पटना: कुढ़नी उपचुनाव को लेकर बिहार में प्रचार का संग्राम शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ महागठबंधन ने क्षेत्र में जेडीयू के उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा के प्रचार के लिए अपने शीर्ष नेताओं की पूरी फौज उतारने का फैसला किया है। कुढ़नी विधानसभा के लिए 5 दिसंबर को उपचुनाव होगा। यहां JDU के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा और बीजेपी उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता के बीच मुकाबला है। इस दौरान वहां ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इन दोनों के मैदान में आने से चुनावी माहौल और दिलचस्प हो गया है।
नीतीश-तेजस्वी-मांझी-ललन करेंगे प्रचार
प्रतिद्वंद्वियों से आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए महागठबंधन ने अब सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को चुनाव प्रचार में शामिल करने की योजना बनाई है। उनके अलावा सात दलों के महागठबंधन के सभी शीर्ष नेता भी इस अभियान में शामिल होंगे। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के मुताबिक 'सीएम और डिप्टी सीएम संयुक्त रूप से 2 दिसंबर को महागठबंधन उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे। 30 नवंबर को तेजस्वी, मांझी और ललन सिंह उनके लिए वोट मांगेंगे। मुकाबला एकतरफा होने जा रहा है क्योंकि हमारा उम्मीदवार दौड़ में काफी आगे है।'
ओवैसी और सहनी ने दिलचस्प बनाया खेल
जेडीयू उम्मीदवार के लिए चिंता का विषय चुनावी परिदृश्य में दो खिलाड़ियों - एआईएमआईएम और मुकेश सहनी का आना है। एआईएमआईएम ने एक बार फिर चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। उधर सहनी ने नीलाभ कुमार को मैदान में उतार दिया है। रही सही कसर लालू के साले साधु यादव ने पूरी कर दी। वो महागठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। साधु का कहना है कि 'आरजेडी किस आधार पर महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत की उम्मीद कर सकता है? वह पहले ही अपनी सीट जेडीयू के लिए छोड़ कर भाग गई है। उपचुनाव में महागठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा।'
बीजेपी जीत पर आश्वस्त
बीजेपी ने कहा कि महागठबंधन के खिलाफ हवा चल रही है और कोई भी उसे चुनाव जीतने में मदद नहीं कर सकता। बिहार विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी के मुताबिक 'ईबीसी उम्मीदवार को टिकट से इनकार करके, जेडीयू ने इस समुदाय के प्रति अपना अनादर दिखाया है, हालांकि यह सीट इस समुदाय के एक व्यक्ति के पास थी।'
नीतीश-तेजस्वी-मांझी-ललन करेंगे प्रचार
प्रतिद्वंद्वियों से आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए महागठबंधन ने अब सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को चुनाव प्रचार में शामिल करने की योजना बनाई है। उनके अलावा सात दलों के महागठबंधन के सभी शीर्ष नेता भी इस अभियान में शामिल होंगे। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के मुताबिक 'सीएम और डिप्टी सीएम संयुक्त रूप से 2 दिसंबर को महागठबंधन उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे। 30 नवंबर को तेजस्वी, मांझी और ललन सिंह उनके लिए वोट मांगेंगे। मुकाबला एकतरफा होने जा रहा है क्योंकि हमारा उम्मीदवार दौड़ में काफी आगे है।'
ओवैसी और सहनी ने दिलचस्प बनाया खेल
जेडीयू उम्मीदवार के लिए चिंता का विषय चुनावी परिदृश्य में दो खिलाड़ियों - एआईएमआईएम और मुकेश सहनी का आना है। एआईएमआईएम ने एक बार फिर चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। उधर सहनी ने नीलाभ कुमार को मैदान में उतार दिया है। रही सही कसर लालू के साले साधु यादव ने पूरी कर दी। वो महागठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। साधु का कहना है कि 'आरजेडी किस आधार पर महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत की उम्मीद कर सकता है? वह पहले ही अपनी सीट जेडीयू के लिए छोड़ कर भाग गई है। उपचुनाव में महागठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा।'
बीजेपी जीत पर आश्वस्त
बीजेपी ने कहा कि महागठबंधन के खिलाफ हवा चल रही है और कोई भी उसे चुनाव जीतने में मदद नहीं कर सकता। बिहार विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी के मुताबिक 'ईबीसी उम्मीदवार को टिकट से इनकार करके, जेडीयू ने इस समुदाय के प्रति अपना अनादर दिखाया है, हालांकि यह सीट इस समुदाय के एक व्यक्ति के पास थी।'