नई दिल्ली
ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने सोमवार को उस समय अपने फैंस और बैडमिंटन प्रेमियों को बड़ा झटका दिया जब उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर किया जिसमें लिखा था- डेनमार्क ओपन अंतिम था, मैं रिटायर हो रही हूं।
सिंधु ने लिखा, 'मैं पिछले कुछ समय से अपनी भावनाओं को जाहिर करने के बारे में सोच रही थी। मैं मानती हूं कि मैं इससे निपटने के लिए संघर्ष कर रही हूं। यह इतना गलत लगता है, आप जानते हैं। यही कारण है कि मैं आज आपको यह बताने के लिए लिख रहा हूं कि मैंने किया है।'
ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली देश की एकमात्र शटलर ने आगे लिखा, ''यह मानती हूं कि आप इसे पढ़ते वक्त चौंक गए होंगे या भ्रमित होंगे, लेकिन जब तक आप इसे पूरा पढ़ेंगे, तब आप मेरे विचारों को समझेंगे और उम्मीद करती हूं कि मुझे सपॉर्ट भी करेंगे।'
सिंधु का यह पोस्ट हालांकि एक मेसेज का हिस्सा बना जो उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के तौर पर स्वच्छता को लेकर लिखा। सिंधु के इस पोस्ट ने अचानक उनके फैंस को हैरत में डाल दिया। उन्हें एकबारगी तो यही लगा कि वह संन्यास ले रही हैं और डेनमार्क ओपन उनका आखिरी टूर्नमेंट था। हालांकि पूरा पोस्ट पढ़ने के बाद ही लोगों को असली मेसेज का पता चला।
कोरोना महामारी को 'आंखें खोलने वाला' कहते हुए सिंधु ने लिखा, 'यह महामारी मेरे लिए आंखें खोलने वाली रही है। मैं सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर सकती हूं। मैंने पहले ऐसा किया भी है, मैं फिर से कर सकती हूं लेकिन इस अदृश्य वायरस को कैसे हराऊंगी जिससे पूरी दुनिया परेशान हो गई है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'घर में कई महीने हो गए हैं और हम जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो खुद से सवाल करते हैं। यह सब समझकर और बहुत सी हृदय विदारक कहानियों के बारे में पढ़कर मुझे अपने और इस दुनिया के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला है। डेनमार्क ओपन में भारत का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं होने के कारण यह आखिरी पड़ाव था।'
पढ़ें, रितु फोगाट ने एमएमए में लगाई खिताब की हैटट्रिक, बोलीं- जीत पिता, बहनों और देश को समर्पित
25 साल की इस शटलर ने लिखा, 'आज, मैंने अशांति की इस वर्तमान स्थिति से रिटायर होने का फैसला किया है। मैं इस नकारात्मकता, निरंतर डर, अनिश्चितता से रिटायर होती हूं। मैंने अज्ञान से रिटायर होने का विकल्प चुना। इससे भी अहम बात यह है कि मैं घटिया स्वच्छता मानकों और वायरस के प्रति हमारे अभावग्रस्त रवैये से रिटायर होना चाहती हूं।'
उन्होंने आगे लिखा, 'हमें इससे पीछे नहीं हटना चाहिए, हमें बेहतर तरीके से तैयार होने की जरूरत है। हमें एक साथ वायरस को हराना है। आज हम जो चुनेंगे, वह हमारे भविष्य और आने वाली पीढ़ी को परिभाषित करेगा। हम उन्हें निराश नहीं कर सकते।'
डेनमार्क ओपन में नहीं खेलने के बावजूद, जो अक्टूबर में हुआ था और महीनों के लॉकडाउन के बाद शुरू होने वाला पहला बैडमिंटन टूर्नमेंट था, सिंधु ने कहा कि वह एशिया ओपन के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगी। पोस्ट में सिंधु के अंतिम शब्द राहत देने वाले थे जहां उन्होंने कहा, 'मैंने शायद आप लोगों को मिनी हर्ट-अटैक दिया, लेकिन इस वक्त अभूतपूर्व उपायों की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि इससे मुझे आप लोगों का ध्यान पाने की जरूरत थी।'
ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने सोमवार को उस समय अपने फैंस और बैडमिंटन प्रेमियों को बड़ा झटका दिया जब उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर किया जिसमें लिखा था- डेनमार्क ओपन अंतिम था, मैं रिटायर हो रही हूं।
सिंधु ने लिखा, 'मैं पिछले कुछ समय से अपनी भावनाओं को जाहिर करने के बारे में सोच रही थी। मैं मानती हूं कि मैं इससे निपटने के लिए संघर्ष कर रही हूं। यह इतना गलत लगता है, आप जानते हैं। यही कारण है कि मैं आज आपको यह बताने के लिए लिख रहा हूं कि मैंने किया है।'
ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली देश की एकमात्र शटलर ने आगे लिखा, ''यह मानती हूं कि आप इसे पढ़ते वक्त चौंक गए होंगे या भ्रमित होंगे, लेकिन जब तक आप इसे पूरा पढ़ेंगे, तब आप मेरे विचारों को समझेंगे और उम्मीद करती हूं कि मुझे सपॉर्ट भी करेंगे।'
सिंधु का यह पोस्ट हालांकि एक मेसेज का हिस्सा बना जो उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के तौर पर स्वच्छता को लेकर लिखा। सिंधु के इस पोस्ट ने अचानक उनके फैंस को हैरत में डाल दिया। उन्हें एकबारगी तो यही लगा कि वह संन्यास ले रही हैं और डेनमार्क ओपन उनका आखिरी टूर्नमेंट था। हालांकि पूरा पोस्ट पढ़ने के बाद ही लोगों को असली मेसेज का पता चला।
कोरोना महामारी को 'आंखें खोलने वाला' कहते हुए सिंधु ने लिखा, 'यह महामारी मेरे लिए आंखें खोलने वाली रही है। मैं सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर सकती हूं। मैंने पहले ऐसा किया भी है, मैं फिर से कर सकती हूं लेकिन इस अदृश्य वायरस को कैसे हराऊंगी जिससे पूरी दुनिया परेशान हो गई है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'घर में कई महीने हो गए हैं और हम जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो खुद से सवाल करते हैं। यह सब समझकर और बहुत सी हृदय विदारक कहानियों के बारे में पढ़कर मुझे अपने और इस दुनिया के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला है। डेनमार्क ओपन में भारत का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं होने के कारण यह आखिरी पड़ाव था।'
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25 साल की इस शटलर ने लिखा, 'आज, मैंने अशांति की इस वर्तमान स्थिति से रिटायर होने का फैसला किया है। मैं इस नकारात्मकता, निरंतर डर, अनिश्चितता से रिटायर होती हूं। मैंने अज्ञान से रिटायर होने का विकल्प चुना। इससे भी अहम बात यह है कि मैं घटिया स्वच्छता मानकों और वायरस के प्रति हमारे अभावग्रस्त रवैये से रिटायर होना चाहती हूं।'
उन्होंने आगे लिखा, 'हमें इससे पीछे नहीं हटना चाहिए, हमें बेहतर तरीके से तैयार होने की जरूरत है। हमें एक साथ वायरस को हराना है। आज हम जो चुनेंगे, वह हमारे भविष्य और आने वाली पीढ़ी को परिभाषित करेगा। हम उन्हें निराश नहीं कर सकते।'
डेनमार्क ओपन में नहीं खेलने के बावजूद, जो अक्टूबर में हुआ था और महीनों के लॉकडाउन के बाद शुरू होने वाला पहला बैडमिंटन टूर्नमेंट था, सिंधु ने कहा कि वह एशिया ओपन के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगी। पोस्ट में सिंधु के अंतिम शब्द राहत देने वाले थे जहां उन्होंने कहा, 'मैंने शायद आप लोगों को मिनी हर्ट-अटैक दिया, लेकिन इस वक्त अभूतपूर्व उपायों की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि इससे मुझे आप लोगों का ध्यान पाने की जरूरत थी।'