पटना/ कोलकाता: बिहार और बंगाल की सरकार के लिए गुरुवार का दिन अशुभ रहा। दोनों राज्य सरकारों को अदालती झटकों ने बेदम कर दिया। बिहार में जाति आधारित जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को रोकने से इनकार कर दिया। बिहार सरकार को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बंगाल सरकार को 'द केरला स्टोरी' फिल्म पर बैन मामले में भी सुप्रीम झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटाने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। इधर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे टीएमसी एमपी और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले में राहत नहीं दी। यानी उनसे सीबीआई-ईडी पूछताछ कर सकते हैं। राजनीतिक दृष्टि से देखें तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार को उनके पुराने साथी आरसीपी सिंह ने बड़ा झटका दिया है।जाति गणना पर बिहार सरकार को निराशा
पटना हाईकोर्ट के आदेश से बिहार सरकार को जाति गणना के मुद्दे पर पहले ही जबरदस्त झटका लगा था। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जाति गणना प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी कि इसका अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। अगली सुनवाई जुलाई में होनी है। इस बीच राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक नहीं लगाई जा सकती। यह बिहार सरकार के लिए सबसे बड़ा झटका है। इसलिए कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरजेडी और जेडीयू के नेता पूरे दमखम के साथ कहते थे कि जाति गणना होकर रहेगी। इसे कोई रोक नहीं सकता।
नीतीश को आरसीपी ने दिया बड़ा झटका
बिहार की सियासत की बात करें तो नीतीश कुमार के लिए गुरुवार का दिन निराशाजनक कहा जाएगा। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह ने पहले खुद बीजेपी ज्वाइन किया और आज उन्होंने जेडीयू शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ.कन्हैया सिंह को उनके दर्जनों समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन कराया। दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली बार आरसीपी गुरुवार को पटना पहुंचे तो उन्होंने अपना कमाल दिखाया। उनके आगमन के मद्देनजर समर्थकों ने पटना शहर को पोस्टरों से पाट दिया था। अलबत्ता उनके समर्थकों ने एक चूक जरूर कर दी। जो पोस्टर शहर में लगाए गए, उनमें बिहार से पार्टी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी की तस्वीर तो थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष की फोटो नदारद थी।
द केरला स्टोरी से बंगाल में बैन हटाया
बहुचर्चित फिल्म द केरला स्टोरी को केरल, तमिलनाडु और बंगाल में राज्य सरकार ने बैन कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को इस मामले में असहिष्णु बताते हुए तुरंत प्रभाव से बैन हटाने का आदेश दिया है। ममता बनर्जी ने इस फिल्म को समाज में नफरत फैलाने वाला बताते हुए बंगाल में प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। फिल्म निर्माता इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे। कोर्ट ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के बाबत राज्य सरकार से जवाब मांगा था। जवाब से असंतुष्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को असहिष्णु करार दिया और प्रदर्शन से रोक हटाने का आदेश दिया है।
ममता के भतीजे को नहीं मिली राहत
शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से ईडी और सीबीआई पूछताछ करना चाहते थे। अभिषेक ने इससे बचने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी पर अपना फैसला सुना दिया है, जो उनके प्रतिकूल है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई ईडी अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए जांच एजेंसियों को सहयोग करना पड़ेगा। अभिषेक बनर्जी सांसद हैं। वे टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। टीएमसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभिषेक अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
रिपोर्ट- ओमप्रकाश अश्क
जाति गणना पर बिहार सरकार को निराशा
पटना हाईकोर्ट के आदेश से बिहार सरकार को जाति गणना के मुद्दे पर पहले ही जबरदस्त झटका लगा था। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जाति गणना प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी कि इसका अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। अगली सुनवाई जुलाई में होनी है। इस बीच राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक नहीं लगाई जा सकती। यह बिहार सरकार के लिए सबसे बड़ा झटका है। इसलिए कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरजेडी और जेडीयू के नेता पूरे दमखम के साथ कहते थे कि जाति गणना होकर रहेगी। इसे कोई रोक नहीं सकता।नीतीश को आरसीपी ने दिया बड़ा झटका
बिहार की सियासत की बात करें तो नीतीश कुमार के लिए गुरुवार का दिन निराशाजनक कहा जाएगा। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह ने पहले खुद बीजेपी ज्वाइन किया और आज उन्होंने जेडीयू शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ.कन्हैया सिंह को उनके दर्जनों समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन कराया। दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली बार आरसीपी गुरुवार को पटना पहुंचे तो उन्होंने अपना कमाल दिखाया। उनके आगमन के मद्देनजर समर्थकों ने पटना शहर को पोस्टरों से पाट दिया था। अलबत्ता उनके समर्थकों ने एक चूक जरूर कर दी। जो पोस्टर शहर में लगाए गए, उनमें बिहार से पार्टी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी की तस्वीर तो थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष की फोटो नदारद थी।द केरला स्टोरी से बंगाल में बैन हटाया
बहुचर्चित फिल्म द केरला स्टोरी को केरल, तमिलनाडु और बंगाल में राज्य सरकार ने बैन कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को इस मामले में असहिष्णु बताते हुए तुरंत प्रभाव से बैन हटाने का आदेश दिया है। ममता बनर्जी ने इस फिल्म को समाज में नफरत फैलाने वाला बताते हुए बंगाल में प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। फिल्म निर्माता इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे। कोर्ट ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के बाबत राज्य सरकार से जवाब मांगा था। जवाब से असंतुष्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को असहिष्णु करार दिया और प्रदर्शन से रोक हटाने का आदेश दिया है।ममता के भतीजे को नहीं मिली राहत
शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से ईडी और सीबीआई पूछताछ करना चाहते थे। अभिषेक ने इससे बचने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी पर अपना फैसला सुना दिया है, जो उनके प्रतिकूल है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई ईडी अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए जांच एजेंसियों को सहयोग करना पड़ेगा। अभिषेक बनर्जी सांसद हैं। वे टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। टीएमसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभिषेक अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।रिपोर्ट- ओमप्रकाश अश्क