ऐपशहर

2001 में एनडीए सरकार ने मुझपर गुप्त हत्याएं जारी रखने का दबाव बनाया: तरुण गोगोई

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और असम के पूर्व सीएम तरुण गोगोई ने कहा है कि 2001 में केंद्र की एनडीए सरकार ने उनपर दबाव बनाया कि राज्य में गुप्त हत्याएं जारी रखी जाएं।

भाषा 20 Feb 2019, 11:00 pm
गुवाहाटी
नवभारतटाइम्स.कॉम gogoi
फाइल फोटो: तरुण गोगोई

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बुधवार को दावा किया कि केंद्र की पूर्ववर्ती नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) सरकार ने उन पर ‘गोपनीय हत्याएं’ जारी रखने का दबाव बनाया था, जो उनके पूर्ववर्ती प्रफुल्ल कुमार महंत के कार्यकाल के दौरान जोरशोर से जारी थीं। गोगोई के इस आरोप को बीजेपी ने आधारहीन करार दिया है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर विभाजनकारी राजनीति करने के आरोप लगाए।

प्रफुल्ल कुमार महंत ने गोगोई पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में राज्य में न्यायेतर हत्याओं का दौर शुरू हुआ था। वर्ष 2001 से 2016 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे गोगोई ने दावा किया कि तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी पूर्वोत्तर में उग्रवाद को मिटाने के लिए पंजाब पुलिस के पूर्व प्रमुख के पी एस गिल को असम का राज्यपाल बनाना चाहते थे। बता दें कि पंजाब में आतंकवाद को कुचलने का श्रेय गिल को दिया जाता है।

तरुण गोगोई ने कहा, ‘हम पर गुप्त हत्याएं जारी रखने का दबाव था लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। जब मैं 2001 में मुख्यमंत्री बना तो बीजेपी चाहती थी कि गुप्त हत्याएं जारी रहें और आडवाणी चाहते थे कि इसके लिए के पी एस गिल को राज्यपाल के तौर पर भेजा जाए।’ उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के दबाव के कारण गिल को पूर्वोत्तर राज्य में नहीं भेजा गया। गोगोई 1990 के दशक में नकाबपोश लोगों द्वारा संदिग्ध उल्फा उग्रवादियों और उनके परिजन की न्यायेतर हत्या का जिक्र कर रहे थे।

असम के पूर्व सीएम गोगोई ने कहा, ‘महंत जब सत्ता में थे तो असम में गुप्त हत्याएं हुईं। तब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी। अब महंत कहते हैं कि उन्होंने केंद्र के निर्देश पर ऐसा किया।’ असम बीजेपी के महासचिव दिलीप सैकिया ने आरोपों को खारिज कर दिया। सैकिया ने कहा, ‘यह आधारहीन आरोप है। हमने हमेशा भारत की अखंडता में विश्वास किया है लेकिन निर्दोष लोगों की गुप्त हत्या की कीमत पर नहीं। अगर वह ईमानदार थे तो उन्होंने गुप्त हत्याओं की जांच के आदेश क्यों नहीं दिए? वह सस्ती, विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं।’

सैकिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने उल्फा के साथ वार्ता तोड़ी। असम गण परिषद (एजीपी) के प्रफुल्ल कुमार महंत ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती हितेश्वर सैकिया ने गुप्त हत्याओं का काम शुरू कराया। उन्होंने आरोप लगाए, ‘कांग्रेस ने गुप्त हत्याओं की शुरुआत की। हितेश्वर सैकिया ने ऐसा कराया... इसका पहला शिकार तेजपुर का भूपेन बोरा बना, जिसका कांग्रेस सरकार ने अपहरण कराया और उसकी हत्या करा दी।’

बता दें कि सैकिया 1991 से 1996 तक असम के मुख्यमंत्री रहे। यह पूछने पर कि क्या ऐसी हत्याएं उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में भी जारी रहीं तो महंत ने कहा, ‘सुरक्षा संबंधी सभी मुद्दों के लिए एकीकृत कमान जवाबदेह था और यह केंद्र सरकार के मातहत काम करता था।’ गोगोई ने कहा कि एनडीए की सरकार उन पर उल्फा के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाती थी क्योंकि उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या नहीं होने दी।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग