नई दिल्ली
बिहार के पटना में गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयास के तहत शहर में सक्षम जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) तैयार करने के लिए 'नमामि गंगे' कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी देने का फैसला किया गया है।
जल संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह राशि दो एसटीपी बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत जलमल नेटवर्क बिछाने पर खर्च की जाएगी।
नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा को निर्मल और अविरल बनाने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। बिहार के मु़ख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना में गंगा की स्वच्छता के विषय को उठाते रहे हैं और इस बारे में उनकी कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी चर्चा हुई थी।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, पटना शहर के सैदपुर क्षेत्र में 60 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी बनाने और 227 किलोमीटर के नए भूमिगत जलमल नेटवर्क बिछाने के लिए कुल 600 करोड़ रुपये का ठेका दिया जा चुका है। इसके साथ ही मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण और लगभग 180 किलोमीटर का नया भूमिगत जलमल नेटवर्क बिछाने की अलग-अलग परियोजनाओं के लिए 450 करोड़ रुपये आवंटित होंगे।
बिहार के पटना में गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयास के तहत शहर में सक्षम जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) तैयार करने के लिए 'नमामि गंगे' कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी देने का फैसला किया गया है।
जल संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह राशि दो एसटीपी बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत जलमल नेटवर्क बिछाने पर खर्च की जाएगी।
नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा को निर्मल और अविरल बनाने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। बिहार के मु़ख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना में गंगा की स्वच्छता के विषय को उठाते रहे हैं और इस बारे में उनकी कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी चर्चा हुई थी।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, पटना शहर के सैदपुर क्षेत्र में 60 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी बनाने और 227 किलोमीटर के नए भूमिगत जलमल नेटवर्क बिछाने के लिए कुल 600 करोड़ रुपये का ठेका दिया जा चुका है। इसके साथ ही मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण और लगभग 180 किलोमीटर का नया भूमिगत जलमल नेटवर्क बिछाने की अलग-अलग परियोजनाओं के लिए 450 करोड़ रुपये आवंटित होंगे।