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5 मिनट तक अकेले लड़कर मछुआरे ने बाघिन को हराया

सुंदरबन के जंगलों में मछली पकड़ने गए मछुआरों के एक समूह का सामना एक बाघिन के साथ हो गया। एक अकेला मछुआरा 5 मिनट तक बाघिन से लड़ता रहा। फिर उसके चार साथी भी उसकी मदद के लिए वहां पहुंचे। पांचों ने मिलकर बाघिन को हरा दिया। वह वहां से भाग गई।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 21 Oct 2016, 10:21 am
मोनतोष चक्रवर्ती, गुवाहाटी
नवभारतटाइम्स.कॉम fisherman fought tigress in sunderban sanctuary wins
5 मिनट तक अकेले लड़कर मछुआरे ने बाघिन को हराया

इंसान और बाघ की कुश्ती के कुछ नजारे आपने शायद फिल्मों में देखे होंगे, लेकिन मंगलवार को सुंदरबन वन्यजीव अभयारण्य में यह घटना हकीकत में तब्दील हो गई। यहां एक मछुआरा 5 मिनट तक अकेले एक बाघिन से लड़ता रहा। इसके बाद उसका साथ देने के लिए 4 और लोग भी वहां पहुंच गए। बाघिन को हारकर वहां से भागना पड़ा। हालांकि भागने से पहले उसने निताई बोर की दाहिनी बांह को चोटिल जरूर कर दिया। मालूम हो कि रॉयल बंगाल टाइगर का घर होने के कारण सुंदरवन पूरी दुनिया में मशहूर है।

ये पांचों मछुआरे 6 दिन पहले मछली पकड़ने की अपनी नाव में बैठकर सुंदरबन पहुंचे। पांचों मछुआरे बोरो श्यामनगर के रहने वाले हैं। इनमें से तीन- निताई, जयदेव और जगन्नाथ तो सगे भाई हैं, जबकि बाकी के दो उनके पड़ोसी हैं। कोलोश नदी में 5 दिनों तक मछली पकड़ने के बाद इन पांचों ने नदी किनारे पानी में अपना जाल बांध दिया। जाल ठीक से बंधा है या नहीं, यह देखने के लिए जब निताई वहां पहुंचा तब पेड़ से ऊपर घात लगाकर बैठी बाघिन नीचे कूदी। बाघिन निताई से करीब 10 फुट की दूरी पर थी।

घटना के बारे में बताते हुए जगन्नाथ ने बताया, 'निताई ने एक बांस का डंडा उठाया और बाघिन से मुकाबल करने लगा। तब तक हम लोगों ने और बांस के डंडे जमा किए और निताई को बचाने के लिए गए। हम पांचों ने मिलकर बाघिन से लड़ना शुरू किया। खुद को हारता हुआ देखकर बाघिन वहां से भाग गई। भागने से पहले उसने अपने पंजे के वार से निताई की दाहिनी बांह को चोटिल कर दिया।' यहां के अतिरिक्त वन अधिकारी देवज्योति बेरा ने बताया, 'मछुआरों का यह समूह पश्चिमी सुंदरबन वन्यजीव अभयारण्य में घुस गया था। वहां जाने पर सख्त पाबंदी है।

इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें: Fisherman wrestles with tigress, wins

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