किशनगंज
ठाकुरगंज के प्रभात चंद्र झा ने किशनगंज को सिर ऊंचा करने का गौरव दिया है। CRPF के DIG प्रभात चंद्र झा को गणतंत्र दिवस के मौके पर वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। सीआरपीएफ में करीब 28 वर्षों से सराहनीय कार्य के लिए उन्हें ये सम्मान मिला। इससे पहले भी उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर 2013 में भी सीआरपीएफ के कमांडेंट के पद पर रहते हुए पुलिस फॉर मेरिटोरिअसल सर्विस विभूति से नवाजा गया था।
ठाकुरगंज में हुई शुरुआती पढ़ाई
गणतंत्र दिवस के मौके पर सैन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। इसमें 1 अगस्त 1965 को ठाकुरगंज में जन्मे प्रभात चंद्र झा शामिल हैं। प्रभात चंद्र झा ने सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई सूबाबाई कन्या मिडिल स्कूल ठाकुरगंज में ही पूरी की। वे 29 जून 1992 में सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर सर्विस शुरू की थी। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में पोस्टिंग के दौरान बेहतरीन काम किया।
जहां तैनाती, वहीं बेहतरीन काम
प्रभात चंद्र के कामयाबियों की लिस्ट काफी लंबी है। 1995-96 में दीमापुर से जोखामा के बीच सफलतापूर्वक आवागमन को सुरक्षित बनाया। 1998-99 में त्रिपुरा और मिजोरम, जो उस वक्त काफी अशांत क्षेत्र माना जाता था। तब प्रभात चंद्र झा ने दूरसंचार व्यवस्था को काफी चुस्त-दुरूस्त रखा। अपनी पोस्टिंग के दौरान प्रभात चंद्र झा इंफाल (मणिपुर), दीमापुर (नागालैंड), नरसिंहगढ़ (त्रिपुरा), राउरकेला (ओडिशा), वारंगल (आंध्र प्रदेश) और श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में अपने काम से विशिष्ट छाप छोड़ने में सफल रहे। 2001-03 के कार्यकाल में अमरनाथ गुफा तक तीर्थ यात्रियों की यात्रा के दरम्यान बेहतर और सराहनीय काम किए।
बिहार चुनाव के लिए भी सम्मान
आंध्र प्रदेश के वारंगल में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 18 ऑपरेशन को कामयाबी से पूरा किया। मध्य प्रदेश के नीमच में पोस्टिंग के दौरान भी प्रभात चंद्र झा ने बेहतरीन काम किया। डेपुटेशन पर बिहार विधानसभा चुनाव (2005) में बेहतरीन कार्य के लिए डीजी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 2010 में श्रीनगर में ऑपरेशन एचीवमेंट के लिए डीजी प्रशस्ति पत्र और डिस्क पुरस्कार भी मिल चुका है। अब उन्हें गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
ठाकुरगंज के प्रभात चंद्र झा ने किशनगंज को सिर ऊंचा करने का गौरव दिया है। CRPF के DIG प्रभात चंद्र झा को गणतंत्र दिवस के मौके पर वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। सीआरपीएफ में करीब 28 वर्षों से सराहनीय कार्य के लिए उन्हें ये सम्मान मिला। इससे पहले भी उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर 2013 में भी सीआरपीएफ के कमांडेंट के पद पर रहते हुए पुलिस फॉर मेरिटोरिअसल सर्विस विभूति से नवाजा गया था।
ठाकुरगंज में हुई शुरुआती पढ़ाई
गणतंत्र दिवस के मौके पर सैन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। इसमें 1 अगस्त 1965 को ठाकुरगंज में जन्मे प्रभात चंद्र झा शामिल हैं। प्रभात चंद्र झा ने सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई सूबाबाई कन्या मिडिल स्कूल ठाकुरगंज में ही पूरी की। वे 29 जून 1992 में सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर सर्विस शुरू की थी। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में पोस्टिंग के दौरान बेहतरीन काम किया।
जहां तैनाती, वहीं बेहतरीन काम
प्रभात चंद्र के कामयाबियों की लिस्ट काफी लंबी है। 1995-96 में दीमापुर से जोखामा के बीच सफलतापूर्वक आवागमन को सुरक्षित बनाया। 1998-99 में त्रिपुरा और मिजोरम, जो उस वक्त काफी अशांत क्षेत्र माना जाता था। तब प्रभात चंद्र झा ने दूरसंचार व्यवस्था को काफी चुस्त-दुरूस्त रखा। अपनी पोस्टिंग के दौरान प्रभात चंद्र झा इंफाल (मणिपुर), दीमापुर (नागालैंड), नरसिंहगढ़ (त्रिपुरा), राउरकेला (ओडिशा), वारंगल (आंध्र प्रदेश) और श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में अपने काम से विशिष्ट छाप छोड़ने में सफल रहे। 2001-03 के कार्यकाल में अमरनाथ गुफा तक तीर्थ यात्रियों की यात्रा के दरम्यान बेहतर और सराहनीय काम किए।
बिहार चुनाव के लिए भी सम्मान
आंध्र प्रदेश के वारंगल में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 18 ऑपरेशन को कामयाबी से पूरा किया। मध्य प्रदेश के नीमच में पोस्टिंग के दौरान भी प्रभात चंद्र झा ने बेहतरीन काम किया। डेपुटेशन पर बिहार विधानसभा चुनाव (2005) में बेहतरीन कार्य के लिए डीजी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 2010 में श्रीनगर में ऑपरेशन एचीवमेंट के लिए डीजी प्रशस्ति पत्र और डिस्क पुरस्कार भी मिल चुका है। अब उन्हें गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।