की झोली में कुल 6 मेडल आए हैं। इसके अलावा एथलेटिक्स में कुल आठ पदक भारत की झोली में आए हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में देश पहली बार लॉन बॉल (एक गोल्ड, एक सिल्वर) में मेडल जीतने में कामयाब रहा। लॉन बॉल के अलावा पैरा लिफ्टिंग में एक, जूडो में तीन, हॉकी में दो, क्रिकेट में एक और स्क्वैश में भारत की झोली में दो मेडल आए।
2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं था शूटिंग
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए सबसे अधिक मेडल शूटिंग प्रतियोगिता से हासिल हुई थी। इस कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत लिए रिकॉर्ड 16 मेडल शूटिंग में जीते गए थे। हालांकि 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में इस खेल को ही शामिल नहीं किया गया जिसके कारण पदकों की संख्या काफी कम हो गई।
शूटिंग को नहीं शामिल किए जाने के कारण इसका काफी विरोध भी हुआ था लेकिन बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजकों ने इसके पीछ तर्क दिया कि शहर में अच्छे शूटिंग रेंज नहीं हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों के कारण इस खेल को शामिल नहीं किया जा सकता है।
भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण था शूटिंग गेम
भारत ने हर बार कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना बेस्ट प्रदर्शन किया है। 2018 में भारतीय टीम ने कुल 16 मेडल अपने नाम किए थे और मेडल टैली में भारत को तीसरे स्थान तक पहुंचाया था। अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 63 गोल्ड मेडल के साथ कुल 135 मेडल शूटिंग में ही हासिल किए हैं। शूटिंग के सहारे भारत की मेडल टैली हमेशा से ही मजबूत रही है।
सिर्फ शूटिंग ही नहीं कॉमनवेल्थ गेम्स के मेन लिस्ट में कुल 15 खेल ऐसे होते हैं, जिन्हें हर बार शामिल करना जरूरी होता है। इस लिस्ट में पहले केवल 10 खेल ही शामिल थे। साल 2018 में इस लिस्ट में 5 नए खेलों को जोड़ा गया था। वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग एक ऑप्शनल खेल है। कॉमनवेल्थ गेम्स की 15 खेलों की मेन लिस्ट में ये शामिल नहीं है। ऑप्शनल स्पोर्ट को रखना या न रखना होस्ट के ऊपर निर्भर करता है। इस बार बर्मिंघम ने ऑप्शनल स्पोर्ट्स की लिस्ट से शूटिंग को शामिल नहीं किया है।
हालांकि 2022 कॉमनवेल्थ के मेडल टैली में बिना शूटिंग जैसों से खेलों के 61 पदकों के साथ भारत चौथे स्थान पर रहा। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारतीय निशानेबाजों की धूम रही थी और सबसे अधिक मेडल यहीं से आए लेकिन इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स से इसे शामिल नहीं किया गया था। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग और रेसलिंग से भारत को सबसे अधिक मेडल हासिल हुए। इस साल भारत की झोली में कुल 66 पदक थे जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और इतने ही ब्रॉन्ज मेडल मिले थे।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में रेसलिंग और वेटलिफ्टिंग में भारत की धूम
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत की झोली में सबसे अधिक पदक रेसलिंग और वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता से आए। भारत 18वीं बार इन खेलों में हिस्सा ले रहा था और इसमें कुल 104 पुरुष और 103 महिलाओं ने हिस्सा लिया। यह खिलाड़ी 61 मेडल जीतने में कामयाब रहे। भारत ने 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल जीते। भारत के लिए पुरुषों ने 35 और महिलाओं ने 26 मेडल अपने नाम किए।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सबसे अधिक भारत को 12 मेडल रेसलिंग में हासिल हुए। इस खेल में भारत के पहलवानों ने कुल 6 गोल्ड, एक सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रहे। इसके बाद दूसरे स्थान पर वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता रहा। वेटलिफ्टिंग में भारत की झोली में कुल 10 मेडल आए। इसके बाद बॉक्सिंग रिंग में भी खिलाड़ियों ने धमाल मचाते हुए कुल 7 पदकों पर पंच लगाया।
वहीं टेबल टेनिस में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 7 पदक जीते जबकि बैडमिंटन में भारत की झोली में कुल 6 मेडल आए हैं। इसके अलावा एथलेटिक्स में कुल आठ पदक भारत की झोली में आए हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में देश पहली बार लॉन बॉल (एक गोल्ड, एक सिल्वर) में मेडल जीतने में कामयाब रहा। लॉन बॉल के अलावा पैरा लिफ्टिंग में एक, जूडो में तीन, हॉकी में दो, क्रिकेट में एक और स्क्वैश में भारत की झोली में दो मेडल आए।
2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं था शूटिंग
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए सबसे अधिक मेडल शूटिंग प्रतियोगिता से हासिल हुई थी। इस कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत लिए रिकॉर्ड 16 मेडल शूटिंग में जीते गए थे। हालांकि 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में इस खेल को ही शामिल नहीं किया गया जिसके कारण पदकों की संख्या काफी कम हो गई।
शूटिंग को नहीं शामिल किए जाने के कारण इसका काफी विरोध भी हुआ था लेकिन बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजकों ने इसके पीछ तर्क दिया कि शहर में अच्छे शूटिंग रेंज नहीं हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों के कारण इस खेल को शामिल नहीं किया जा सकता है।
भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण था शूटिंग गेम
भारत ने हर बार कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना बेस्ट प्रदर्शन किया है। 2018 में भारतीय टीम ने कुल 16 मेडल अपने नाम किए थे और मेडल टैली में भारत को तीसरे स्थान तक पहुंचाया था। अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 63 गोल्ड मेडल के साथ कुल 135 मेडल शूटिंग में ही हासिल किए हैं। शूटिंग के सहारे भारत की मेडल टैली हमेशा से ही मजबूत रही है।
सिर्फ शूटिंग ही नहीं कॉमनवेल्थ गेम्स के मेन लिस्ट में कुल 15 खेल ऐसे होते हैं, जिन्हें हर बार शामिल करना जरूरी होता है। इस लिस्ट में पहले केवल 10 खेल ही शामिल थे। साल 2018 में इस लिस्ट में 5 नए खेलों को जोड़ा गया था। वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग एक ऑप्शनल खेल है। कॉमनवेल्थ गेम्स की 15 खेलों की मेन लिस्ट में ये शामिल नहीं है। ऑप्शनल स्पोर्ट को रखना या न रखना होस्ट के ऊपर निर्भर करता है। इस बार बर्मिंघम ने ऑप्शनल स्पोर्ट्स की लिस्ट से शूटिंग को शामिल नहीं किया है।