पटना/कटिहार
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की फ्लैगशिप योजना है 'हर घर नल का जल'। इससे जरूरतमंदों के साथ-साथ नेताओं के रिश्तेदारों को भी फायदा हुआ है। अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस योजना से लोगों को टंकी से पानी तो मिला, लेकिन इसके जरिए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर के परिवार और उनके सहयोगियों को 53 करोड़ रुपए का ठेका भी मिला। 'हर घर नल का जल' योजना से मालामाल नेता
खबर के अनुसार ठेका के जरिए फायदा लेने वालों में सबसे पहला नाम उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का आता है। इसके अलावा लिस्ट में राज्य के जेडीयू और बीजेपी के कुछ और नेताओं के नाम हैं। करीब पांच साल पहले शुरू हुई 'हर घर नल का जल' योजना को अबतक काफी सफल बताया जाता रहा है। एक लाख आठ हजार पंचायत वॉर्डों तक पाइप से घर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का दावा है कि 95 फीसदी पंचायतों को कवर कर लिया गया है।
बिहार के 20 जिलों में की गई पड़ताल
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बिहार में चलाई जा रही 'हर घर नल का जल' योजना से जुड़े 20 जिलों के दस्तावेज देखे गए। इन्हें रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (RoC) और बिहार पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) के रिकॉर्ड से मिलाया गया। PHED पर इस योजना को लागू कराने की जिम्मेदारी थी। इसमें पंचायती राज और शहरी विकास विभाग को सहयोग देना था।
तारकिशोर प्रसाद की बहू और साले का नाम
अखबार ने पड़ताल में पाया कि PHED ने 2019-20 में कटिहार जिले की 9 पंचायतों के अलग-अलग वार्ड में 36 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी। कटिहार जिले से ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद चार बार विधायक रहे हैं। 'हर घर नल का जल' प्रोजेक्ट के तहत जिन कंपनियों को ठेका दिया गया उनमें से एक उनकी बहू पूजा कुमारी, दो साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी हुई हैं। इतना ही नहीं ठेका लेनेवाली कंपनियों में कुछ उनके करीबी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार से जुड़ी हुई है। पूजा कुमारी की कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिलने पर सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि कुछ अधिकारियों ने बताया है कि उनकी कंपनी को काम का कोई अनुभव भी नहीं था।
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की सफाई
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से इस बाबत मीडिया ने सवाल पूछा को उन्होंने कहा कि मामले में किसी तरह राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया गया है। वे नवंबर 2020 में उपमुख्यमंत्री बने। तारकिशोर ने कहा कि कंपनियों से सीधे तौर पर उनका कोई लिंक नहीं है। कटिहार में कुल 2 हजार 800 यूनिट है। मेरे परिवार के सदस्यों को सिर्फ चार मिली हैं। बिजनेस करने में कुछ गलत नहीं है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की फ्लैगशिप योजना है 'हर घर नल का जल'। इससे जरूरतमंदों के साथ-साथ नेताओं के रिश्तेदारों को भी फायदा हुआ है। अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस योजना से लोगों को टंकी से पानी तो मिला, लेकिन इसके जरिए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर के परिवार और उनके सहयोगियों को 53 करोड़ रुपए का ठेका भी मिला।
खबर के अनुसार ठेका के जरिए फायदा लेने वालों में सबसे पहला नाम उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का आता है। इसके अलावा लिस्ट में राज्य के जेडीयू और बीजेपी के कुछ और नेताओं के नाम हैं। करीब पांच साल पहले शुरू हुई 'हर घर नल का जल' योजना को अबतक काफी सफल बताया जाता रहा है। एक लाख आठ हजार पंचायत वॉर्डों तक पाइप से घर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का दावा है कि 95 फीसदी पंचायतों को कवर कर लिया गया है।
बिहार के 20 जिलों में की गई पड़ताल
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बिहार में चलाई जा रही 'हर घर नल का जल' योजना से जुड़े 20 जिलों के दस्तावेज देखे गए। इन्हें रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (RoC) और बिहार पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) के रिकॉर्ड से मिलाया गया। PHED पर इस योजना को लागू कराने की जिम्मेदारी थी। इसमें पंचायती राज और शहरी विकास विभाग को सहयोग देना था।
तारकिशोर प्रसाद की बहू और साले का नाम
अखबार ने पड़ताल में पाया कि PHED ने 2019-20 में कटिहार जिले की 9 पंचायतों के अलग-अलग वार्ड में 36 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी। कटिहार जिले से ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद चार बार विधायक रहे हैं। 'हर घर नल का जल' प्रोजेक्ट के तहत जिन कंपनियों को ठेका दिया गया उनमें से एक उनकी बहू पूजा कुमारी, दो साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी हुई हैं। इतना ही नहीं ठेका लेनेवाली कंपनियों में कुछ उनके करीबी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार से जुड़ी हुई है। पूजा कुमारी की कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिलने पर सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि कुछ अधिकारियों ने बताया है कि उनकी कंपनी को काम का कोई अनुभव भी नहीं था।
'कटिहार में कुल 2800 यूनिट हैं। मेरे परिवार के सदस्यों को सिर्फ चार मिली हैं। बिजनेस करने में कुछ गलत नहीं है।'
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की सफाई
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से इस बाबत मीडिया ने सवाल पूछा को उन्होंने कहा कि मामले में किसी तरह राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया गया है। वे नवंबर 2020 में उपमुख्यमंत्री बने। तारकिशोर ने कहा कि कंपनियों से सीधे तौर पर उनका कोई लिंक नहीं है। कटिहार में कुल 2 हजार 800 यूनिट है। मेरे परिवार के सदस्यों को सिर्फ चार मिली हैं। बिजनेस करने में कुछ गलत नहीं है।