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Bihar Politics : बिहार के 46 साल पुराने मामले का जिक्र कर मांझी ने फैलाई सियासी सनसनी, ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड की नए सिरे से जांच की मांग

Lalit Narayan Mishra Murder Case : बिहार के सियासी गलियारे में 46 साल पुराने मामले का जिक्र कर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सियासी सनसनी फैला दी है। उन्होंने मांग की है कि पूर्व मंत्री ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड की जांच नए सिरे से कराई जाए।

Edited byऋषिकेश नारायण सिंह | Reported byAbhay Singh | टाइम्स न्यूज नेटवर्क 19 Sep 2021, 9:46 am
पटना
नवभारतटाइम्स.कॉम mishra manjhi

पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शनिवार को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर बम विस्फोट में पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या की सीबीआई से फिर से जांच कराने की मांग करके राजनीतिक सनसनी पैदा कर दी। 2 जनवरी, 1975 को ललित नारायण मिश्रा की बम विस्फोट में हत्या कर दी गई थी।

मांझी की बड़ी मांग
मांझी ने शनिवार को ट्वीट किया कि 'हम मानते हैं कि जांच फिर से की जाएऔर हत्या में शामिल लोगों की पहचान की जाए।' इसमें मांझी ने वैभव मिश्रा के नाम के साथ दो ट्वीट्स को टैग किया है, जो दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता हैं और जो नई सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। अदालत ने इसी 21 अगस्त को जांच एजेंसी को छह सप्ताह में फैसला करने के लिए कहा है कि क्या मिश्रा की हत्या की फिर से जांच की जरूरत है। वैभव के अनुसार, सीबीआई ने अपनी पहली जांच में इस घटना को हत्या का एक साधारण मामला माना था, जबकि उनकी हत्या राजनीतिक साजिश के तहत की गई थी।
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ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड में अब तक
दो जांच आयोगों - एक सुप्रीम कोर्ट के जज केके मैथ्यू की अध्यक्षता में और दूसरा जस्टिस वीएम तारकुंडे (1977 में गठित) ने मामले की जांच की है। उनकी पूछताछ के आधार पर, सीबीआई ने मामले की जांच की और चार आरोपियों - रंजन द्विवेदी, संतोषानंद अवधूत, सुदेशानंद अवधूत और गोपाल जी को गिरफ्तार किया, जो आनंद मार्ग से जुड़े थे। 2013 में इन सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी वैभव ने न्यायमूर्ति तारकुंडे की रिपोर्ट से संकेत लिया है, जिसने इस घटना को राजनीतिक साजिश का परिणाम बताया था।
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ललित नारायण मिश्रा का बड़ा सियासी परिवार
पूर्व सीएम स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्रा के साथ मांझी के संबंध राजनीतिक गलियारों में चर्चित हैं। संयोग से हाल के दशकों में एलएन मिश्रा और जगन्नाथ मिश्रा के परिवार ने बड़ा परिवर्तन देखा है। दिवंगत जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा पहले जेडीयू से और अब बीजेपी से विधायक हैं।
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वहीं विजय कुमार मिश्रा के बेटे और एलएन मिश्रा के पोते ऋषि मिश्रा 2015 में महागठबंधन के हिस्से के रूप में JDU के टिकट पर विधायक बने थे। लेकिन जब 2017 में सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी से फिर से हाथ मिलाया तो ऋषि मिश्रा कांग्रेस में शामिल हो गए।
लेखक के बारे में
ऋषिकेश नारायण सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल के बिहार-झारखंड प्रभारी। पत्रकारिता में जनमत टीवी, आईबीएन 7, ईटीवी बिहार-झारखंड, न्यूज18 बिहार-झारखंड से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक 17 साल का सफर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से शुरुआत के बाद अब बिहार कर्मस्थल। देश, विदेश, अपराध और राजनीति की खबरों में गहरी रुचि। डिजिटल पत्रकारिता की हर विधा को सीखने की लगन।... और पढ़ें

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