मुंबई
आईपीएल को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आईपीएल का पहला मैच 9 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही खेला जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को एक बार फिर कड़े शब्दों में फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य भयंकर सूखे की चपेट में है और बोर्ड राज्य में आईपीएल मैचों का आयोजन करवाने वाली याचिका पर दलीलें दे रहा है।
इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार से आगामी मंगलवार तक यह बयान देने के लिए कहा है कि स्टेडियम में दिये जाने वाला पानी पीने योग्य होगा या नहीं।
कोर्ट ने राज्य सरकार से इस बात की भी जांच करने के लिए कहा है कि अगर सरकार केवल 22 हजार लीटर पीने योग्य पानी की सप्लाई कर रही है तो बीसीसीआई को बाकी पानी कहां से मिल रहा है।
कोर्ट ने कहा- मामला प्राथमिकता का है- खेल या लोग आप क्या चाहते हैं? जब लोग मर रहे हों तो क्या आप गार्डन और स्टेडियम के रखरखाव में जुटे रहेंगे? क्या आप यही कहना चाहते हैं? अदालत ने यह टिप्पणी तक की जब बोर्ड ने मैचों को राज्य से बाहर शिफ्ट करने के विरोध में अपनी दलील दी थी।
कोर्ट ने एमसीए के वकील से कहा खेल को प्राथमिकता दीजिए और लोगों को मरने दीजिए, लोग मर रहे हैं और आप पिच मेनटेन करना चाहते हैं? इस पर एमसीए के वकील ने कहा कि मैच के सिर्फ 4 दिन पहले ही याचिका क्यों दाखिल की गई जबकि कार्यक्रम काफी समय पहले ही घोषित हो चुका था।
एक आंकड़े के अनुसार आईपीएल के मैचों के दौरान पिचों को तैयार करने में करीब 60 लाख लीटर पानी खर्च होगा। सूखाग्रस्त महाराष्ट्र राज्य के मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में आईपीएल के 20 मैच खेले जाएंगे।
आईपीएल को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आईपीएल का पहला मैच 9 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही खेला जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को एक बार फिर कड़े शब्दों में फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य भयंकर सूखे की चपेट में है और बोर्ड राज्य में आईपीएल मैचों का आयोजन करवाने वाली याचिका पर दलीलें दे रहा है।
इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार से आगामी मंगलवार तक यह बयान देने के लिए कहा है कि स्टेडियम में दिये जाने वाला पानी पीने योग्य होगा या नहीं।
कोर्ट ने राज्य सरकार से इस बात की भी जांच करने के लिए कहा है कि अगर सरकार केवल 22 हजार लीटर पीने योग्य पानी की सप्लाई कर रही है तो बीसीसीआई को बाकी पानी कहां से मिल रहा है।
कोर्ट ने कहा- मामला प्राथमिकता का है- खेल या लोग आप क्या चाहते हैं? जब लोग मर रहे हों तो क्या आप गार्डन और स्टेडियम के रखरखाव में जुटे रहेंगे? क्या आप यही कहना चाहते हैं? अदालत ने यह टिप्पणी तक की जब बोर्ड ने मैचों को राज्य से बाहर शिफ्ट करने के विरोध में अपनी दलील दी थी।
कोर्ट ने एमसीए के वकील से कहा खेल को प्राथमिकता दीजिए और लोगों को मरने दीजिए, लोग मर रहे हैं और आप पिच मेनटेन करना चाहते हैं? इस पर एमसीए के वकील ने कहा कि मैच के सिर्फ 4 दिन पहले ही याचिका क्यों दाखिल की गई जबकि कार्यक्रम काफी समय पहले ही घोषित हो चुका था।
एक आंकड़े के अनुसार आईपीएल के मैचों के दौरान पिचों को तैयार करने में करीब 60 लाख लीटर पानी खर्च होगा। सूखाग्रस्त महाराष्ट्र राज्य के मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में आईपीएल के 20 मैच खेले जाएंगे।