नई दिल्ली: पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री एशिया कप में भारतीय टीम के चयन से खुश नहीं हैं। पाकिस्तान और फिर श्रीलंका जैसी कमजोर टीम से हारने के बाद तो उन्होंने जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। शास्त्री टीम में सिर्फ चार पेसर रखने से भी हैरत में हैं। 60 वर्षीय पूर्व भारतीय क्रिकेटर की माने तो इतना इतना शानदार आईपीएल गुजरने के बाद मोहम्मद शमी जैसे प्लेयर को नजरअंदाज करना समझ से परे है। वह अनुभवी शमी को मैदान की बजाय अपने घर पर बैठे देखने से हैरान हैं।
IPL में जीत के हीरो थे शमी
शास्त्री का ये बयान उस वक्त सामने आया जब भारतीय टीम मंगलवार को एशिया कप के अपने सुपर फोर-स्टेज मैच में श्रीलंका से हार गई। छह विकेट से मिली इस हार के बाद भारतीय टीम का टूर्नामेंट से बाहर होना लगभग तय माना जा रहा है। शमी ने भारत के लिए आखिरी टी-20 मैच पिछले साल वर्ल्ड कप में खेला था। तब से वह टीम से बाहर ही चल रहे हैं जबकि आईपीएल 2022 में नई टीम गुजरात टाइटंस को चैंपियन बनाने में उन्होंने अहम रोल अदा किया था। 16 मैचों में 24.40 की औसत के साथ 20 विकेट चटकाए थे।
भारत ने सिर्फ 17 टी-20 मैच खिलाए
शास्त्री ने ब्रॉडकास्टर्स से कहा, 'मैं काफी हैरान था कि आप यहां सिर्फ 4 तेज गेंदबाजों के साथ आए। आपको एक एक्स्ट्रा पेसर की जरूरत थी। मोहम्मद शमी जैसा सीनियर प्लेयर घर बैठा हुआ, मुझे काफी चकित करता है। विशेष रूप से, शमी ने न्यूजीलैंड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में भाग नहीं लिया। उन्हें आयरलैंड, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ दूर के लिए भी नहीं चुना गया था। शमी ने 17 टी-20 में 31.55 की औसत से 18 शिकार किए हैं। 2014 में मीरपुर में पाकिस्तान के खिलाफ अपना टी-20 डेब्यू किया था।
बेअसर रहा भुवी जैसा सीनियरजसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर पेसर के चोटिल होने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने अनुभवी मोहम्मद शमी की जगह आवेश खान और अर्शदीप सिंह सरीखे युवाओं पर भरोसा जताया। टीम में भुवनेश्वर कुमार सबसे सीनियर गेंदबाज थे। पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच छोड़कर किसी भी मुकाबले में वह भी बेरंग ही नजर आए। सुपर-4 में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ 19वां ओवर फेंकते हुए भुवी इतने महंगे साबित हुए कि भारत को मैच ही गंवाना पड़ा।
IPL में जीत के हीरो थे शमी
शास्त्री का ये बयान उस वक्त सामने आया जब भारतीय टीम मंगलवार को एशिया कप के अपने सुपर फोर-स्टेज मैच में श्रीलंका से हार गई। छह विकेट से मिली इस हार के बाद भारतीय टीम का टूर्नामेंट से बाहर होना लगभग तय माना जा रहा है। शमी ने भारत के लिए आखिरी टी-20 मैच पिछले साल वर्ल्ड कप में खेला था। तब से वह टीम से बाहर ही चल रहे हैं जबकि आईपीएल 2022 में नई टीम गुजरात टाइटंस को चैंपियन बनाने में उन्होंने अहम रोल अदा किया था। 16 मैचों में 24.40 की औसत के साथ 20 विकेट चटकाए थे।
भारत ने सिर्फ 17 टी-20 मैच खिलाए
शास्त्री ने ब्रॉडकास्टर्स से कहा, 'मैं काफी हैरान था कि आप यहां सिर्फ 4 तेज गेंदबाजों के साथ आए। आपको एक एक्स्ट्रा पेसर की जरूरत थी। मोहम्मद शमी जैसा सीनियर प्लेयर घर बैठा हुआ, मुझे काफी चकित करता है। विशेष रूप से, शमी ने न्यूजीलैंड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में भाग नहीं लिया। उन्हें आयरलैंड, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ दूर के लिए भी नहीं चुना गया था। शमी ने 17 टी-20 में 31.55 की औसत से 18 शिकार किए हैं। 2014 में मीरपुर में पाकिस्तान के खिलाफ अपना टी-20 डेब्यू किया था।
बेअसर रहा भुवी जैसा सीनियरजसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर पेसर के चोटिल होने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने अनुभवी मोहम्मद शमी की जगह आवेश खान और अर्शदीप सिंह सरीखे युवाओं पर भरोसा जताया। टीम में भुवनेश्वर कुमार सबसे सीनियर गेंदबाज थे। पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच छोड़कर किसी भी मुकाबले में वह भी बेरंग ही नजर आए। सुपर-4 में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ 19वां ओवर फेंकते हुए भुवी इतने महंगे साबित हुए कि भारत को मैच ही गंवाना पड़ा।