कप्तान (हार्दिक पंड्या) यही चाहते थे, मुझे खुशी है कि मैंने यह (विनिंग परफॉर्मेंस) किया... दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 27 गेंदों में 49 रन ठोककर अहम जीत में भूमिका निभाने वाले मुंबई इंडियंस के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने मौजूदा कप्तान हार्दिक पंड्या को लेकर ये बातें ड्रेसिंग रूम सेलिब्रेशन के दौरान कही। वहीं दूसरी ओर, आखिरी ओवर में धोनी के हाथों शर्मसार होने और हार के बाद हार्दिक पंड्या प्रेजेंटेशन के दौरान पूरे बयान में रोहित शर्मा का नाम लेने से बचते नजर आए, जबकि जिसने 4 गेंदों में उन्हें 20 रन ठोके थे, जो हार का अंतर भी था, उनकी तारीफ में गुणगान करते नहीं थक रहे थे। यहां खुद के प्रदर्शन की शर्मिंदगी, अपने साथी की तारीफ से बचने का तरीका से कहीं अधिक एमएस धोनी की एक अलग तरह की चाटुकारिता नजर आ रही थी। हार्दिक पंड्या जब से मुंबई इंडियंस के कप्तान बने हैं, फैंस ने जीना हराम कर रखा है। इस बात को लेकर हर किसी की उनके प्रति सहानुभूति है। होनी भी चाहिए, लेकिन क्या कप्तान का दायित्व यह नहीं है कि वह अच्छा करने वाले अपने साथी की सराहना करे। क्या कप्तान की जिम्मेदारी यह नहीं है कि हर खिलाड़ी को योग्यता के अनुसार मौका दिया जाए। लेकिन यहां तो गली क्रिकेट जैसे तेवर दिख रहे हैं। मैदान पर घटिया कप्तानी के बावजूद खुद ही बॉलिंग करनी है, खुद ही बैटिंग करनी है और दोनों में टीम का काम लगा देना है, ऐसा लग रहा है हार्दिक पंड्या का यह लक्ष्य हो गया है।
विराट कोहली और रोहित शर्मा के रिलेशन को लेकर तमाम खबरें आईं। एमएस धोनी और विराट कोहली के रिलेशन को लेकर भी अफवाहों का बाजार गर्म रहा, लेकिन कभी किसी ने किसी के खिलाफ कोई बात नहीं की। अच्छा प्रदर्शन करने पर तारीफ की और यही वजह है कि आज भी जब वे मैदान पर होते हैं तो प्रोफेशनल होते हैं। निजी जिंदगी में संभव है कि उनके विचार नहीं मिलते हों, कप्तानी और ऑन फील्ड फैसलों पर भी अलग-अलग राय रखते हों, लेकिन कभी टीम के लिए खेलते वक्त यह बात नहीं दिखी।
टी-20 वर्ल्ड कप 2021 में विराट कोहली टीम के कप्तान थे और पाकिस्तान से 10 विकेटों की हार के बाद रोहित शर्मा को टीम से बाहर करने की बात कही गई तो भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली ने लताड़ दिया। यह बताता है कि कोहली और रोहित किस कदर प्रोफेशनल हैं। आज रोहित टीम के कप्तान हैं और खराब दौर में उन्होंने विराट कोहली को बैक किया। हमेशा उनकी तारीफ की और हमने देखा कि कोहली ने एशिया कप से वापसी की तो उनका बल्ला आज भी आग बरसा रहा है। जब लोग संन्यास देने पर तुले थे तो रोहित शर्मा ने विश्वास किया और वही विराट थे, जिन्होंने वनडे वर्ल्ड कप में सबसे अधिक रन बनाए। मैच विनिंग परफॉर्मेंस दी।
दूसरी ओर, हार्दिक पंड्या हैं। वह खुद को धोनी का प्रतिरूप मानते हैं और उन्हीं की तरह फिनिशर समझते हैं। इस बात से दिक्कत भी कुछ नहीं है। आप खिलाड़ी के तौर पर धोनी की तारीफ भी करिए। इसमें भी कोई बात नहीं, लेकिन जब आप कप्तान हैं तो आपको यह तय करना होगा कि आपके फैसलों, विचारों और बयानों में वह बात दिखनी चाहिए। यह दिखना चाहिए कि आप टीम का हौसला बढ़ा रहे हैं। अगर कोई खिलाड़ी कुछ बेहतर करे तो उसकी तारीफ होनी चाहिए। चेन्नई ने 4 विकेट पर 206 रन ठोके थे, जबकि हार्दिक पंड्या ने 3 ओवरों में 43 रन दिए थे, जिसमें आखिरी ओवर की आखिरी 4 गेंदों में धोनी ने 3 छक्के और 2 रन लेते हुए 20 रन ठोके थे।
207 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई इंडियंस के लिए रोहित शर्मा ने अकेले 63 गेंदों में 11 चौके और 5 छक्के दम पर 105 रन बनाए थे, जबकि अन्य बल्लेबाजों ने 57 गेंदों में सिर्फ 81 रन (6 अतिरिक्त भी शामिल) बनाए थे। कप्तान हार्दिक पंड्या के नाम 6 गेंदों में 2 रन थे। देखा जाए तो मैच में हार्दिक पंड्या से बड़ा विलेन कोई नहीं था। अगर उन्हें टीम को जीतते देखना है तो कम से कम अपने निजी हितों और आपसी मतभेदों को पीछे छोड़कर एकजुटता दिखानी होगी। टीम का हौसला बढ़ाना होगा। वैसे, देखा जाए तो इस वक्त टीम से कहीं अधिक हार्दिक पंड्या को हौसले की जरूरत है।
यह (लक्ष्य) निश्चित रूप से अचीव करने लायक था, लेकिन उन्होंने बहुत अच्छी गेंदबाजी की। पथिराना ने अंतर पैदा किया तो उन्होंने अपने प्लान को सही तरीके से लागू किया। स्टंप्स के पीछे एक आदमी (धोनी) है, जो उन्हें बताता है कि क्या काम कर रहा है, इससे मदद मिलती है। यह (पिच) थोड़ा ऊपर उठ रही थी और मुश्किल हो रही थी। पथिराना के आक्रमण में आने और दो विकेट लेने तक हम (रन चेज में) काफी अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे थे।
विराट कोहली और रोहित शर्मा के रिलेशन को लेकर तमाम खबरें आईं। एमएस धोनी और विराट कोहली के रिलेशन को लेकर भी अफवाहों का बाजार गर्म रहा, लेकिन कभी किसी ने किसी के खिलाफ कोई बात नहीं की। अच्छा प्रदर्शन करने पर तारीफ की और यही वजह है कि आज भी जब वे मैदान पर होते हैं तो प्रोफेशनल होते हैं। निजी जिंदगी में संभव है कि उनके विचार नहीं मिलते हों, कप्तानी और ऑन फील्ड फैसलों पर भी अलग-अलग राय रखते हों, लेकिन कभी टीम के लिए खेलते वक्त यह बात नहीं दिखी।
टी-20 वर्ल्ड कप 2021 में विराट कोहली टीम के कप्तान थे और पाकिस्तान से 10 विकेटों की हार के बाद रोहित शर्मा को टीम से बाहर करने की बात कही गई तो भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली ने लताड़ दिया। यह बताता है कि कोहली और रोहित किस कदर प्रोफेशनल हैं। आज रोहित टीम के कप्तान हैं और खराब दौर में उन्होंने विराट कोहली को बैक किया। हमेशा उनकी तारीफ की और हमने देखा कि कोहली ने एशिया कप से वापसी की तो उनका बल्ला आज भी आग बरसा रहा है। जब लोग संन्यास देने पर तुले थे तो रोहित शर्मा ने विश्वास किया और वही विराट थे, जिन्होंने वनडे वर्ल्ड कप में सबसे अधिक रन बनाए। मैच विनिंग परफॉर्मेंस दी।
दूसरी ओर, हार्दिक पंड्या हैं। वह खुद को धोनी का प्रतिरूप मानते हैं और उन्हीं की तरह फिनिशर समझते हैं। इस बात से दिक्कत भी कुछ नहीं है। आप खिलाड़ी के तौर पर धोनी की तारीफ भी करिए। इसमें भी कोई बात नहीं, लेकिन जब आप कप्तान हैं तो आपको यह तय करना होगा कि आपके फैसलों, विचारों और बयानों में वह बात दिखनी चाहिए। यह दिखना चाहिए कि आप टीम का हौसला बढ़ा रहे हैं। अगर कोई खिलाड़ी कुछ बेहतर करे तो उसकी तारीफ होनी चाहिए। चेन्नई ने 4 विकेट पर 206 रन ठोके थे, जबकि हार्दिक पंड्या ने 3 ओवरों में 43 रन दिए थे, जिसमें आखिरी ओवर की आखिरी 4 गेंदों में धोनी ने 3 छक्के और 2 रन लेते हुए 20 रन ठोके थे।
207 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई इंडियंस के लिए रोहित शर्मा ने अकेले 63 गेंदों में 11 चौके और 5 छक्के दम पर 105 रन बनाए थे, जबकि अन्य बल्लेबाजों ने 57 गेंदों में सिर्फ 81 रन (6 अतिरिक्त भी शामिल) बनाए थे। कप्तान हार्दिक पंड्या के नाम 6 गेंदों में 2 रन थे। देखा जाए तो मैच में हार्दिक पंड्या से बड़ा विलेन कोई नहीं था। अगर उन्हें टीम को जीतते देखना है तो कम से कम अपने निजी हितों और आपसी मतभेदों को पीछे छोड़कर एकजुटता दिखानी होगी। टीम का हौसला बढ़ाना होगा। वैसे, देखा जाए तो इस वक्त टीम से कहीं अधिक हार्दिक पंड्या को हौसले की जरूरत है।