नई दिल्ली
भारतीय हॉकी टीम का 41 साल का इंतजार खत्म हुआ और चार बार ओलिंपिक खेल चुके महान स्ट्राइकर धनराज पिल्लै का भी। जर्मनी को हराकर भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक कांस्य जीता तो पूरा देश जश्न में डूब गया और देश के लिए 339 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके धनराज अतीत की यादों में।
भारत ने आखिरी बार मॉस्को में 1980 ओलिंपिक में हॉकी का आठवां और आखिरी स्वर्ण पदक जीता था। तोक्यो में मनप्रीत सिंह की कप्तानी में टीम ने तीन बार की चैंपियन जर्मनी को 5-4 से हराकर कांसे का तमगा जीता।
अपने सुनहरे करियर में चार ओलिंपिक (1992,1996,2000 और 2004) और चार विश्व कप खेल चुके धनराज ने कहा, ‘मुझे हमेशा से यह मलाल था कि मैं ओलिंपिक पदक नहीं जीत सका। फिर सोचता था कि अपने जीवन में भारत को कभी ओलिंपिक पदक जीतते देखूंगा या नहीं। अब सारे मलाल मिट गए।’
उन्होंने सेमीफाइनल में बेल्जियम से मिली हार के बाद शानदार वापसी के लिए भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा, ‘आप जब ओलिंपिक में जाते हैं तो पदक जीतने के इरादे से ही जाते हैं। क्लासीफिकेशन मैच खेलने नहीं। भारतीय टीम की तारीफ करनी होगी कि बेल्जियम से 5 . 2 से हारने के तुरंत बाद उसने खुद को संभाला और आज इतनी जबर्दस्त हॉकी खेली।’
हूटर से छह सेकंड पहले जर्मनी को मिले पेनल्टी कॉर्नर को भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने रोका और मैच को शूटआउट में जाने से बचाया। धनराज ने कहा, ‘मैं हमेशा से कहता आया हूं कि श्रीजेश बहुत बड़ा मैच विनर है। हरमनप्रीत सिंह और रूपिंदर पाल सिंह भी मैच जिताते आए हैं। इस टीम का हार नहीं मानने का जज्बा, जुझारूपन कमाल का है।’
उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी के लिए यह जीत बहुत मायने रखती है क्योंकि 41 साल इसके लिये इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘यह चमत्कार रातोरात नहीं हुआ और इसके पीछे लंबी प्रक्रिया रही है। कई लोगों का योगदान रहा है। चाहे वह पूर्व कोच जोस ब्रासा, हरेंद्र सिंह, रिक चार्ल्सवर्थ , रोलेंट ओल्टमेंस या टैरी वॉल्श हो या सहयोगी स्टाफ हो। पूर्व खिलाड़ियों और वर्तमान में ओडिशा सरकार के भी योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता।’
धनराज ने कहा कि भारतीय टीम को यही संतोष नहीं करना है बल्कि 2023 विश्व कप और पेरिस में 2024 में होने वाले ओलिंपिक की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगले ओलिंपिक की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि यह युवा टीम है। हमारे पास रिजर्व स्ट्रेंथ भी अच्छी होनी जरूरी है।’
भारतीय हॉकी टीम का 41 साल का इंतजार खत्म हुआ और चार बार ओलिंपिक खेल चुके महान स्ट्राइकर धनराज पिल्लै का भी। जर्मनी को हराकर भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक कांस्य जीता तो पूरा देश जश्न में डूब गया और देश के लिए 339 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके धनराज अतीत की यादों में।
भारत ने आखिरी बार मॉस्को में 1980 ओलिंपिक में हॉकी का आठवां और आखिरी स्वर्ण पदक जीता था। तोक्यो में मनप्रीत सिंह की कप्तानी में टीम ने तीन बार की चैंपियन जर्मनी को 5-4 से हराकर कांसे का तमगा जीता।
अपने सुनहरे करियर में चार ओलिंपिक (1992,1996,2000 और 2004) और चार विश्व कप खेल चुके धनराज ने कहा, ‘मुझे हमेशा से यह मलाल था कि मैं ओलिंपिक पदक नहीं जीत सका। फिर सोचता था कि अपने जीवन में भारत को कभी ओलिंपिक पदक जीतते देखूंगा या नहीं। अब सारे मलाल मिट गए।’
उन्होंने सेमीफाइनल में बेल्जियम से मिली हार के बाद शानदार वापसी के लिए भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा, ‘आप जब ओलिंपिक में जाते हैं तो पदक जीतने के इरादे से ही जाते हैं। क्लासीफिकेशन मैच खेलने नहीं। भारतीय टीम की तारीफ करनी होगी कि बेल्जियम से 5 . 2 से हारने के तुरंत बाद उसने खुद को संभाला और आज इतनी जबर्दस्त हॉकी खेली।’
हूटर से छह सेकंड पहले जर्मनी को मिले पेनल्टी कॉर्नर को भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने रोका और मैच को शूटआउट में जाने से बचाया। धनराज ने कहा, ‘मैं हमेशा से कहता आया हूं कि श्रीजेश बहुत बड़ा मैच विनर है। हरमनप्रीत सिंह और रूपिंदर पाल सिंह भी मैच जिताते आए हैं। इस टीम का हार नहीं मानने का जज्बा, जुझारूपन कमाल का है।’
उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी के लिए यह जीत बहुत मायने रखती है क्योंकि 41 साल इसके लिये इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘यह चमत्कार रातोरात नहीं हुआ और इसके पीछे लंबी प्रक्रिया रही है। कई लोगों का योगदान रहा है। चाहे वह पूर्व कोच जोस ब्रासा, हरेंद्र सिंह, रिक चार्ल्सवर्थ , रोलेंट ओल्टमेंस या टैरी वॉल्श हो या सहयोगी स्टाफ हो। पूर्व खिलाड़ियों और वर्तमान में ओडिशा सरकार के भी योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता।’
धनराज ने कहा कि भारतीय टीम को यही संतोष नहीं करना है बल्कि 2023 विश्व कप और पेरिस में 2024 में होने वाले ओलिंपिक की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगले ओलिंपिक की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि यह युवा टीम है। हमारे पास रिजर्व स्ट्रेंथ भी अच्छी होनी जरूरी है।’