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Bihar News: वाह रे सिस्टम! बेटे का शव बंद बोरे में लेकर 3 किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर हुआ लाचार पिता

Katihar News: सिस्टम से हारे पिता को अपने 'कलेजे के टुकड़े' के शव को बोरे में बंद किया और तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर ले गए। परेशान पिता ने कहा कि करें तो क्या करें, किसी भी थाना पुलिस ने सहयोग नहीं किया। गाड़ी तक उपलब्ध करवायी और न कोई सहानुभूति दिखाई। अब इस सिस्टम से कितने देर तक गुहार लगाते।

नवभारतटाइम्स.कॉम 7 Mar 2021, 8:37 am
कटिहार
बिहार के कटिहार में दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई। जिसमें एक पिता को अपने बेटे का शव बोरे में लेकर करीब तीन किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा। 'सुशासन' की सरकार में विकास के दावे के बीच सिस्टम की अनदेखी की इस शर्मनाक तस्वीर को देखकर कई सवाल खड़े हो गए। क्या हम इंसानी बस्ती में रहते हैं या फिर वाकई ये सिस्टम सड़ गया है। जिसके चलते एक लाचार बाप बंद बोरे में अपने बेटे के शव को लेकर पैदल चलने को मजबूर है।

नाव से गिर कर लापता हो गया था बेटा
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला भागलपुर के गोपालपुर थाना इलाके में तीनटंगा गांव से संबंधित है। यहां रहने वाले नीरू यादव का 13 वर्षीय पुत्र हरिओम यादव कुछ दिन पहले ही नदी पार करने के दौरान नाव से गिर गया और लापता हो गया। परिजनों ने इस संबंध में गोपालपुर थाने में उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। लेकिन प्रशासन से सहयोग नहीं मिला। इस बीच पिता को खोजबीन के दौरान पता चला कि उनके बेटे का शव पास के ही कटिहार जिले में कुर्सेला थाना इलाके के खेरिया नदी के तट पर तैर रहा है।

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बेटे का शव का पता चला तो झोले में भरकर लाने को मजबूर हुए पिता
बस इसी सूचना पर पिता नीरू यादव खेरिया नदी के घाट पर पहुंचे तो उन्हें बेटे का शव बेहद सड़ी-गली हालत में मिला। इसे जानवरों से नोंच लिया था। बावजूद इसके पिता ने कपड़ों और शारीरिक निशान के आधार पर अपने बेटे को पहचान लिया। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यहीं से सिस्टम की शरारत शुरू हुई। शव के लिए न तो भागलपुर जिला के गोपालपुर थाना पुलिस और ना ही कटिहार जिले की कुर्सेला पुलिस ने कोई संजीदगी दिखाई।


नहीं मिली सिस्टम से मदद, बेटे के शव को लेकर 3 किमी. पैदल चले पिता
आखिरकार सिस्टम से हारे पिता को अपने 'कलेजे के टुकड़े' के शव को बोरे में बंद किया और तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर ले गए। परेशान पिता ने कहा कि करें तो क्या करें, किसी भी थाना पुलिस ने सहयोग नहीं किया। गाड़ी तक उपलब्ध करवायी और न कोई सहानुभूति दिखाई। अब इस सिस्टम से कितनी देर तक गुहार लगाते। इसलिए मजबूरी में बच्चे के शव को इसी तरह लेकर आ गए। हालांकि, अब मामले का खुलासा होने पर कटिहार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। साथ ही किस थाने से और किस पुलिसकर्मी से लापरवाही हुई है, इसकी जांच की जा रही है।

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