नई दिल्ली: भारत की टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट डालकर संन्यास की घोषणा की है। सानिया ने इससे पहले रिटायरमेंट को लेकर कहा था कि वह WTA 1000 दुबई टेनिस चैंपियनशिप में खेल कर अपने करियर को विराम देंगी, लेकिन अब उन्होंने अपना फैसला बदल लिया है। सानिया 16 जनवरी से शुरू हो रहे ऑस्ट्रेलियाई ओपन में खेलकर ही टेनिस करियर को अलविदा कहेंगी। सानिया ऑस्ट्रेलियन ओपन में कजाकिस्तान की एना डेनिलिना के साथ महिला डबल्स इवेंट में हिस्सा लेंगी।
सानिया मिर्जा लंबे से कहती आई हैं कि वह अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहती हैं। खास तौर से वह अपने बेटे को पर्याप्त समय नहीं दे पा रही हैं। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सानिया ने लिखा, 30 साल पहले 6 साल की एक लड़की हैदराबाद के नसर स्कूल में पढ़ती थी और यहीं के निजाम क्लब में टेनिस कोर्ट को पहली बार देखा था। मैं अपनी मां के साथ वहां गई थी। यहीं पर मुझे पता लगा की टेनिस कैसे खेला जाता है। हालांकि मुझे ऐसा लगता था मैं टेनिस सीखने के लिए उस समय काफी छोटी थी। यहीं से मेरे सपने की लड़ाई शुरू हो गई थी जब मैं सिर्फ 6 साल की थी।'
अपने सोशल मीडिया नोट में सानिया कहती है, 'मैं आज जहां भी पहुंची हूं उसके पीछे मेरे माता-पिता, मेरा परिवार, मेरी बहन, मेरे कोच, मेरा फिजियो और पूरी टीम का हाथ है। इनके बिना मेरा कुछ भी कर पाना संभव नहीं था। ये सभी हर अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़े रहे और मेरा समर्थन किया। ये सभी ऐसे लोग हैं जिनके साथ मैंने हर दुख दर्द और खुशी को साझा किया है। मैं इन सबको शुक्रिया कहना चाहती हूं। आप सबने हैदराबाद की एक छोटी सी लड़की को ना सिर्फ सपना दिखाया बल्कि उसे पूरा करने के लिए पंख भी दिए।'
कैसा रहा है सानिया मिर्जा का टेनिस करियर
इसमें कोई शक नहीं है कि महिला टेनिस में सानिया मिर्जा ने पूरे विश्व में भारत का नाम रौशन किया है। हालांकि अपने करियर में वह एक भी सिंगल ग्रैंडस्लैम का खिताब नहीं जीत सकी। हालांकि उनके खाते में कुल 6 डबल ग्रैंड स्लैम आया है। सानिया तीन बार महिला डबल्स में चैंपियन बनी जबकि इतने ही बार मिक्स्ड डबल्स में खिताबी जीत हासिल की है।
सानिया ने आखिरी बार साल 2016 में ग्रैंड स्लैम जीता था। उस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन में सानिया ने मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने एंड्रिया लावाकोवा और लूसी हराडेका को फाइनल में हराया था। वहीं सानिया के एटीपी रैंकिंग की बात की जाए तो वह 27वें स्थान तक पहुंची थी। एटीपी रैंकिंग में सानिया भारत की पहली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं जिन्होंने सिंगल्स में 27वीं रैंकिंग हासिल किया।
सानिया मिर्जा लंबे से कहती आई हैं कि वह अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहती हैं। खास तौर से वह अपने बेटे को पर्याप्त समय नहीं दे पा रही हैं। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सानिया ने लिखा, 30 साल पहले 6 साल की एक लड़की हैदराबाद के नसर स्कूल में पढ़ती थी और यहीं के निजाम क्लब में टेनिस कोर्ट को पहली बार देखा था। मैं अपनी मां के साथ वहां गई थी। यहीं पर मुझे पता लगा की टेनिस कैसे खेला जाता है। हालांकि मुझे ऐसा लगता था मैं टेनिस सीखने के लिए उस समय काफी छोटी थी। यहीं से मेरे सपने की लड़ाई शुरू हो गई थी जब मैं सिर्फ 6 साल की थी।'
अपने सोशल मीडिया नोट में सानिया कहती है, 'मैं आज जहां भी पहुंची हूं उसके पीछे मेरे माता-पिता, मेरा परिवार, मेरी बहन, मेरे कोच, मेरा फिजियो और पूरी टीम का हाथ है। इनके बिना मेरा कुछ भी कर पाना संभव नहीं था। ये सभी हर अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़े रहे और मेरा समर्थन किया। ये सभी ऐसे लोग हैं जिनके साथ मैंने हर दुख दर्द और खुशी को साझा किया है। मैं इन सबको शुक्रिया कहना चाहती हूं। आप सबने हैदराबाद की एक छोटी सी लड़की को ना सिर्फ सपना दिखाया बल्कि उसे पूरा करने के लिए पंख भी दिए।'
कैसा रहा है सानिया मिर्जा का टेनिस करियर
इसमें कोई शक नहीं है कि महिला टेनिस में सानिया मिर्जा ने पूरे विश्व में भारत का नाम रौशन किया है। हालांकि अपने करियर में वह एक भी सिंगल ग्रैंडस्लैम का खिताब नहीं जीत सकी। हालांकि उनके खाते में कुल 6 डबल ग्रैंड स्लैम आया है। सानिया तीन बार महिला डबल्स में चैंपियन बनी जबकि इतने ही बार मिक्स्ड डबल्स में खिताबी जीत हासिल की है।
सानिया ने आखिरी बार साल 2016 में ग्रैंड स्लैम जीता था। उस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन में सानिया ने मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने एंड्रिया लावाकोवा और लूसी हराडेका को फाइनल में हराया था। वहीं सानिया के एटीपी रैंकिंग की बात की जाए तो वह 27वें स्थान तक पहुंची थी। एटीपी रैंकिंग में सानिया भारत की पहली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं जिन्होंने सिंगल्स में 27वीं रैंकिंग हासिल किया।