पटना
आजादी के बाद शायद ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब भारतीय मुसलमान 'इस्लाम और राष्ट्र को खतरे' में बताते हुए सड़कों पर उतरेंगे और नारे बुलंद करेंगे। बिहार की राजधानी पटना में इमारत शरिया और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) एक साथ मिलकर 15 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में 'दीन (धर्म) बचाओ, देश बचाओ' नाम से रैली करेंगे।
बहुत सारे मौलवी और समुदाय के नेता साफतौर पर यह संदेश देने वाले हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार में न ही देश सुरक्षित है और न ही मुस्लिमों का धर्म। इससे पहले तीन तलाक को लेकर देशभर में प्रदर्शन करने के बाद एआईएमपीएलबी और इमारत शरिया देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति, संविधान और इस्लाम पर खतरे के मुद्दे उठाने के लिए तैयार हैं। इमारत शरिया 1921 में बिहार, झारखंड, ओडिशा के मुस्लिमों को शरिया के तहत आने वाले मुद्दों को समझाने के लिए बनाई गई थी।
'देश और धर्म पर है खतरा'
एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलानी वली रहमानी ने इस बारे में कहा, 'हमने चार साल इंतजार किया, यह सोचकर कि बीजेपी संविधान के तहत देश चलाना सीख लेगी। हमारे पर्सनल लॉ पर हमला हो रहा है। हमें अपने देशवासियों को बताना पड़ रहा है कि देश के साथ-साथ इस्लाम पर भी खतरा है।'
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लाखों लोगों के आने की उम्मीद
रैली में अधिक से अधिक मुस्लिमों को शामिल करने के लिए इमारत शरिया, एआईएमपीएलबी, मदरसे और मस्जिदें जुट गई हैं। आयोजकों को कम से कम तीन लाख लोगों के आने की उम्मीद है। इमारत शरिया ने रैली को किसी विपक्षी दल का समर्थन प्राप्त होने की बात से इनकार किया है।
यह भी पढ़ें: उन्नाव गैंगरेप: पीड़िता ने सुनाई खौफ की कहानी
राज्यसभा की चाह?
मुंबई के एक मौलवी ने बताया कि 30 साल पहले जमीयत-उल-उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना असद मदनी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 'मुल्क बचाओ, मिल्लत बचाओ' का नारा दिया था। उसके बाद वह राज्यसभा पहुंच गए थे। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि किसी आयोजक के मन में इस रैली के बाद राज्यसभा पहुंचने की इच्छा है।'
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें।
आजादी के बाद शायद ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब भारतीय मुसलमान 'इस्लाम और राष्ट्र को खतरे' में बताते हुए सड़कों पर उतरेंगे और नारे बुलंद करेंगे। बिहार की राजधानी पटना में इमारत शरिया और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) एक साथ मिलकर 15 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में 'दीन (धर्म) बचाओ, देश बचाओ' नाम से रैली करेंगे।
बहुत सारे मौलवी और समुदाय के नेता साफतौर पर यह संदेश देने वाले हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार में न ही देश सुरक्षित है और न ही मुस्लिमों का धर्म। इससे पहले तीन तलाक को लेकर देशभर में प्रदर्शन करने के बाद एआईएमपीएलबी और इमारत शरिया देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति, संविधान और इस्लाम पर खतरे के मुद्दे उठाने के लिए तैयार हैं। इमारत शरिया 1921 में बिहार, झारखंड, ओडिशा के मुस्लिमों को शरिया के तहत आने वाले मुद्दों को समझाने के लिए बनाई गई थी।
'देश और धर्म पर है खतरा'
एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलानी वली रहमानी ने इस बारे में कहा, 'हमने चार साल इंतजार किया, यह सोचकर कि बीजेपी संविधान के तहत देश चलाना सीख लेगी। हमारे पर्सनल लॉ पर हमला हो रहा है। हमें अपने देशवासियों को बताना पड़ रहा है कि देश के साथ-साथ इस्लाम पर भी खतरा है।'
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लाखों लोगों के आने की उम्मीद
रैली में अधिक से अधिक मुस्लिमों को शामिल करने के लिए इमारत शरिया, एआईएमपीएलबी, मदरसे और मस्जिदें जुट गई हैं। आयोजकों को कम से कम तीन लाख लोगों के आने की उम्मीद है। इमारत शरिया ने रैली को किसी विपक्षी दल का समर्थन प्राप्त होने की बात से इनकार किया है।
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राज्यसभा की चाह?
मुंबई के एक मौलवी ने बताया कि 30 साल पहले जमीयत-उल-उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना असद मदनी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 'मुल्क बचाओ, मिल्लत बचाओ' का नारा दिया था। उसके बाद वह राज्यसभा पहुंच गए थे। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि किसी आयोजक के मन में इस रैली के बाद राज्यसभा पहुंचने की इच्छा है।'
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