पटना
लोक जनशक्ति पार्टी में नेतृत्व को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान में जंग तेज होती जा रही है। अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे चिराग ने कहा कि बीजेपी के साथ उनके संबंध 'एकतरफा' नहीं रह सकते हैं। अगर उन्हें घेरने की कोशिश जारी रही तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे। 'मुझे घेरने की कोशिश जारी रही तो सभी संभावनाओं पर विचार करूंगा'
चिराग ने पीटीआई-भाषा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ 'चट्टान' की तरह खड़े रहे। लेकिन जब इस 'कठिन' समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भगवा दल साथ नहीं था। चिराग ने कहा कि उनका मोदी में विश्वास कायम है, लेकिन अगर आपको घेरा जाता है, धकेला जाता है और कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी।
इसे भी पढ़ें:- पीएम मोदी के 'हनुमान' का दर्द, संकट में बीजेपी ने मुझे अकेला छोड़ दिया- चिराग पासवान
चिराग ने बीजेपी की चुप्पी पर उठाए सवाल
चिराग पासवान ने कहा कि एलजेपी को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में इस आधार पर निर्णय लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा था और कौन नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान बीजेपी ने उनसे संपर्क किया था, उन्होंने कहा कि भगवा दल का चुप रहना 'उचित' नहीं था, जबकि जेडीयू,एलजेपी में विभाजन के लिए काम कर रही थी।
चिराग बोले- मुझे उम्मीद थी बीजेपी मध्यस्थता करेगीचिराग ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि बीजेपी मध्यस्थता करेगी और चीजों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है। ध्यान रहे कि बीजेपी ने कहा है कि एलजेपी का संकट पार्टी का आंतरिक मामला है। इससे पहले सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान ने कभी भी नीतीश कुमार से समझौता नहीं किया।
लोक जनशक्ति पार्टी में नेतृत्व को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान में जंग तेज होती जा रही है। अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे चिराग ने कहा कि बीजेपी के साथ उनके संबंध 'एकतरफा' नहीं रह सकते हैं। अगर उन्हें घेरने की कोशिश जारी रही तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे।
चिराग ने पीटीआई-भाषा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ 'चट्टान' की तरह खड़े रहे। लेकिन जब इस 'कठिन' समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भगवा दल साथ नहीं था। चिराग ने कहा कि उनका मोदी में विश्वास कायम है, लेकिन अगर आपको घेरा जाता है, धकेला जाता है और कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी।
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चिराग ने बीजेपी की चुप्पी पर उठाए सवाल
चिराग पासवान ने कहा कि एलजेपी को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में इस आधार पर निर्णय लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा था और कौन नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान बीजेपी ने उनसे संपर्क किया था, उन्होंने कहा कि भगवा दल का चुप रहना 'उचित' नहीं था, जबकि जेडीयू,एलजेपी में विभाजन के लिए काम कर रही थी।
चिराग बोले- मुझे उम्मीद थी बीजेपी मध्यस्थता करेगीचिराग ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि बीजेपी मध्यस्थता करेगी और चीजों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है। ध्यान रहे कि बीजेपी ने कहा है कि एलजेपी का संकट पार्टी का आंतरिक मामला है। इससे पहले सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान ने कभी भी नीतीश कुमार से समझौता नहीं किया।