गुवाहाटी
असम में दर्रांग जिले के सिपाझार इलाके में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान बड़ी हिंसा हुई थी। पुलिस ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए फायरिंग की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। करीब 20 लोग घायल हो गए थे। शुक्रवार को इस मामले पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारे 11 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। सिपाझार में अतिक्रमण हटाने का काम जारी रहेगा।
मीडिया से बातचीत में शर्मा ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हम इस बात की जांच करेंगे कि कैमरामैन घटनास्थल पर कैसे आया और उसने उस जमीन पर पड़े व्यक्ति पर हावी होने की कोशिश क्यों की। शर्मा ने कहा कि हम बिना आधार के करीब 40 एकड़ जमीन आवंटित नहीं कर सकते, और लोग कहां जाएंगे? मैं इसे लेकर अतिक्रमणकारियों से फिर बात करूंगा। बता दें कि अतिक्रमण हटाने के दौरान लगभग 800 परिवारों ने पुनर्वास की मांग पर विरोध शुरू कर दिया था। इनका दावा है कि जिस जमीन पर वे दशकों से रह रहे थे, उससे उन्हें बेदखल कर दिया गया है।
'हत्याओं के लिए कुख्यात है सिपाझार का इलाका'
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इस अतिक्रमण को हटाने के बारे में चार महीने से विचार किया जा रहा था। 27 हजार एकड़ जमीन का हमें उपयोग करना है। वहां पर एक मंदिर था लेकिन उस पर भी लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। शर्मा ने कहा कि 1983 के बाद से सिपाझार इलाका हत्याओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने यहां हर तरफ अतिक्रमण देखा है।
कांग्रेस ने कहा- बीजेपी सरकार ने करवाई हिंसा
गौरतलब है कि सिपाझारा हिंसा के दौरान गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत वायरल हुआ था। इसमें कैमरा लिए हुआ एक शख्स जमीन पर पड़े व्यक्ति के ऊपर कूदता नजर आ रहा था। व्यक्ति के सीने में गोली के घाव का निशान भी था। आरोपी कैमरामैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई को शर्मा सरकार की तरफ से प्रायोजित गोलीबारी करार दिया है।
असम में दर्रांग जिले के सिपाझार इलाके में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान बड़ी हिंसा हुई थी। पुलिस ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए फायरिंग की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। करीब 20 लोग घायल हो गए थे। शुक्रवार को इस मामले पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारे 11 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। सिपाझार में अतिक्रमण हटाने का काम जारी रहेगा।
मीडिया से बातचीत में शर्मा ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हम इस बात की जांच करेंगे कि कैमरामैन घटनास्थल पर कैसे आया और उसने उस जमीन पर पड़े व्यक्ति पर हावी होने की कोशिश क्यों की। शर्मा ने कहा कि हम बिना आधार के करीब 40 एकड़ जमीन आवंटित नहीं कर सकते, और लोग कहां जाएंगे? मैं इसे लेकर अतिक्रमणकारियों से फिर बात करूंगा। बता दें कि अतिक्रमण हटाने के दौरान लगभग 800 परिवारों ने पुनर्वास की मांग पर विरोध शुरू कर दिया था। इनका दावा है कि जिस जमीन पर वे दशकों से रह रहे थे, उससे उन्हें बेदखल कर दिया गया है।
'हत्याओं के लिए कुख्यात है सिपाझार का इलाका'
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इस अतिक्रमण को हटाने के बारे में चार महीने से विचार किया जा रहा था। 27 हजार एकड़ जमीन का हमें उपयोग करना है। वहां पर एक मंदिर था लेकिन उस पर भी लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। शर्मा ने कहा कि 1983 के बाद से सिपाझार इलाका हत्याओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने यहां हर तरफ अतिक्रमण देखा है।
कांग्रेस ने कहा- बीजेपी सरकार ने करवाई हिंसा
गौरतलब है कि सिपाझारा हिंसा के दौरान गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत वायरल हुआ था। इसमें कैमरा लिए हुआ एक शख्स जमीन पर पड़े व्यक्ति के ऊपर कूदता नजर आ रहा था। व्यक्ति के सीने में गोली के घाव का निशान भी था। आरोपी कैमरामैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई को शर्मा सरकार की तरफ से प्रायोजित गोलीबारी करार दिया है।