ऐपशहर

Smart City Project : कैसे बनेगा पटना स्मार्ट? 2020 में पारे की तरह लुढ़क गई बिहार की राजधानी की रैंकिंग... मुजफ्फपुर को जीरो नंबर

Patna Smart City : पटना स्मार्ट सिटी की लिस्ट में है, लेकिन क्या शहर स्मार्ट बनने की राह पर है। नई रैंकिंग तो कुछ और ही इशारा कर रही है। पिछले साल के मुकाबले इस साल बिहार की राजधानी चार्ट में और नीचे चली गई है।

Reported byऋषिकेश नारायण सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 1 Dec 2020, 9:16 am
पटना:
नवभारतटाइम्स.कॉम Patna smart city

पटना को स्मार्ट सिटी बनाने में उम्मीद से कहीं ज्यादा समय लग सकता है। ताजा रैंकिंग को देखकर तो यही लग रहा है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के स्मार्ट शहर मिशन कार्यक्रम के तहत चुनी गई 100 शहरी केंद्रों की नई रैंकिंग आ गई है। इसमें पटना का रैंक 35 है जबकि पिछले साल 2019 में ये 29 था।

मुजफ्फरपुर को जीरो नंबर
29 नवंबर को जारी किए गए चार्ट में पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड (PSCL) को मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर रैंकिंग में 100 में से 54.99 का कुल स्कोर मिला है। बिहार के अन्य शहरों में भागलपुर ने भी खराब प्रदर्शन किया है। भागलपुर 38.8 के कुल स्कोर के साथ 66 वें स्थान पर, बिहारशरीफ 38.66 के स्कोर के साथ 67 वें और मुजफ्फरपुर 21.1 अंकों के साथ 91 वें स्थान पर है। लेकिन बुरा हाल ये है कि अनुपालन पैरामीटर में मुजफ्फरपुर को शून्य मिला है। सियासी तौर पर इसका खामियाजा बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और मुजफ्फरपुर के ही बाशिंदे सुरेश शर्मा को उठाना पड़ा। शहर की हालत से नाराज वोटरों ने उन्हें विधायक की कुर्सी से ही बेदखल कर दिया।

क्या कहना है अफसरों का
पटना के डिविजनल कमिश्नर- सह- PSCL के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक रैंकिंग खराब नहीं थी और अगली समीक्षा में इसमें सुधार हो सकता है क्योंकि स्मार्ट सिटी के तहत कुछ प्रोजेक्ट एक महीने के भीतर ही लॉन्च होने वाले हैं। संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अदालतगंज तालाब का पुनर्विकास, बीरचंद पटेल मार्ग का सौंदर्यीकरण और पांच सार्वजनिक सेवा केंद्र उद्घाटन के लिए दिसंबर में तैयार होंगे। जहां तक स्टेशन क्षेत्र पुनर्विकास परियोजना का सवाल है, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा तैयार की जा रही है। दिसंबर में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

रैंकिंग कैसे की जाती है
यहां आप सोच रहे होंगे कि स्मार्ट सिटी की रैंकिंग कैसे की जाती है? इसका पैमाना क्या होता है? आपको बता दें कि रैंकिंग विभिन्न मापदंडों पर आधारित है, जिसमें स्मार्ट शहरों मिशन परियोजनाओं को पूरा करना, जारी किए गए निविदाओं का संचयी मूल्य, काम पूरा करना और धन का उपयोग करना शामिल है।

इस लिहाज से देखें तो राजधानी पटना ने परियोजना कार्यान्वयन यानि प्रोजेक्ट पूरे करने में में 60 अंकों में से 23.37 के साथ खराब प्रदर्शन किया। पीएससीएल को योजनाओं में मनी ट्रांसफर के लिए 13.71 अंक, फंड के इस्तेमाल के लिए 7.41 नंबर और 10.5 अनुपालन रैंक मिली है।

रैकिंग में ऐसा होता है नंबरों का पैमाना
कुल अंक-100 अंक
प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन- 2 अंक
कम्यूलेटिव वैल्यू ऑफ वर्क्स इश्यूड- 4 अंक
वर्क्स कंपलीट- 6 अंक
टेंडर इश्यूड- 8 अंक
वर्क ऑर्डर अंडर एससीएमएलपी- 16 अंक
वर्क कंपलीटिड अंडर एससीएमएलपी- 24 अंक
ट्रांसफर ऑफ फंड्स टू एसपीवी अकाउंट- 14 अंक
यूटिलाइजेशन ऑफ फंड्स बाय एसपीवी- 14 अंक
नंबर ऑफ स्मार्ट सिटी अडवायजरी फोरम- 6 अंक
नंबर ऑफ टाइम कंपलेंट यूसी- 6 अंक
लेखक के बारे में
ऋषिकेश नारायण सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल के बिहार-झारखंड प्रभारी। पत्रकारिता में जनमत टीवी, आईबीएन 7, ईटीवी बिहार-झारखंड, न्यूज18 बिहार-झारखंड से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक 17 साल का सफर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से शुरुआत के बाद अब बिहार कर्मस्थल। देश, विदेश, अपराध और राजनीति की खबरों में गहरी रुचि। डिजिटल पत्रकारिता की हर विधा को सीखने की लगन।... और पढ़ें

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग