गुवाहाटी, 27 जनवरी (भाषा) असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने रविवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को ‘बेकार दस्तावेज’ बताया और कहा कि इसे मतदाता सूची से जोड़ दिया जाना चाहिए था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एनआरसी को अद्यतन करने पर करोड़ों रुपये खर्च कर की जा रही सारी कवायद बर्बाद चली गयी है। यह प्रक्रिया 2013 में शुरु की गयी थी और पांच साल में वह (भाजपा सरकार) सही एनआरसी प्रकाशित नहीं कर पायी।’’ उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनआरसी बेकार दस्तावेज है और अब यह बेमतलब हो गया है। उन्होंने कहा कि इसे जनवरी,2019 तक मतदाता सूची से जोड़ दिया जाना चाहिए था। 40 लाख से अधिक जो लोग एनआरसी के पूर्ण मसौदे से बाहर रह गये हैं, वे अब भी मतदाता सूची में हैं और वे वोट डालेंगे। गोगोई ने कहा, ‘‘हमने (जब गोगोई मुख्यमंत्री थे) केंद्र से कहा था कि विशेष रुप से असम में ही क्यों, सभी राज्यों में ऐसा ही एनआरसी अद्यतन कार्य किया जाए। ’’ नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संबंध में उन्होंने कहा कि इसका न केवल असम में बल्कि पूरे देश में विरोध किया गया है, भाजपा के सहयोगी जदयू, शिवसेना और पूर्वोत्तर राज्यों में भी ज्यादातर मुख्यमंत्री उसके खिलाफ हैं।
एनआरसी बेकार दस्तावेज, इसे मतदाता सूची से जोड़ दिया जाना चाहिए था : तरुण गोगोई
गुवाहाटी, 27 जनवरी (भाषा) असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने रविवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को ‘बेकार दस्तावेज’ बताया और कहा कि इसे मतदाता सूची से जोड़ दिया जाना चाहिए था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एनआरसी को अद्यतन करने पर करोड़ों रुपये खर्च कर की जा रही सारी कवायद बर्बाद चली गयी है। यह प्रक्रिया 2013 में शुरु की गयी थी और पांच साल में वह (भाजपा सरकार) सही एनआरसी प्रकाशित नहीं कर पायी।’’ उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनआरसी बेकार दस्तावेज है और अब यह बेमतलब हो गया है। उन्होंने कहा कि इसे जनवरी,2019 तक
भाषा 27 Jan 2019, 8:54 pm