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तेजस्वी यादव को नहीं मिला गृह मंत्रालय, जानिए नीतीश के पास ही क्यों रहता है ये विभाग

बिहार की सरकार में राजद को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व मिला है। उसके कोटे से 16 मंत्रियों ने शपथ ली। जदयू से 11 मंत्री शामिल किए गए। कांग्रेस से दो और मांझी की पार्टी हम से एक सदस्य के अलावा एक निर्दलीय को मंत्री बनाया गया। सीएम नीतीश के पास गृह सहित पांच मंत्रालयों का प्रभार है।

भाषा 17 Aug 2022, 8:21 am
पटना : बिहार की नई महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुमान के अनुसार गृह विभाग सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों को अपने पास रखा। राज्य के पुलिस बल पर गृह विभाग का सीधा नियंत्रण होता है। तेजस्वी को ये मंत्रालय नहीं मिला। शुरू से ही नीतीश कुमार इसे अपने पास रखते आए हैं। नीतीश की पार्टी जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के अधिकांश मंत्रियों को जहां उनके पुराने विभागों की जिम्मेदारी फिर से सौंपी गई है, वहीं सत्ता में शामिल हुए नए सहयोगियों राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और कांग्रेस को वे विभाग मिले हैं, जो पहले भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के पास थे।
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नीतीश कैबिनेट


तेजस्वी को नहीं मिला गृह विभाग
मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने पास गृह विभाग के अलावा सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी-निर्वाचन विभाग और ऐसे सभी विभागों का प्रभार रखा है, जो किसी को आवंटित नहीं किए गए हैं। उपमुख्यमंत्री के रूप में पांच साल बाद सत्ता में वापसी करने वाले राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास आवास और ग्रामीण कार्य जैसे प्रमुख विभाग मिले हैं।

तेज प्रताप को वन-पर्यावरण विभाग
तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। दिलचस्प बात ये है कि तेजप्रताप नीतीश कुमार की महागठबंधन की पिछली सरकार (2015-2017) में स्वास्थ्य मंत्री थे और मीडिया के एक वर्ग में ऐसी अटकलें थीं कि वो अपना पुराना विभाग वापस चाहते हैं।

विजय चौधरी को वित्त विभाग
राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शासन काल में स्वास्थ्य विभाग भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय के पास था। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के केवल विजय कुमार चौधरी (वित्त, एवं वाणिज्यि कर और संसदीय मामले), बिजेंद्र यादव (उर्जा और योजना एवं विकास) और संजय कुमार झा (जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग) को एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी मिली है। विजय चौधरी को आवंटित वित्त विभाग पूर्ववर्ती राजग और महागठबंधन सरकारों में अन्य सहयोगी दलों के पास रहा है।

पहले सिद्दीकी संभालते थे वित्त
राजग सरकार के दौरान वित्त विभाग पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी और तारकिशोर प्रसाद के पास था, जबकि पिछली महागठबंधन सरकार में ये राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी के पास था। राजद के वरिष्ठ नेता सिद्दीकी वर्तमान में राज्य विधानमंडल में किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।

शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर

विजय कुमार चौधरी को इस बार शिक्षा विभाग का प्रभार नहीं सौंपा गया है, इसकी जिम्मेदारी राजद के चंद्रशेखर को सौंपी गई है। जदयू के अन्य मंत्रियों में अशोक चौधरी (भवन निर्माण), श्रवण कुमार (ग्रामीण विकास), शीला कुमारी (परिवहन), सुनील कुमार (मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन), ज़मा खान (अल्पसंख्यक कल्याण), लेशी सिंह (खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण) और मदन सहनी (समाज कल्याण) को उनके पुराने विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।

मांझी के बेटे का बदला मंत्रालय
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री रहे जदयू नेता जयंत राज को इस बार लघु जल संसाधन विभाग का कार्यभार सौंपा गया है। ये विभाग पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम, जीतन राम मांझी की पार्टी) के संतोष कुमार सुमन के पास था।

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