नई दिल्ली
इंग्लैंड की मेजबानी में इस साल खेले गए वनडे वर्ल्ड कप के लिए अनदेखी किए जाने के बाद भारतीय टेस्ट कप्तान अजिंक्य रहाणे के लिए आत्मनिरीक्षण करना काफी सकारात्मक रहा। इसने उन्हें चीजों को स्वीकार करने में मदद की। जब भारतीय टीम के धुरंधर इंग्लैंड में वर्ल्ड कप खेल रहे थे, तब रहाणे काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। वह 2015 वर्ल्ड कप तक सफेद गेंद के लिए पहली पसंद रहे थे लेकिन इस घटना के बाद उन्होंने आत्मनिरीक्षण किया और उन्हें महसूस हुआ कि सफलता का पीछा करना हमेशा आदर्श नहीं होता। रहाणे ने कहा, ‘कभी-कभार हम सफलता का पीछा करने में ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं और तब हमें अचानक महसूस होता है कि हमें बैठकर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। जब मुझे 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम में नहीं चुना गया तो मैंने बिलकुल ऐसा ही किया।’
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विंडीज, साउथ अफ्रीका के खिलाफ शतक
साउथम्पटन में हैम्पशर के लिए खेलते हुए दो महीने रहने के दौरान उन्होंने आत्मनिरीक्षण किया। वेस्ट इंडीज दौरे पर उन्होंने वापसी की और तीन साल में पहला टेस्ट शतक जड़ा। इसके बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी एक सेंचुरी लगाई।
इंसान के तौर पर काफी सीखा
31 वर्षीय रहाणे ने कहा, ‘इस समय मैं बहुत अच्छी स्थिति में हूं और यह वेस्ट इंडीज सीरीज से शुरू हुआ। मैं इंग्लैंड में था, काउंटी क्रिकेट खेल रहा था जिस दौरान मैंने सिर्फ क्रिकेटर के तौर पर नहीं बल्कि इंसान के तौर पर काफी कुछ सीखा।’
कभी पैदल, कभी कॉफी पीते सोचता था
उन्होंने कहा, ‘दो महीनों में मैंने 7 मैच खेले, इसलिए मैंने सिर्फ मैदान के अंदर की चीजें नहीं सीखीं बल्कि मैदान के बाहर की बातें भी सीखीं। कभी पार्क में अकेला पैदल चला, कभी जॉगिंग की, कभी आराम से बैठकर कॉफी पीते हुए पिछले दिनों के बारे में सोचता था। यह भी सोचता कि जब मैंने अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था, उससे पहले जब मैं क्लब क्रिकेट या उम्र ग्रुप के क्रिकेट खेलता था तो कैसा महसूस करता था।’
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द्रविड़ बने 'गाइड'
कैरेबियाई टूर में खेलने से पहले रहाणे ने राहुल द्रविड़ से भी बातचीत की और उनसे बेहतर ‘गाइड’ उनके लिए कोई और नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा, ‘राहुल भाई से बातचीत ने भी मेरी मदद की कि मुझे अपनी बल्लेबाजी को बिलकुल आसान रखना चाहिए। एक बार में एक मैच के बारे में सोचो। पॉजिटिव सोच रखो। अब अच्छी स्थिति में हूं। जो पहले हुआ, वह हो चुका है। अब आगे की बातों के बारे में सोचना होगा।'
रहाणे ने अब तक करियर में 90 वनडे, 63 टेस्ट और 20 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले हैं। उन्होंने वनडे में कुल 2962, टेस्ट में 43.74 की ऐवरेज से 4112 और टी20 इंटरनैशनल में 375 रन बनाए हैं। उन्होंने हाल में रणजी ट्रोफी में मुंबई के लिए बड़ौदा के खिलाफ 79 रन की दमदार पारी खेली थी।
इंग्लैंड की मेजबानी में इस साल खेले गए वनडे वर्ल्ड कप के लिए अनदेखी किए जाने के बाद भारतीय टेस्ट कप्तान अजिंक्य रहाणे के लिए आत्मनिरीक्षण करना काफी सकारात्मक रहा। इसने उन्हें चीजों को स्वीकार करने में मदद की। जब भारतीय टीम के धुरंधर इंग्लैंड में वर्ल्ड कप खेल रहे थे, तब रहाणे काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। वह 2015 वर्ल्ड कप तक सफेद गेंद के लिए पहली पसंद रहे थे लेकिन इस घटना के बाद उन्होंने आत्मनिरीक्षण किया और उन्हें महसूस हुआ कि सफलता का पीछा करना हमेशा आदर्श नहीं होता।
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विंडीज, साउथ अफ्रीका के खिलाफ शतक
साउथम्पटन में हैम्पशर के लिए खेलते हुए दो महीने रहने के दौरान उन्होंने आत्मनिरीक्षण किया। वेस्ट इंडीज दौरे पर उन्होंने वापसी की और तीन साल में पहला टेस्ट शतक जड़ा। इसके बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी एक सेंचुरी लगाई।
इंसान के तौर पर काफी सीखा
31 वर्षीय रहाणे ने कहा, ‘इस समय मैं बहुत अच्छी स्थिति में हूं और यह वेस्ट इंडीज सीरीज से शुरू हुआ। मैं इंग्लैंड में था, काउंटी क्रिकेट खेल रहा था जिस दौरान मैंने सिर्फ क्रिकेटर के तौर पर नहीं बल्कि इंसान के तौर पर काफी कुछ सीखा।’
कभी पैदल, कभी कॉफी पीते सोचता था
उन्होंने कहा, ‘दो महीनों में मैंने 7 मैच खेले, इसलिए मैंने सिर्फ मैदान के अंदर की चीजें नहीं सीखीं बल्कि मैदान के बाहर की बातें भी सीखीं। कभी पार्क में अकेला पैदल चला, कभी जॉगिंग की, कभी आराम से बैठकर कॉफी पीते हुए पिछले दिनों के बारे में सोचता था। यह भी सोचता कि जब मैंने अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था, उससे पहले जब मैं क्लब क्रिकेट या उम्र ग्रुप के क्रिकेट खेलता था तो कैसा महसूस करता था।’
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द्रविड़ बने 'गाइड'
कैरेबियाई टूर में खेलने से पहले रहाणे ने राहुल द्रविड़ से भी बातचीत की और उनसे बेहतर ‘गाइड’ उनके लिए कोई और नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा, ‘राहुल भाई से बातचीत ने भी मेरी मदद की कि मुझे अपनी बल्लेबाजी को बिलकुल आसान रखना चाहिए। एक बार में एक मैच के बारे में सोचो। पॉजिटिव सोच रखो। अब अच्छी स्थिति में हूं। जो पहले हुआ, वह हो चुका है। अब आगे की बातों के बारे में सोचना होगा।'
रहाणे ने अब तक करियर में 90 वनडे, 63 टेस्ट और 20 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले हैं। उन्होंने वनडे में कुल 2962, टेस्ट में 43.74 की ऐवरेज से 4112 और टी20 इंटरनैशनल में 375 रन बनाए हैं। उन्होंने हाल में रणजी ट्रोफी में मुंबई के लिए बड़ौदा के खिलाफ 79 रन की दमदार पारी खेली थी।