तोक्यो
भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने से चूक गए। उन्होंने खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वह सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान बन गए हैं। 130 करोड़ भारतीयों की गोल्ड मेडल उम्मीद के साथ उरते रवि ने वर्ल्ड चैंपियन के आगे अपना शतप्रतिशत दिया। वह अंत तक लड़े, लेकिन 7-4 से हार गए। पहले राउंड में 2-4 से पिछड़े
वर्ल्ड चैंपियन जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो पॉइंट ले लिए। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो पॉइंट लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया, लेकिन जावुर ने राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो पॉइंट लेकर 4-2 से बढ़त ले ली।
दूसरे राउंड में लगाया पूरा जोर, लेकिन नहीं बनी बात
दूसरे राउंड की शुरुआत में रवि ने विपक्षी पहलवार को दबोचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह पॉइंट नहीं ले सके। काफ फुर्तीले जावुर ने 3 पॉइंट लेकर 7-2 की बढ़त बना ली। हालांकि, यहां रवि ने पिन करने की पूरी कोशिश और इस कोशिश में दो पॉइंट अर्जित किए। इसके बाद वह पॉइंट नहीं जुटा सके।
रेकॉर्ड पर एक नजर
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत की तरफ से ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र ऐथलीट थे। उन्होंने बीजिंग ओलिंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सोने का तमगा हासिल किया था। कुश्ती में भारत का यह दूसरा रजत पदक है। इससे पहले सुशील कुमार लंदन ओलिंपिक 2012 के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था।
यहां मिली निराशा
रवि कुमार के अलावा अन्य पहलवानों ने निराश किया। दीपक कुमार को 86 किलोग्राम भारवर्ग के ब्रॉन्ज मेडल मुकालब में हार मिली। दूसरी ओर, महिला कुश्ती में अंशु मलिक को 57 किलोग्राम इवेंट के रेपेचेज राउंड-1 में अंशु को रूस की वेलेरिया कोब्लोवा से 1-5 से हार मिली। इसके बाद पदक की दावेदार मानी जा रही विनेश फोगाट को भी हार का सामना करना पड़ा।
सेमीफाइनल में आखिरी मिनट में पलटा था खेल
पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढ़त थी लेकिन सानायेव ने उनके बाएं पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिये। ऐसा लग रहा था कि दहिया हार की तरफ बढ रहे हैं लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी।
ऐसा रहा सफर
दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13 . 2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया। पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था।
कुश्ती में पदक का इतिहास
केडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था।
दहिया का रेकॉर्डदहिया ने 2015 में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था, जिससे उनकी प्रतिभा की झलक दिखी थी, उन्होंने प्रो कुश्ती लीग में अंडर-23 यूरोपीय चैंपियन और संदीप तोमर को हराकर खुद को साबित किया। दहिया के आने से पहले तोमर का 57 किग्रा वर्ग में दबदबा था, लेकिन कईयों ने कहा कि कुश्ती लीग प्रदर्शन आंकने का मंच नहीं है, इसके बाद 2019 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने सभी आलोचकों को चुप कर दिया, उन्होंने 2020 में दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप जीती और अलमाटी में इसी साल खिताब का बचाव किया।
भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने से चूक गए। उन्होंने खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वह सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान बन गए हैं। 130 करोड़ भारतीयों की गोल्ड मेडल उम्मीद के साथ उरते रवि ने वर्ल्ड चैंपियन के आगे अपना शतप्रतिशत दिया। वह अंत तक लड़े, लेकिन 7-4 से हार गए।
वर्ल्ड चैंपियन जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो पॉइंट ले लिए। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो पॉइंट लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया, लेकिन जावुर ने राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो पॉइंट लेकर 4-2 से बढ़त ले ली।
दूसरे राउंड में लगाया पूरा जोर, लेकिन नहीं बनी बात
दूसरे राउंड की शुरुआत में रवि ने विपक्षी पहलवार को दबोचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह पॉइंट नहीं ले सके। काफ फुर्तीले जावुर ने 3 पॉइंट लेकर 7-2 की बढ़त बना ली। हालांकि, यहां रवि ने पिन करने की पूरी कोशिश और इस कोशिश में दो पॉइंट अर्जित किए। इसके बाद वह पॉइंट नहीं जुटा सके।
रेकॉर्ड पर एक नजर
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत की तरफ से ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र ऐथलीट थे। उन्होंने बीजिंग ओलिंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सोने का तमगा हासिल किया था। कुश्ती में भारत का यह दूसरा रजत पदक है। इससे पहले सुशील कुमार लंदन ओलिंपिक 2012 के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था।
यहां मिली निराशा
रवि कुमार के अलावा अन्य पहलवानों ने निराश किया। दीपक कुमार को 86 किलोग्राम भारवर्ग के ब्रॉन्ज मेडल मुकालब में हार मिली। दूसरी ओर, महिला कुश्ती में अंशु मलिक को 57 किलोग्राम इवेंट के रेपेचेज राउंड-1 में अंशु को रूस की वेलेरिया कोब्लोवा से 1-5 से हार मिली। इसके बाद पदक की दावेदार मानी जा रही विनेश फोगाट को भी हार का सामना करना पड़ा।
सेमीफाइनल में आखिरी मिनट में पलटा था खेल
पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढ़त थी लेकिन सानायेव ने उनके बाएं पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिये। ऐसा लग रहा था कि दहिया हार की तरफ बढ रहे हैं लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी।
ऐसा रहा सफर
दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13 . 2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया। पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था।
कुश्ती में पदक का इतिहास
केडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था।
दहिया का रेकॉर्डदहिया ने 2015 में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था, जिससे उनकी प्रतिभा की झलक दिखी थी, उन्होंने प्रो कुश्ती लीग में अंडर-23 यूरोपीय चैंपियन और संदीप तोमर को हराकर खुद को साबित किया। दहिया के आने से पहले तोमर का 57 किग्रा वर्ग में दबदबा था, लेकिन कईयों ने कहा कि कुश्ती लीग प्रदर्शन आंकने का मंच नहीं है, इसके बाद 2019 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने सभी आलोचकों को चुप कर दिया, उन्होंने 2020 में दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप जीती और अलमाटी में इसी साल खिताब का बचाव किया।