नई दिल्ली
मेरिलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने हाल में क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। एमसीसी के मुताबिक बल्लेबाज को ‘बैट्समैन’नहीं बल्कि अब ‘बैटर’कहा जाएगा। महिला और पुरुष क्रिकेटरों के लिए सिर्फ एक शब्द का इस्तेमाल होगा और वह है 'बैटर'। एमसीसी के इस बड़े बदलाव पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरुर (Shashi Tharoor) ने सवाल उठाए हैं। थरुर का कहना है कि बैट्समैन को बैटर तो कर दिया पर थर्ड मैन, मेडन का क्या करोगे?
सोशल मीडिया के अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से थरुर ने ट्वीट किया, 'जहां तक मेरा सवाल है कि बैट्समैन को बैटर तो कर दिया लेकिन थर्ड मैन, 12thमैन, 'मेडन' ओवर और चाइनामैन को क्या कहेंगे?
'क्रिकेट के स्टैंडर्ड को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी'
इसका मकसद महिला और पुरुष क्रिकेटरों को बराबरी का दर्जा देना है। इससे क्रिकेट के स्टैंडर्ड को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। अब पुरुष और महिला दोनों के लिए ‘बैट्समैन’ के बजाय तुरंत प्रभाव से ‘जेंडर न्यूट्रल’ शब्द ‘बैटर’ का इस्तेमाल किया जाएगा।
एमसीसी का मानना है कि ‘जेंडर-न्यूट्रल’ (जिसमें किसी पुरुष या महिला को तवज्जो नहीं दी गई हो) का इस्तेमाल सभी के लिए एक सा होने पर क्रिकेट के दर्जे को बेहतर करने में मदद मिलेगी। द टाइम्स के मुताबिक क्रिकेट में बैटसमैन/बैटसमेन का इस्तेमाल 1744 से होता आया है।
क्यों करना बड़ा ये बड़ा बदलाव?
महिला क्रिकेट ने दुनिया भर में सभी स्तर पर अभूतपूर्व विकास किया है। इसलिए महिलाओं और लड़कियों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अधिक से अधिक ‘जेंडर न्यूट्रल’ शब्दों को अपनाने की बातें की जा रही थीं।
कई संचालन संस्थाएं और मीडिया संस्थाएं पहले ही ‘बैटर’ शब्द का इस्तेामल कर रही हैं। एमसीसी ने कहा, ‘2017 में पिछले ‘रिड्राफ्ट’ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और महिला क्रिकेट की कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों से सलाह के बाद सहमति बनी थी कि खेल के नियमों के अनुसार शब्दावली ‘बैट्समैन’ ही रहेगी।’
इस अहम बदलाव के बाद ‘बैटर’ और ‘बैटर्स’ शब्द क्रिकेट जगत में व्यापक उपयोग को दर्शाते हैं। ‘बैटर’ शब्द का इस्तेमाल स्वाभाविक प्रगति है, जो नियमों में ‘बॉलर्स’ और ‘फील्डर्स’ शब्दों के अनुरूप ही है।’
हिंदी में महिला और पुरुषों के लिए बल्लेबाज शब्द लिखा जाता है
एमसीसी में सहायक सचिव (क्रिकेट और संचालन) जेमी कॉक्स ने कहा था, ‘एमसीसी क्रिकेट को सभी के लिए एक खेल मानता है और यह कदम आधुनिक समय में खेल के बदलाव को मान्यता देता है। यह समय इस फैसले को आधिकारिक रूप से मान्यता देने के लिए सही है और हम नियमों के सरंक्षक के रूप में इन बदलावों की घोषणा करके खुश हैं।' हिंदी में पहले ही महिला और पुरुषों के लिए बल्लेबाज शब्द लिखा जाता है।
द हंड्रेड लीग में किया गया था प्रयोग
इंग्लैंड में हाल में द हंड्रेड लीग (The Hundred) का आयोजन हुआ था। पुरुषों और महिलाओं ने इस फॉर्मेट में पहली बार हिस्सा लिया था। इसमें 100 गेंद बाद पारी के बदलने का नियम है। यानी एक टीम के पास 100 गेंद फेंकने का मौका होता है। इस वर्ष जुलाई में इस टूर्नामेंट में 'जेंडर न्यूट्रल' का इस्तेमाल किया गया था। महिलाओं और पुरुषों के मैचों में 'बैटर' शब्द का ही प्रयोग हुआ था। 'थर्ड मैन' को केवल 'थर्ड' के रूप में बोला गया।
नियम में ये चीजें नहीं हैं शामिल
एमसीसी के नियम में फील्डिंग में 'थर्ड मैन', 'नाइटवाचमैन' या 12th मैन को शामिल नहीं किया गया है।
मेरिलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने हाल में क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। एमसीसी के मुताबिक बल्लेबाज को ‘बैट्समैन’नहीं बल्कि अब ‘बैटर’कहा जाएगा। महिला और पुरुष क्रिकेटरों के लिए सिर्फ एक शब्द का इस्तेमाल होगा और वह है 'बैटर'।
सोशल मीडिया के अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से थरुर ने ट्वीट किया, 'जहां तक मेरा सवाल है कि बैट्समैन को बैटर तो कर दिया लेकिन थर्ड मैन, 12thमैन, 'मेडन' ओवर और चाइनामैन को क्या कहेंगे?
'क्रिकेट के स्टैंडर्ड को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी'
इसका मकसद महिला और पुरुष क्रिकेटरों को बराबरी का दर्जा देना है। इससे क्रिकेट के स्टैंडर्ड को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। अब पुरुष और महिला दोनों के लिए ‘बैट्समैन’ के बजाय तुरंत प्रभाव से ‘जेंडर न्यूट्रल’ शब्द ‘बैटर’ का इस्तेमाल किया जाएगा।
एमसीसी का मानना है कि ‘जेंडर-न्यूट्रल’ (जिसमें किसी पुरुष या महिला को तवज्जो नहीं दी गई हो) का इस्तेमाल सभी के लिए एक सा होने पर क्रिकेट के दर्जे को बेहतर करने में मदद मिलेगी। द टाइम्स के मुताबिक क्रिकेट में बैटसमैन/बैटसमेन का इस्तेमाल 1744 से होता आया है।
क्यों करना बड़ा ये बड़ा बदलाव?
महिला क्रिकेट ने दुनिया भर में सभी स्तर पर अभूतपूर्व विकास किया है। इसलिए महिलाओं और लड़कियों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अधिक से अधिक ‘जेंडर न्यूट्रल’ शब्दों को अपनाने की बातें की जा रही थीं।
कई संचालन संस्थाएं और मीडिया संस्थाएं पहले ही ‘बैटर’ शब्द का इस्तेामल कर रही हैं। एमसीसी ने कहा, ‘2017 में पिछले ‘रिड्राफ्ट’ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और महिला क्रिकेट की कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों से सलाह के बाद सहमति बनी थी कि खेल के नियमों के अनुसार शब्दावली ‘बैट्समैन’ ही रहेगी।’
इस अहम बदलाव के बाद ‘बैटर’ और ‘बैटर्स’ शब्द क्रिकेट जगत में व्यापक उपयोग को दर्शाते हैं। ‘बैटर’ शब्द का इस्तेमाल स्वाभाविक प्रगति है, जो नियमों में ‘बॉलर्स’ और ‘फील्डर्स’ शब्दों के अनुरूप ही है।’
हिंदी में महिला और पुरुषों के लिए बल्लेबाज शब्द लिखा जाता है
एमसीसी में सहायक सचिव (क्रिकेट और संचालन) जेमी कॉक्स ने कहा था, ‘एमसीसी क्रिकेट को सभी के लिए एक खेल मानता है और यह कदम आधुनिक समय में खेल के बदलाव को मान्यता देता है। यह समय इस फैसले को आधिकारिक रूप से मान्यता देने के लिए सही है और हम नियमों के सरंक्षक के रूप में इन बदलावों की घोषणा करके खुश हैं।' हिंदी में पहले ही महिला और पुरुषों के लिए बल्लेबाज शब्द लिखा जाता है।
द हंड्रेड लीग में किया गया था प्रयोग
इंग्लैंड में हाल में द हंड्रेड लीग (The Hundred) का आयोजन हुआ था। पुरुषों और महिलाओं ने इस फॉर्मेट में पहली बार हिस्सा लिया था। इसमें 100 गेंद बाद पारी के बदलने का नियम है। यानी एक टीम के पास 100 गेंद फेंकने का मौका होता है। इस वर्ष जुलाई में इस टूर्नामेंट में 'जेंडर न्यूट्रल' का इस्तेमाल किया गया था। महिलाओं और पुरुषों के मैचों में 'बैटर' शब्द का ही प्रयोग हुआ था। 'थर्ड मैन' को केवल 'थर्ड' के रूप में बोला गया।
नियम में ये चीजें नहीं हैं शामिल
एमसीसी के नियम में फील्डिंग में 'थर्ड मैन', 'नाइटवाचमैन' या 12th मैन को शामिल नहीं किया गया है।