नई दिल्ली
ओलिंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग (Gagan Narang) ने कोविड-19 (Covid- 19) महामारी के मद्देनजर शुक्रवार को कहा कि खिलाड़ियों को इसकी चुनौतियों से निपटने के लिए मानसिक तौर पर शांत और एकाग्र रहना होगा।
लंदन ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता नारंग ने खेल मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) के साथ 'फिटनेस! जीवन का तरीका' विषय पर ऑनलाइन चर्चा करते हुए कई मुद्दों पर बात की। नारंग ने कहा, 'निशानेबाजी 98 प्रतिशत मानसिक, 2 प्रतिशत शारीरिक खेल है। इस लॉकडाउन परिदृश्य में मानसिक रूप से फिट होना काफी महत्वपूर्ण है। अगर आप मानसिक रूप से फिट नहीं है तो यह आपके खेल पर दिखता है।'
भारत के सर्वश्रेष्ठ राइफल निशानेबाजों में से एक 37 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, 'शारीरिक और मानसिक फिटनेस एक दूसरे के पूरक हैं। अगर आप मानसिक रूप से ठीक नहीं हैं, तो आपको सही विचार नहीं आएगा।'
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह खेल और भी मुश्किल हुआ है। उन्होंने कहा, 'निशानेबाजी एक मुश्किल खेल है। इसे खेलने के लिए अच्छे स्तर का शारीरिक और मानसिक फिटनेस चाहिए।' रिजिजू ने कहा कि वह चाहते है कि भारत एक खेल संस्कृति वाला देश बने। ऐसा देश जहां युवा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर अपना समय नहीं बिताए।
खेल मंत्री ने कहा, 'हमारे देश में खेलों की परंपरा है लेकिन दुर्भाग्य से हम एक बड़ा खेल राष्ट्र नहीं बन पाए है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमारे यहां खेल संस्कृति का विकास नहीं हुआ। हमें अतीत से प्रेरणा लेने की जरूरत है।'
खेल मंत्री ने कहा, 'अगर हमारे पास खेल संस्कृति हो तो हम इसमें उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं। हमें बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर ले जाने की जरूरत है। हमें एक सक्रिय (शारीरिक रूप से) संस्कृति की आवश्यकता है।'
रिजिजू ने बताया कि देश में 1.6 लाख स्कूलों ने 'फिट इंडिया मूवमेंट' पंजीकरण कराया है। इस वेबिनार का आयोजन फिट इंडिया और भारत में कंपनी सचिवों के संस्थान ने किया था।
ओलिंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग (Gagan Narang) ने कोविड-19 (Covid- 19) महामारी के मद्देनजर शुक्रवार को कहा कि खिलाड़ियों को इसकी चुनौतियों से निपटने के लिए मानसिक तौर पर शांत और एकाग्र रहना होगा।
लंदन ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता नारंग ने खेल मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) के साथ 'फिटनेस! जीवन का तरीका' विषय पर ऑनलाइन चर्चा करते हुए कई मुद्दों पर बात की। नारंग ने कहा, 'निशानेबाजी 98 प्रतिशत मानसिक, 2 प्रतिशत शारीरिक खेल है। इस लॉकडाउन परिदृश्य में मानसिक रूप से फिट होना काफी महत्वपूर्ण है। अगर आप मानसिक रूप से फिट नहीं है तो यह आपके खेल पर दिखता है।'
भारत के सर्वश्रेष्ठ राइफल निशानेबाजों में से एक 37 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, 'शारीरिक और मानसिक फिटनेस एक दूसरे के पूरक हैं। अगर आप मानसिक रूप से ठीक नहीं हैं, तो आपको सही विचार नहीं आएगा।'
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह खेल और भी मुश्किल हुआ है। उन्होंने कहा, 'निशानेबाजी एक मुश्किल खेल है। इसे खेलने के लिए अच्छे स्तर का शारीरिक और मानसिक फिटनेस चाहिए।' रिजिजू ने कहा कि वह चाहते है कि भारत एक खेल संस्कृति वाला देश बने। ऐसा देश जहां युवा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर अपना समय नहीं बिताए।
खेल मंत्री ने कहा, 'हमारे देश में खेलों की परंपरा है लेकिन दुर्भाग्य से हम एक बड़ा खेल राष्ट्र नहीं बन पाए है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमारे यहां खेल संस्कृति का विकास नहीं हुआ। हमें अतीत से प्रेरणा लेने की जरूरत है।'
खेल मंत्री ने कहा, 'अगर हमारे पास खेल संस्कृति हो तो हम इसमें उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं। हमें बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर ले जाने की जरूरत है। हमें एक सक्रिय (शारीरिक रूप से) संस्कृति की आवश्यकता है।'
रिजिजू ने बताया कि देश में 1.6 लाख स्कूलों ने 'फिट इंडिया मूवमेंट' पंजीकरण कराया है। इस वेबिनार का आयोजन फिट इंडिया और भारत में कंपनी सचिवों के संस्थान ने किया था।