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500 रुपये का लालच देकर उल्फा ने स्कूली छात्रों से रखवाया बम

उल्फा उग्रवादी लोगों की गरीबी का फायदा उठाकर हिंसा और मारकाट का अपना अजेंडा पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। 15 अगस्त पर उन्होंने 2 स्कूली छात्रों से बम प्लांट कराया। दोनों को उग्रवादियों ने 500-500 रुपये दिए। छात्रों ने बम तो ले लिया, लेकिन उसे वीरान जगह पर छोड़ आए ताकि धमाके में लोग ना मारे जाएं।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 19 Aug 2016, 3:34 am
गुवाहाटी
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500 रुपये का लालच देकर उल्फा ने स्कूली छात्रों से रखवाया बम

उल्फा उग्रवादी हिंसा और हत्या का अपना अजेंडा पूरा करने के लिए लोगों की गरीबी का फायदा उठा रहे हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर जिस तरह उन्होंने 500-500 रुपये देकर 2 स्कूली छात्रों से बम रखवाया, उससे यह साफ होता है कि उल्फा उग्रवादी गरीबी से जूझ रहे लोगों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का एक 10-सदस्यीय दल गुरुवार को तिनसुकिया जिले में पहुंचा। परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उल्फा के निर्देश पर 2 बच्चों ने जो बम प्लांट किए थे, उनमें से कुछ की तलाश पुलिस नहीं कर पा रही है। इसी में मदद के लिए NIA यहां पहुंचा है। इन बमों में 15 अगस्त को ही धमाका होना था, लेकिन उग्रवादियों ने जिस जगह पर बम प्लांट करने कहा था, वहां ना रखकर बच्चों ने उन बमों को नाले और कूड़ेदान में फेंक दिया था।

जिन 2 किशोरों को उग्रवादियों ने इस्तेमाल किया, उनमें से एक 15 वर्षीय किशोर 9वीं कक्षा में और दूसरा 10वीं क्लास में पढ़ता है। दोनों को गिरफ्तार पर बाल सुधार गृह भेज दिया गया। इन किशोरों ने जो 5 बम प्लांट किए थे, वे दूमदूमा शहर के बायपास के पास बने एक पुल के नीचे रखे गए थे। तिनसुकिया की SP मुग्धाज्योति महांता ने बताया, 'NSG की टीम दोपहर 3 बजे तिनसुकिया पहुंच गई। हम बम को नहीं खोज पा रहे थे। इसीलिए हमने उनसे मदद मांगी।' महांता ने बताया कि दोनों स्कूली छात्रों का उग्रवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है।

महांता ने बताया, 'उग्रवादी इन दोनों किशोरों से मिले और उन्हें बम प्लांट करने के बदले 500 रुपये दिए। किशोरों को दूमदूमा पुलिस थाने, बाजार और बायपास पुल के नीचे बम रखने का कहा गया था। उग्रवादियों ने उनसे यह भी कहा कि इस काम के बदले वे दुर्गापूजा में उन्हें तोहफे भी देंगे। किशोरों ने स्वीकार किया कि उन्हें उग्रवादियों से बम लिया, लेकिन फिर उन्हें सूनसान जगहों पर छोड़ दिया। बच्चे नहीं चाहते थे कि धमाकों में लोग मरें या फिर घायल हों। किशोरों को पता था कि उन्हें जो प्लांट करने कहा गया है, वह बम है।'

इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें: Rs 500 & promise of gifts: What Ulfa offered teens to plant I-Day bombs

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