बासेल (स्विट्जरलैंड)
भारतीय शटलर बी साई प्रणीत ने दमदार प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली। उन्होंने पुरुष एकल के क्वॉर्टर फाइनल में इंडोनेशिया के जॉनाटन क्रिस्टी पर सीधे गेमों में जीत दर्ज की। प्रणीत ने चौथी वरीयता प्राप्त क्रिस्टी को 24-22, 21-14 से मात दी। उन्होंने 51 मिनट में यह मुकाबला जीता। पढ़ें, वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंधु और प्रणीत के मेडल पक्के
इस जीत के साथ प्रणीत ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल में पदक का पिछले 36 साल का इंतजार खत्म कर दिया। जीत के बाद प्रणीत कोर्ट पर ही लेट गए। सेमीफाइनल में प्रणीत का सामना दुनिया के नंबर-1 शटलर जापान के केंतो मोमोता से होगा। 27 साल के प्रणीत ने 2017 में सिंगापुर ओपन जीता था। वह इसी साल स्विस ओपन में उपविजेता रहे थे।
36 साल का इंतजार खत्म
इसी साल अर्जुन पुरस्कार के लिए चुने गए दुनिया में 19वें नंबर के शटलर प्रणीत ने एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट क्रिस्टी को हराया। वह 1983 के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नमेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर हैं। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुष एकल में पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने 1983 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
क्रिस्टी पर प्रणीत की दूसरी जीत
प्रणीत की वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे नंबर के खिलाड़ी क्रिस्टी के खिलाफ यह ओवरऑल दूसरी जीत है। इससे पहले दोनों के बीच कुल तीन मुकाबले खेले गए जिसमें से 2 इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने जीते। प्रणीत ने इससे पहले केवल एक बार 2017 के थाइलैंड ओपन में क्रिस्टी को मात दी थी।
यूं जीते प्रणीत
पहले गेम में प्रणीत ने 8-4 से बढ़त हासिल की लेकिन जॉनाटन ने वापसी की और स्कोर 10-10 से बराबर कर दिया। प्रणीत ब्रेक तक 11-10 से बढ़त पर थे। इसके बाद प्रणीत ने ताकतवर स्मैश जमाकर पहला गेम जीता। दूसरे गेम में प्रणीत ने 7-1 से बढ़त हासिल की और ब्रेक तक वह 11-3 से आगे थे। जॉनाटन ने कोशिश की लेकिन भारतीय शटलर ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और उनके पास छह मैच पॉइंट थे। जॉनाटन का कमजोर रिटर्न बाहर चला गया और साई प्रणीत ने मैच अपने नाम कर लिया। (एजेंसी से इनपुट के साथ)
भारतीय शटलर बी साई प्रणीत ने दमदार प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली। उन्होंने पुरुष एकल के क्वॉर्टर फाइनल में इंडोनेशिया के जॉनाटन क्रिस्टी पर सीधे गेमों में जीत दर्ज की। प्रणीत ने चौथी वरीयता प्राप्त क्रिस्टी को 24-22, 21-14 से मात दी। उन्होंने 51 मिनट में यह मुकाबला जीता।
इस जीत के साथ प्रणीत ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल में पदक का पिछले 36 साल का इंतजार खत्म कर दिया। जीत के बाद प्रणीत कोर्ट पर ही लेट गए। सेमीफाइनल में प्रणीत का सामना दुनिया के नंबर-1 शटलर जापान के केंतो मोमोता से होगा। 27 साल के प्रणीत ने 2017 में सिंगापुर ओपन जीता था। वह इसी साल स्विस ओपन में उपविजेता रहे थे।
36 साल का इंतजार खत्म
इसी साल अर्जुन पुरस्कार के लिए चुने गए दुनिया में 19वें नंबर के शटलर प्रणीत ने एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट क्रिस्टी को हराया। वह 1983 के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नमेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर हैं। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुष एकल में पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने 1983 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
क्रिस्टी पर प्रणीत की दूसरी जीत
प्रणीत की वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे नंबर के खिलाड़ी क्रिस्टी के खिलाफ यह ओवरऑल दूसरी जीत है। इससे पहले दोनों के बीच कुल तीन मुकाबले खेले गए जिसमें से 2 इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने जीते। प्रणीत ने इससे पहले केवल एक बार 2017 के थाइलैंड ओपन में क्रिस्टी को मात दी थी।
यूं जीते प्रणीत
पहले गेम में प्रणीत ने 8-4 से बढ़त हासिल की लेकिन जॉनाटन ने वापसी की और स्कोर 10-10 से बराबर कर दिया। प्रणीत ब्रेक तक 11-10 से बढ़त पर थे। इसके बाद प्रणीत ने ताकतवर स्मैश जमाकर पहला गेम जीता। दूसरे गेम में प्रणीत ने 7-1 से बढ़त हासिल की और ब्रेक तक वह 11-3 से आगे थे। जॉनाटन ने कोशिश की लेकिन भारतीय शटलर ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और उनके पास छह मैच पॉइंट थे। जॉनाटन का कमजोर रिटर्न बाहर चला गया और साई प्रणीत ने मैच अपने नाम कर लिया। (एजेंसी से इनपुट के साथ)