नई दिल्ली
युवा कबड्डी प्लेयर दीपक नरवाल प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के छठे सीजन में खेलने को उत्साहित हैं। उन्हें इस सीजन के लिए 3 बार की चैंपियन टीम पटना पाइरेट्स ने ऑक्शन में 57 लाख रुपये की बड़ी राशि में टीम में शामिल किया है। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से खास बातचीत में 22 साल के दीपक ने उम्मीद जताई कि जिस तरह यह खेल लीग के जरिए नई ऊंचाइयों को छू रहा है, उससे लगता है कि आने वाले समय में क्रिकेट से भी ज्यादा लोग इसे पसंद करेंगे। रेडर की भूमिका निभाने वाले दीपक पिछले सीजन में बंगाल वॉरियर्स से खेले और उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। इसी का इनाम उन्हें आगामी सीजन के लिए मिला और गत चैंपियन टीम पटना ने उन्हें नीलामी में 57 लाख रुपये में खरीदा। दीपक ने कहा कि प्रो कबड्डी लीग का आने वाला सीजन और भी खास रहेगा और वह इसमें शानदार प्रदर्शन करेंगे। दीपक के नाम लीग के कुल 47 मैचों में 194 अंक दर्ज हैं।
दीपक से बातचीत के प्रमुश अंश..
कभी सोचा था कि इतनी बड़ी राशि कभी आपको मिलेगी?
जी नहीं। अभी तक तो इतना ही सोच रहे थे कि एक बेहतर प्लेटफॉर्म मिला है लेकिन लीग में इतनी राशि खिलाड़ियों को मिलेगी, इसकी उम्मीद नहीं की थी। इससे पता लगता है कि कबड्डी में काफी कुछ अच्छा हो रहा है।
पटना टीम के कोच और कप्तान आप पर भरोसा जता रहे हैं, कैसा लगता है?
खिलाड़ी को कितना पैसा मिलेगा, इसका पता तो नीलामी में ही चलता है। मैं कहना चाहूंगा कि किसी खिलाड़ी की काबिलियत, उसकी तकनीक को देखते हुए ही कोई फ्रेंचाइजी उस पर अपना पैसा लगाती है। उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया, मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उनके भरोसे पर खरा उतरूं ताकि किसी को मायूस नहीं होना पड़े। अपनी तरफ से पूरा रिटर्न देने का प्रयास करूंगा।
किसी और फ्रेंचाइजी से आपकी बात चल रही थी?
जी नहीं, ऐसे किसी फ्रेंचाइजी से बातचीत नहीं होती। यदि कोई खिलाड़ी बात कर भी रहा होता है तो भी कोई फायदा नहीं होता। यह तो ऑक्शन में ही पता चलता है कि कौन सा खिलाड़ी किस टीम में जाएगा।
आपके लिए दूसरा और पांचवां सीजन बहुत शानदार रहा, कुछ खास था इन सीजन में ?
मैंने दूसरे सीजन से लीग में शुरुआत की थी, उसके बाद से लगातार सुधार किया। पांचवां सीजन मेरे लिए बेहद खास रहा क्योंकि इससे मेरे खेल में बदलाव आया और मच्योरिटी भी बढ़ी। आगामी सीजन और बेहतर होगा।
कबड्डी के भविष्य के बारे में आपको क्या लगता है?
कबड्डी लीग ने पांच सीजन में जिन ऊंचाइयों को छुआ है, उससे तो उम्मीद ही लगाई जा सकती है कि एक दिन यह खेल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से भी ऊपर जाएगा। कबड्डी काफी पुराना खेल है लेकिन क्रिकेट की भारत में काफी छाप है। कबड्डी गांव-शहर और हर क्षेत्र से जुड़ा हुआ खेल है। जल्द ही कबड्डी की इंटरनैशनल लेवल पर लीग होंगी जैसे भारत में प्रो कबड्डी लीग हो रही है। उम्मीद करते हैं कि भारत से बाहर भी कबड्डी की लीग होंगी।
नए कोच राम मेहर सिंह कैसे हैं?
राम मेहर सर मेरे साथ दूसरे सीजन में भी थे, वह ग्राउंड, मैच और तकनीक के मामले में काफी मच्योर हैं। वह खुद भी इंटरनैशनल लेवल के प्लेयर रहे हैं। वह जानते हैं कि किसी खिलाड़ी को कैसे मोटिवेट करते हैं।
कबड्डी से जुड़ने में खास रुचि क्यों ?
मेरा परिवार पूरा कबड्डी से जुड़ा रहा है। मेरे पिता जगदीश नरवाल भी कबड्डी प्लेयर रहे और लगभग नरवाल परिवार में सभी ने कबड्डी खेली है। लेकिन हां, कभी किसी ने सोचा नहीं था कि आगे जाकर प्रो कबड्डी लीग होगी, इतना पैसा और नाम होगा। टीवी से जुड़ने के बाद यह खेल काफी लोकप्रिय हो गया। क्रिकेट जितना तो नहीं, लेकिन हां अब काफी लोग इससे जुड़ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर काफी कम ऐक्टिव रहते हैं, इसका कारण?
सोशल मीडिया पर अकाउंट्स हैं लेकिन इंस्टाग्राम पर ही ज्यादा ऐक्टिव रह पाता हूं। यह सब इसलिए क्योंकि खेल पर ज्यादा फोकस करना है तो इससे थोड़ा दूर तो रहना ही पड़ेगा। फिटनेस के लिए कभी-कभी वॉलीबॉल खेलता हूं।
युवा कबड्डी प्लेयर दीपक नरवाल प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के छठे सीजन में खेलने को उत्साहित हैं। उन्हें इस सीजन के लिए 3 बार की चैंपियन टीम पटना पाइरेट्स ने ऑक्शन में 57 लाख रुपये की बड़ी राशि में टीम में शामिल किया है। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से खास बातचीत में 22 साल के दीपक ने उम्मीद जताई कि जिस तरह यह खेल लीग के जरिए नई ऊंचाइयों को छू रहा है, उससे लगता है कि आने वाले समय में क्रिकेट से भी ज्यादा लोग इसे पसंद करेंगे।
दीपक से बातचीत के प्रमुश अंश..
कभी सोचा था कि इतनी बड़ी राशि कभी आपको मिलेगी?
जी नहीं। अभी तक तो इतना ही सोच रहे थे कि एक बेहतर प्लेटफॉर्म मिला है लेकिन लीग में इतनी राशि खिलाड़ियों को मिलेगी, इसकी उम्मीद नहीं की थी। इससे पता लगता है कि कबड्डी में काफी कुछ अच्छा हो रहा है।
पटना टीम के कोच और कप्तान आप पर भरोसा जता रहे हैं, कैसा लगता है?
खिलाड़ी को कितना पैसा मिलेगा, इसका पता तो नीलामी में ही चलता है। मैं कहना चाहूंगा कि किसी खिलाड़ी की काबिलियत, उसकी तकनीक को देखते हुए ही कोई फ्रेंचाइजी उस पर अपना पैसा लगाती है। उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया, मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उनके भरोसे पर खरा उतरूं ताकि किसी को मायूस नहीं होना पड़े। अपनी तरफ से पूरा रिटर्न देने का प्रयास करूंगा।
किसी और फ्रेंचाइजी से आपकी बात चल रही थी?
जी नहीं, ऐसे किसी फ्रेंचाइजी से बातचीत नहीं होती। यदि कोई खिलाड़ी बात कर भी रहा होता है तो भी कोई फायदा नहीं होता। यह तो ऑक्शन में ही पता चलता है कि कौन सा खिलाड़ी किस टीम में जाएगा।
आपके लिए दूसरा और पांचवां सीजन बहुत शानदार रहा, कुछ खास था इन सीजन में ?
मैंने दूसरे सीजन से लीग में शुरुआत की थी, उसके बाद से लगातार सुधार किया। पांचवां सीजन मेरे लिए बेहद खास रहा क्योंकि इससे मेरे खेल में बदलाव आया और मच्योरिटी भी बढ़ी। आगामी सीजन और बेहतर होगा।
कबड्डी के भविष्य के बारे में आपको क्या लगता है?
कबड्डी लीग ने पांच सीजन में जिन ऊंचाइयों को छुआ है, उससे तो उम्मीद ही लगाई जा सकती है कि एक दिन यह खेल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से भी ऊपर जाएगा। कबड्डी काफी पुराना खेल है लेकिन क्रिकेट की भारत में काफी छाप है। कबड्डी गांव-शहर और हर क्षेत्र से जुड़ा हुआ खेल है। जल्द ही कबड्डी की इंटरनैशनल लेवल पर लीग होंगी जैसे भारत में प्रो कबड्डी लीग हो रही है। उम्मीद करते हैं कि भारत से बाहर भी कबड्डी की लीग होंगी।
नए कोच राम मेहर सिंह कैसे हैं?
राम मेहर सर मेरे साथ दूसरे सीजन में भी थे, वह ग्राउंड, मैच और तकनीक के मामले में काफी मच्योर हैं। वह खुद भी इंटरनैशनल लेवल के प्लेयर रहे हैं। वह जानते हैं कि किसी खिलाड़ी को कैसे मोटिवेट करते हैं।
कबड्डी से जुड़ने में खास रुचि क्यों ?
मेरा परिवार पूरा कबड्डी से जुड़ा रहा है। मेरे पिता जगदीश नरवाल भी कबड्डी प्लेयर रहे और लगभग नरवाल परिवार में सभी ने कबड्डी खेली है। लेकिन हां, कभी किसी ने सोचा नहीं था कि आगे जाकर प्रो कबड्डी लीग होगी, इतना पैसा और नाम होगा। टीवी से जुड़ने के बाद यह खेल काफी लोकप्रिय हो गया। क्रिकेट जितना तो नहीं, लेकिन हां अब काफी लोग इससे जुड़ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर काफी कम ऐक्टिव रहते हैं, इसका कारण?
सोशल मीडिया पर अकाउंट्स हैं लेकिन इंस्टाग्राम पर ही ज्यादा ऐक्टिव रह पाता हूं। यह सब इसलिए क्योंकि खेल पर ज्यादा फोकस करना है तो इससे थोड़ा दूर तो रहना ही पड़ेगा। फिटनेस के लिए कभी-कभी वॉलीबॉल खेलता हूं।