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मुजफ्फरपुर के मूर्तिकारों की झोली भरेंगे बाबा विश्वकर्मा, कोरोना के बाद हैं उम्मीदें

Vishwakarma Puja 2022: दो साल के कोरोना काल के बाद मुजफ्फरपुर के मूर्तिकार विश्वकर्मा पूजा से उम्मीदें लगाए हुए हैं। कोरोना का असर कम होने से लंबे अरसे से बंद पड़े मूर्तिकला निर्माण से जुड़े बाजारों की रौनक लौटने लगी है। कोरोना को लेकर सभी प्रतिबंध खत्म होने के बाद से मूर्तिकार एक बार फिर अपने मूर्तिकला व्यवसाय से जुड़ गए हैं।

Edited byएनबीटी डेस्क | Lipi 15 Sep 2022, 7:07 pm
मुजफ्फरपुर: देशभर में मनाए जाने वाले विश्वकर्मा पूजा को लेकर तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं। भगवान विश्‍वकर्मा की जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। हर साल कन्‍या संक्रांति के दिन विश्‍वकर्मा जयंती मनाई जाने की परंपरा रही है। वहीं इसे लेकर मूर्तिकार भी भगवान विश्‍वकर्मा की मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। साथ ही मूर्तिकारों में उत्साह भी देखने को मिल रहा है। इस साल कन्‍या संक्रांति के दिन विश्‍वकर्मा जयंती के साथ पद्म एकादशी भी पड़ रहा है।
नवभारतटाइम्स.कॉम vishwakarma-puja

भगवान विश्‍वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला अभियंता और वास्‍तुकार माना जाता रहा है, जिसके कारण सभी कल कारखानों में विश्वकर्मा पूजा काफी धूमधाम से मनाई जाती है। वहीं, मूर्तिकार भी काफी उत्साहित दिख रहे हैं। उनकी मूर्तियां भी पिछले दो सालों की तुलना में ज्यादा बिकी हैं। कोरोना का असर कम होने से लंबे अरसे से बंद पड़े मूर्तिकला निर्माण से जुड़े बाजारों की रौनक लौटने लगी है। कोरोना को लेकर सभी प्रतिबंध खत्म होने के बाद से मूर्तिकार एक बार फिर अपने मूर्तिकला व्यवसाय से जुड़ गए हैं। यही वजह है कि इस बार बड़ी संख्या में मूर्तिकारों ने देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति को तैयार कर अपने काम का आगाज कर दिया है।

रिपोर्ट: संदीप कुमार
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एनबीटी डेस्क
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