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बढ़ते कदम : सेक्स ऑब्जेक्ट की तरह देखे जाने से परेशान खिलाड़ी ने लिया बोल्ड फैसला

जर्मन महिला जिमनास्ट ने तोक्यो ओलिंपिक में रविवार को फुल बॉडी सूट पहनकर उतरने का फैसला किया। यह फैसला अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी को प्रमोट करने के लिए किया गया। इनका कहना है कि महिलाओं को वह पहनना चाहिए जिसमें वह कम्फर्टेबल हों।

नवभारत टाइम्स 27 Jul 2021, 8:43 am
तोक्यो
नवभारतटाइम्स.कॉम germany

कोई महिला खिलाड़ी जब मैदान पर उतरती है, तो उम्मीद होती है कि लोग उनमें स्पोर्ट्स अपील खोजेंगे। लेकिन, जब बिकीनी पहने महिला खिलाड़ियों को लगा कि उन्हें सेक्स ऑब्जेक्ट के तौर देखा जा रहा है तो उन्होंने एक के बाद एक कई बोल्ड फैसले लिए।

ताजा वाकया मौजूदा तोक्यो ओलिंपिक का है। यहां बीते रविवार को जर्मनी की महिला जिम्नास्ट लियोटार्ड बिकीनी की जगह यूनिटार्ड (शॉर्ट) पहन मैदान पर उतरीं, जो उनके टखनों तक का हिस्सा कवर कर रहा था।

कुछ समय पहले नॉर्वे की बीच वॉलिबॉल की महिला खिलाड़ी भी एक मैच में बिकीनी की जगह शॉर्ट पहनकर उतरी थीं। इसके लिए उन पर जुर्माना लगाया गया था, जिसके बाद इन खिलाड़ियों के समर्थन में तमाम लोग आ गए थे। महिला खिलाड़ियों ने शॉर्ट में अपने फोटो पोस्ट कर लोगों का शुक्रिया अदा किया।

जर्मन जिमनास्ट एलिजाबेथ सीत्ज ने कहा, 'हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हर महिला, हर किसी को अपनी पसंद का पहनने को अधिकार है।'

टीम ने सबसे पहले अप्रैल में बासेल, स्विटजरलैंड में हुई यूरोपियन चैंपियनशिप यह ड्रेस पहनी थी। इसके बाद गुरुवार को अरिके जिमनास्ट सेंटर में पोडियम ट्रेनिंग के दौरान भी यही ड्रेस पहनी।

जर्मन जिमनास्टिक फेडरेशन ने अप्रैल में कहा था कि यह आउटफिट 'जिमनास्टिक में सैक्सुलाइजेशन' के खिलाफ एक प्रतीक है।

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