मुजफ्फरपुर/पटना
मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में शुक्रवार को छह साल के बच्चे भोला जी की मौत चमकी बुखार से हो गई। इसके साथ राज्य में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 15 हो गया है। एसकेएमसीएच में 24 घंटे के भीतर चमकी बुखार से यह दूसरी मौत है। गुरुवार शाम अस्पताल में डेढ़ साल की बच्ची कृति कुमारी की चमकी बुखार से मौत हो गई थी।
सरैया प्रखंड का रहने वाला था भोला
मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन की ओर से जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड के पोखरैरा गांव निवासी भोला जी की दोपहर करीब 12.56 बजे एसकेएमसीएच में मौत हो गई। बच्चे को 10 अगस्त को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एक दिन पहले ही मनियारी प्रखंड की बच्ची कीर्ति की हुई थी मौत
एक दिन पहले मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी प्रखंड के सुधियानूर गांव की कीर्ति ने अंतिम सांस ली थी। मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी प्रखंड के सुधियानूर गांव निवासी कीर्ति को बुधवार को चमकी बुखार के लक्षणों के साथ एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था। उसकी जांच रिपोर्ट ने पुष्टि की कि वह चमकी बुखार से संक्रमित है।
जदयू में शामिल हुए पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, कहा- बिहार में कोई और नहीं दे सकता नीतीश कुमार जैसा सुशासन
एक सप्ताह के भीतर चमकी बुखार से अस्पताल में तीसरी मौत: डॉक्टर
एसकेएमसीएच बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ गोपाल शंकर साहनी ने कहा कि लड़की को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उन्होंने कहा कि "डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक सप्ताह के भीतर अस्पताल में चमकी बुखार से यह तीसरी मौत है। 7 अगस्त को मुजफ्फरपुर जिले के कुधानी प्रखंड के तुर्की छजन गांव निवासी राजेंद्र की चमकी बुखार से मौत हो गई थी।"
बिहार के उद्योग मंत्री ने की पेट्रोलियम मंत्री से मुलाकात, इथेनॉल यूनिट लगाने में आ रही अड़चनें दूर करने की मांग
9 फरवरी को एसकेएमसीएच में आया था चमकी बुखार का पहला मामला
इस साल एसकेएमसीएच में अब तक चमकी बुखार के 40 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं। अधिकांश मामले मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, वैशाली, पश्चिमी चंपारण और शिवहर जिलों के थे। मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन की ओर से जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, इस साल 9 फरवरी को एसकेएमसीएच में पहला चमकी बुखार का मामला सामने आया था।
मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में शुक्रवार को छह साल के बच्चे भोला जी की मौत चमकी बुखार से हो गई। इसके साथ राज्य में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 15 हो गया है। एसकेएमसीएच में 24 घंटे के भीतर चमकी बुखार से यह दूसरी मौत है। गुरुवार शाम अस्पताल में डेढ़ साल की बच्ची कृति कुमारी की चमकी बुखार से मौत हो गई थी।
सरैया प्रखंड का रहने वाला था भोला
मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन की ओर से जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड के पोखरैरा गांव निवासी भोला जी की दोपहर करीब 12.56 बजे एसकेएमसीएच में मौत हो गई। बच्चे को 10 अगस्त को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एक दिन पहले ही मनियारी प्रखंड की बच्ची कीर्ति की हुई थी मौत
एक दिन पहले मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी प्रखंड के सुधियानूर गांव की कीर्ति ने अंतिम सांस ली थी। मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी प्रखंड के सुधियानूर गांव निवासी कीर्ति को बुधवार को चमकी बुखार के लक्षणों के साथ एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था। उसकी जांच रिपोर्ट ने पुष्टि की कि वह चमकी बुखार से संक्रमित है।
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एसकेएमसीएच बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ गोपाल शंकर साहनी ने कहा कि लड़की को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उन्होंने कहा कि "डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक सप्ताह के भीतर अस्पताल में चमकी बुखार से यह तीसरी मौत है। 7 अगस्त को मुजफ्फरपुर जिले के कुधानी प्रखंड के तुर्की छजन गांव निवासी राजेंद्र की चमकी बुखार से मौत हो गई थी।"
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9 फरवरी को एसकेएमसीएच में आया था चमकी बुखार का पहला मामला
इस साल एसकेएमसीएच में अब तक चमकी बुखार के 40 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं। अधिकांश मामले मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, वैशाली, पश्चिमी चंपारण और शिवहर जिलों के थे। मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन की ओर से जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, इस साल 9 फरवरी को एसकेएमसीएच में पहला चमकी बुखार का मामला सामने आया था।