नई दिल्ली: पूर्व भारतीय ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर को नेपाल क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। प्रभाकर श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर पुबुदु दासनायके की जगह लेंगे, जो जुलाई में अपने पद से त्यागपत्र देकर कनाडा क्रिकेट टीम के मुख्य कोच बन गए थे। 59 साल के प्रभाकर भारत की तरफ से 1984 से लेकर 1996 तक 39 टेस्ट और 130 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं।
पहले भी निभा चुके कोच की भूमिका
मनोज प्रभाकर दाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के साथ निचले क्रम के बल्लेबाज भी करते थे। कई मौकों पर भारत के लिए पारी की शुरुआत भी कर चुके हैं। प्रभाकर दिल्ली क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच और राजस्थान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की भूमिका निभा चुके हैं। दिसंबर 2015 में, उन्हें 2016 आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप अफगानिस्तान ने उन्हें अपना गेंदबाजी कोच बनाया था। वह टूर्नामेंट भारत में ही खेला गया था।
नेपाल क्रिकेट संघ के बयान के अनुसार प्रभाकर ने कहा, ‘नेपाल में क्रिकेट के प्रति रुचि, उनकी प्रतिभा और कौशल स्तर को देखते हुए मैं वास्तव में नेपाल क्रिकेट टीम के साथ काम करने और उसे एक मजबूत टीम बनाने के लिए उत्सुक हूं।’
विवादों से भरा रहा करियर1999 में प्रभाकर ने समाचार संगठन द्वारा मैच फिक्सिंग के खुलासे को ऑपरेशन में हिस्सा लिया था। हालांकि, फिर बीसीसीआई ने उनपर मैच फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप लगाया गया था और बाद में भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इससे पहले 1994 में उनकी धीमीं बल्लेबाजी के चलते भारत 4 रनों से मैच हार गया था। जबकि भारत को जीत के लिए नौ ओवर में 63 रन चाहिए थे। इस मैच के बाद भी उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। 2011 में खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं की खुली आलोचना करने के बाद उन्हें दिल्ली के कोच पद से हटा दिया गया था।
पहले भी निभा चुके कोच की भूमिका
मनोज प्रभाकर दाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के साथ निचले क्रम के बल्लेबाज भी करते थे। कई मौकों पर भारत के लिए पारी की शुरुआत भी कर चुके हैं। प्रभाकर दिल्ली क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच और राजस्थान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की भूमिका निभा चुके हैं। दिसंबर 2015 में, उन्हें 2016 आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप अफगानिस्तान ने उन्हें अपना गेंदबाजी कोच बनाया था। वह टूर्नामेंट भारत में ही खेला गया था।
नेपाल क्रिकेट संघ के बयान के अनुसार प्रभाकर ने कहा, ‘नेपाल में क्रिकेट के प्रति रुचि, उनकी प्रतिभा और कौशल स्तर को देखते हुए मैं वास्तव में नेपाल क्रिकेट टीम के साथ काम करने और उसे एक मजबूत टीम बनाने के लिए उत्सुक हूं।’
विवादों से भरा रहा करियर1999 में प्रभाकर ने समाचार संगठन द्वारा मैच फिक्सिंग के खुलासे को ऑपरेशन में हिस्सा लिया था। हालांकि, फिर बीसीसीआई ने उनपर मैच फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप लगाया गया था और बाद में भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इससे पहले 1994 में उनकी धीमीं बल्लेबाजी के चलते भारत 4 रनों से मैच हार गया था। जबकि भारत को जीत के लिए नौ ओवर में 63 रन चाहिए थे। इस मैच के बाद भी उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। 2011 में खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं की खुली आलोचना करने के बाद उन्हें दिल्ली के कोच पद से हटा दिया गया था।