नालंदा : बिहार में आरसीपी सिंह (RCP Singh) को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। शनिवार देर शाम उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनकी जमीन को लेकर पार्टी ने जब सफाई मांगा तो जेडीयू को छोड़ना उन्होंने बेहतर समझा। उनके साथ नालंदा के चार दूसरे नेताओं ने भी पार्टी से रिजाइन कर दिया। आरसीपी सिंह को लेकर नालंदा से पटना तक राजनीतिक माहौल गरम है।
नालंदा में जेडीयू से चार नेताओं का इस्तीफा
जेडीयू की ओर से संपत्ति मामले में जवाब-तलब के बाद शनिवार की देर शाम पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इनके इस्तीफे की घोषणा के बाद इनके बहुत करीबी माने जाने वाले चार अन्य नेताओं ने भी अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया। इसमें राज्य परिषद सदस्य मुन्ना सिद्दीकी, उपेंद्र कुमार विभूति, सन्नी पटेल और अजय पटेल शामिल हैं।
आरसीपी के रिजन में मिली थी तरक्की
मुख्यमंत्री नीतीश की इन सभी पर कृपा बरस चुकी है। मुन्ना सिद्दीकी को सामान्य कार्यकर्ता से सोगरा वक्फ बोर्ड में जगह मिली थी। मगर पार्टी में आरसीपी सिंह आने के बाद उनके बढ़ते कद को देखते हुए ये सभी इनके आस-पास आ गए। आरसीपी सिंह का हाथ इनलोगों के ऊपर रहा। जिसके कारण इनलोगों को जेडीयू में राज्य स्तर तक के पदाधिकारी बनाए गए। हालांकि पूर्व में पार्टी ने इनके (आरसीपी सिंह) साथ रहने वाले कई लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है।
नीतीश पर तीखे हमले बोले आरसीपी
प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा कि अक्सर लोग ये बोला करते हैं कि जिस पर नीतीशजी की कृपा होती है, वो फलता-फूलता है। इसे लेकर मैं आपको बता दूं कि नीतीशजी पर किसकी कृपा से थी? जन्म से भगवान बन गए थे या बिहार की गद्दी मिल गई थी? 1977 और 1980 में चुनाव हारे हैं तो चुनाव लड़ने के लिए किसी की कृपा तो उन पर जरूर थी। कोई तो टिकट देने वाला होगा या अपने से ले लिए थे? खुद के बारे में आरसीपी सिंह ने कहा कि मैं कृपा से नहीं अपने मेरिट से हूं। हम आवेदन देकर थोड़े गए थे, इनके पास कि मुझे बुलाइए। जब तक मुझमें मेरिट है तो कोई ना कोई मुझे टिकट देने वाला है ना लेनेवाला। मैं जहां भी रहा पूरी इमानदारी के साथ रहा। रात को जब इन लोगों की नींद खुलेगी तब पता चलेगा। जब ऊपर जाएंगे उस वक्त भी हिसाब देना होगा। मेरे जितने भी चाहने वाले साथी हैं, वो सब इस डूबती हुई नाव से जल्द कूद जाएंगे और ये नाव डूब जाएगी।
रिपोर्ट- प्रणय राज
नालंदा में जेडीयू से चार नेताओं का इस्तीफा
जेडीयू की ओर से संपत्ति मामले में जवाब-तलब के बाद शनिवार की देर शाम पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इनके इस्तीफे की घोषणा के बाद इनके बहुत करीबी माने जाने वाले चार अन्य नेताओं ने भी अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया। इसमें राज्य परिषद सदस्य मुन्ना सिद्दीकी, उपेंद्र कुमार विभूति, सन्नी पटेल और अजय पटेल शामिल हैं।
आरसीपी के रिजन में मिली थी तरक्की
मुख्यमंत्री नीतीश की इन सभी पर कृपा बरस चुकी है। मुन्ना सिद्दीकी को सामान्य कार्यकर्ता से सोगरा वक्फ बोर्ड में जगह मिली थी। मगर पार्टी में आरसीपी सिंह आने के बाद उनके बढ़ते कद को देखते हुए ये सभी इनके आस-पास आ गए। आरसीपी सिंह का हाथ इनलोगों के ऊपर रहा। जिसके कारण इनलोगों को जेडीयू में राज्य स्तर तक के पदाधिकारी बनाए गए। हालांकि पूर्व में पार्टी ने इनके (आरसीपी सिंह) साथ रहने वाले कई लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है।
नीतीश पर तीखे हमले बोले आरसीपी
प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा कि अक्सर लोग ये बोला करते हैं कि जिस पर नीतीशजी की कृपा होती है, वो फलता-फूलता है। इसे लेकर मैं आपको बता दूं कि नीतीशजी पर किसकी कृपा से थी? जन्म से भगवान बन गए थे या बिहार की गद्दी मिल गई थी? 1977 और 1980 में चुनाव हारे हैं तो चुनाव लड़ने के लिए किसी की कृपा तो उन पर जरूर थी। कोई तो टिकट देने वाला होगा या अपने से ले लिए थे? खुद के बारे में आरसीपी सिंह ने कहा कि मैं कृपा से नहीं अपने मेरिट से हूं। हम आवेदन देकर थोड़े गए थे, इनके पास कि मुझे बुलाइए। जब तक मुझमें मेरिट है तो कोई ना कोई मुझे टिकट देने वाला है ना लेनेवाला। मैं जहां भी रहा पूरी इमानदारी के साथ रहा। रात को जब इन लोगों की नींद खुलेगी तब पता चलेगा। जब ऊपर जाएंगे उस वक्त भी हिसाब देना होगा। मेरे जितने भी चाहने वाले साथी हैं, वो सब इस डूबती हुई नाव से जल्द कूद जाएंगे और ये नाव डूब जाएगी।
रिपोर्ट- प्रणय राज