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Bihar News: बिहार के कृषि मंत्री की दो टूक- खेतों में फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ की जाएगी दंडात्मक कार्रवाई

Bihar Budget Session 2021: अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि यहां के किसानों ने भी पंजाब की तर्ज पर फसल अवशेष को खेतों में जलाना शुरू कर किया है। अगर किसान नहीं माने तो राज्य सरकार उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगी। अन्न देने वाली धरती माता को इस तरह जलाने की अनुमति हम नहीं देंगे।

भाषा 2 Mar 2021, 8:26 am
पटना
नवभारतटाइम्स.कॉम 63

बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Amrendra Pratap Singh) ने राज्य में खेतों में फसल अवशेषों को जलाए जाने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार 'दंडात्मक कार्रवाई' करेगी। खेतों में फसल अवशेष जलाए जाने से मिट्टी की उत्पादक क्षमता कम होती है।

बिहार विधानसभा में बोले मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कृषि विभाग के 3,335.47 करोड़ों रुपये के बजटीय मांग पर हुई चर्चा के बाद सोमवार को जवाब देते हुए अमरेंद्र प्रताप सिंह ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य के कई जिलों में फसल अवशेष जलाए जाने की समस्या बड़ी होती जा रही है। ऐसा किए जाने के कारण मिट्टी की घटती उत्पादकता को देखते हुए सरकार ने किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने की पहल की है।

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अधिकारियों को दिए खास निर्देश
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे हेलीकॉप्टरों के जरिए हवाई निरीक्षण करें और अगर जरूरत पड़ी तो वे किसानों को फसल अवशेष को जलाने के दुष्प्रभाव के बारे में समझने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों ने भी पंजाब की तर्ज पर फसल अवशेष को खेतों में जलाना शुरू कर किया है। अगर किसान नहीं माने तो राज्य सरकार उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगी। अन्न देने वाली धरती माता को इस तरह जलाने की अनुमति हम नहीं देंगे।


बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 को प्रदेश सरकार ने दी है मंजूरीमंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने और बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 'बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020" को मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में मखाना, फल, सब्जियां, शहद, औषधीय एवं सुगंधित पौधों, मक्का, चाय और बीजों के लिए प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के वास्ते निवेशकों और उद्यमियों को आकर्षित किया जाए। निवेशक और किसान उत्पादक समूह को परियोजना लागत की पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 15 फीसदी और 25 फीसदी मिलेगा।

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