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Bihar News : थाने की 'कैद' से हुई भगवान की रिहाई, आखिर 27 साल क्यों लगे, जानें पूरा मामला

बिहार के भोजपुर जिले से एक रोचक मामला सामने आया है। यहां हनुमानजी और रामानुज स्वामी की मूर्ति को करीब 27 साल तक पुलिस थाने के अंदर कैद रहना पड़ा। ये मामला कृष्णगढ़ थाने का है। यहां हनुमान और रामानुज स्वामी की मूर्तियां बरसों से कैद थीं। सालों बाद मंगलवार को इन मूर्तियों की रिहाई हुई तो ये चर्चा का विषय बन गईं।

Edited byसुनील पाण्डेय | Lipi 29 Mar 2023, 11:53 am

हाइलाइट्स

  • 27 साल बाद थाने से मिली भगवान को रिहाई
  • भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाने से जुड़ा मामला
  • 29 साल पहले गुंडी गांव से चोरी हुई थी अष्टधातु की मूर्ति
  • गाजे-बाजे के साथ पुलिसकर्मियों ने भगवान को किया विदा
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आरा: भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाने के मालखाने में अष्ट धातु की हनुमान जी और रामानुज स्वामी की कीमती मूर्ति को रखा गया था। जमानतदार की तलाश थी, जिसके कारण उनकी रिहाई नहीं हो रही थी। बरसों चले मुकदमे के बाद आखिर वो दिन आ ही गया, जब उनकी थाने से रिहाई हुई। गाजे-बाजे के साथ भगवान को पुलिसकर्मियों ने विदा किया।

कैद से भगवान की रिहाई!


थाने के मालखाने में कैद अष्टधातु निर्मित हनुमानजी और रामानुज स्वामी की कीमती मूर्ति को मंगलवार शाम बाहर निकाला गया। इसके बाद गाजे-बाजे के बीच जयकारे के साथ ऐतिहासिक श्री रंगनाथ मंदिर लाया गया। ये मूर्तियां चोरों से बरामद हुई थी, तब से थाने के मालखाने में ही पड़ी रहीं। ये मूर्ति कृष्णागढ़ थाना क्षेत्र के गुंडी गांव के ऐतिहासिक श्री रंगनाथ मंदिर की थी, जिसको चोरों ने साल 1994 के जून महीने में चुरा लिया था। पुलिस ने तेजी से छानबीन की और महज एक सप्ताह के भीतर गौसगंज के एक बगीचे के कुएं से चोरी हुई मूर्तियों को बरामद कर लिया।


तब नहीं मिले थे जमानतदार


1994 में इन कीमती मूर्तियों की जमानत के लिए 42 लाख के जमानतदार की मांग की गई। तब जमानतदार नहीं मिलने से मूर्तियां कृष्णगढ़ थाने के मालखाने में पड़ी रहीं। काफी लंबे चले मुकदमे के बाद आदेश मिला, अब जाकर इन्हें थाने के मालखाने से निकाला गया। बरसों तक इंतजार करने के बाद आखिर एक बार फिर वो घड़ी आ ही गई, जब भगवान अपने मंदिर में चले गए।

पुलिसकर्मियों ने किया 'भगवान' को विदा


जैसे ही भगवान को रिहा होने की खबर ग्रामीणों को लगी हजारों की संख्या में ग्रामीण थाने पहुंच गए। वहां पूरे विधि-विधान से वैदिक मंत्रोचार के बाद थाने के मालखाने से हनुमान जी और रामानुज स्वामी को बाहर निकाला गया। पालकी पर बैठाकर गाजे-बजे के साथ उनको थाने से विदा किया गया। इस दौरान ढोल-नगाड़े के बीच जय श्रीराम और जय हनुमान के जय घोष से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया। पुलिसकर्मी भी भगवान जी को विदा करते समय काफी भावुक हो गए।
लेखक के बारे में
सुनील पाण्डेय
सुनील पाण्डेय इस समय nbt.in के साथ Principal Digital Content Producer तौर पर जुड़े हुए हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 16 वर्षों का अनुभव है। ETV News, Zee Media, News18 सहित कई संस्थानों में अहम पद पर रहे। ग्राउंड और रिसर्च स्टोरी पर रिपोर्टिंग में माहिर माने जाते हैं। राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर खासी पकड़ रखते हैं। TV News के लिए शो बनाने में ​एक्सपर्ट सुनील को डिजिटल माध्यम में दिलचस्पी और सीखने की प्रबल इच्छा इन्हें नवभारत ​टाइम्स डिजिटल तक खींच लाई।... और पढ़ें

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