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Assam Floods: टूटी सड़कें, हताश चेहरे, घर से लेकर खेतों तक हर ओर पानी.... हिला देंगी तस्वीरें

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बरस रहा था कि अब असम में आसमान से आफत की बारिश हुई है। असम (Assam) में बाढ़ से प्रभावित जिलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर लगी फसल जलमग्न हो गई। बाढ़ के कारण लगभग दो लाख लोग प्रभावित हुए हैं। लोगों के घरों तक में पानी भर गया है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 27 May 2020, 9:34 am
कई लोगों के घर ऐसे हैं जो पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। कई कच्चे घर पानी में डूबने के बाद धराशाई हो गए। बेघर लोगों को असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की ओर से राहत शिविरों में शरण दी गई है।
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Assam Floods: टूटी सड़कें, हताश चेहरे, घर से लेकर खेतों तक हर ओर पानी.... हिला देंगी तस्वीरें


बेघर लोगों को ले जाया गया कैंप

असम बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया है। इस काम में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं। लोगों को नावों से उनके इलाके से निकालकर कैंप तक पहुंचाया जा रहा है।

भयावह हुई स्थिति

स्थिति भयावह होने के बाद यहां एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों ने काम करना शुरू कर दिया है। यहां के नौ इलाके ऐसे हैं जो बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं असम स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स (SDRF) की 40 से ज्यादा टीमों को रेस्क्यू उपकरणों के साथ प्रभावित इलाकों में लगाया गया है।

ब्रह्मपुत्र नदी का हुआ विकराल रूप

असम के ब्रह्मपुत्र नदी खतरे से निशान के ऊपर बह रही है। मंगलवार को जोरहाल में पानी खतरे के निशान को 15 सेंटी मीटर ऊपर पहुंच गया था। बाढ़ के हालात ऊपरी इलाकों में भी खतरनाक हो गए हैं जबकि निचले इलाकों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

​बाढ़ से बचने को खुद पार लगा रहे नैया

बाढ़ से प्रभावित लोगों के जब घरों में पानी बह गया तो वे अपने परिवार को लेकर चिंता में आ गए। कई लोगों को कहीं से राहत मिलती नजर नहीं आई तो खुद नावें उठाकर परिवार के साथ बाढ़ के पानी को पार करते नजर आए।

फसलें डूबीं तो नावों से निकालीं

बाढ़ के चलते हजारों एकड़ खेती बर्बाद हो गई है। लोगों के खेतों में पानी भर गया है। अनाज बर्बाद होते देख लोगों ने खेतों में खड़ी फसलें उखाड़कर नावों से ढोनी शुरू कर दीं।

जल स्तर के साथ बढ़ रही लोगों की चिंता

स्थानीय लोगों ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन अगर आगे भी बारिश होती रही, तो यह और खराब हो सकती है। पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। लोगों ने कहा कि उनकी चिंता बढ़ती जा रही है।

मानस नदी पर टूटा बना पुल

नलबाड़ी जिले में मानस नदी पर लकड़ी का एक पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। गोलपारा जिले में भी एक सड़क पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर है।

गोलपारा में हजारों लोग बेघर

गोलपारा में सबसे अधिक 1.68 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं जबकि नलबाड़ी में 10,943 और डिब्रूगढ़ में 7,897 लोग प्रभावित हैं। इसमें कहा गया है कि तिनसुकिया में बाढ़ से 3,455 लोग प्रभावित हैं जबकि लखीमपुर में 2,970, दरांग में 845 और धेमाजी में 610 लोग प्रभावित हैं।

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