पटना: बिहार में मचे सियासी घमासान के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन छोड़ कर आरजेडी को गले लगा लिया है। 2017 में उन्होंने अंतरात्मा की बात मानते हुए आरजेडी से पल्ला छुड़ाते हुए बीजेपी से जा मिले थे। आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा की पार्टी के लोगों ने उन्हें गठबंधन तोड़ने के लिए कहा। सबकी राय यही थी इसलिए उन्होंने बीजेपी का हाथ झटक दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को वह मजबूत करेंगे। इतना ही नहीं शुक्रवार को जब पत्रकारों ने नीतीश से सीबीआई-ईडी और बीजेपी पर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि 'जो भी किसी चीज का दुरुपयोग करने का आदि होगा, उसे जनता चुनाव में बता देगी।'
नीतीश को आने लगे फोन
आरजेडी का दामन थामने के बाद नीतीश का कहना है कि वो विपक्ष को मजबूत करने की कवायद भी शुरू हो गई है। इस बात पर खुद नीतीश कुमार ने मुहर लगाई है। उनका कहना है कि कि उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को मजबूत करेंगे? तो उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए साफ तौर पर कहा कि उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार कर लेने के बाद वह इस काम में लगेंगे। हालांकि सवाल पूछे जाने पर उन्होंने ये भी कहा कि वो पीएम उम्मीदवार नहीं बनने वाले, लेकिन वो पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष को मजबूत जरूर करेंगे।
आरसीपी ने धोखा दिया- नीतीश
पार्टी कार्यालय में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने आरजेडी के साथ हाथ मिलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'यह पार्टी का फैसला था।' लेकिन साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि 'जिस व्यक्ति को हम लोगों ने अधिकार दिया उसने हम लोगों के साथ गड़बड़ किया।' बीजेपी के साथ नाता तोड़ने पर अपनी सफाई देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हमने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी का साथ दिया था। जब चुनाव हो गया तब हमने सभी दलों से बात की दल के लोगों से बातचीत की और उसके बाद में यह फैसला लेना पड़ा।
गठबंधन तोड़ने की वजह भी बताईगठबंधन तोड़ने की एक वजह नवभारत टाइम्स ने नीतीश कुमार का अल्पसंख्यक वोट बैंक का प्रेम बताया था। हमने बताया था कि CAA, NRC और समान नागरिक संहिता, बिहार में बांग्लादेश से लगातार हो रही घुसपैठ जैसे मुद्दे पर बीजेपी असहज थी। एनबीटी के इस आकलन पर भी आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुहर लगाते हुए कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि इधर-उधर की बात होती रहे। जिससे माहौल बिगड़ता रहे। उनका इशारा बिहार में लगातार हो रहे सांप्रदायिक टकराव पर था।
नीतीश को आने लगे फोन
आरजेडी का दामन थामने के बाद नीतीश का कहना है कि वो विपक्ष को मजबूत करने की कवायद भी शुरू हो गई है। इस बात पर खुद नीतीश कुमार ने मुहर लगाई है। उनका कहना है कि कि उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को मजबूत करेंगे? तो उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए साफ तौर पर कहा कि उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार कर लेने के बाद वह इस काम में लगेंगे। हालांकि सवाल पूछे जाने पर उन्होंने ये भी कहा कि वो पीएम उम्मीदवार नहीं बनने वाले, लेकिन वो पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष को मजबूत जरूर करेंगे।
आरसीपी ने धोखा दिया- नीतीश
पार्टी कार्यालय में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने आरजेडी के साथ हाथ मिलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'यह पार्टी का फैसला था।' लेकिन साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि 'जिस व्यक्ति को हम लोगों ने अधिकार दिया उसने हम लोगों के साथ गड़बड़ किया।' बीजेपी के साथ नाता तोड़ने पर अपनी सफाई देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हमने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी का साथ दिया था। जब चुनाव हो गया तब हमने सभी दलों से बात की दल के लोगों से बातचीत की और उसके बाद में यह फैसला लेना पड़ा।
गठबंधन तोड़ने की वजह भी बताईगठबंधन तोड़ने की एक वजह नवभारत टाइम्स ने नीतीश कुमार का अल्पसंख्यक वोट बैंक का प्रेम बताया था। हमने बताया था कि CAA, NRC और समान नागरिक संहिता, बिहार में बांग्लादेश से लगातार हो रही घुसपैठ जैसे मुद्दे पर बीजेपी असहज थी। एनबीटी के इस आकलन पर भी आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुहर लगाते हुए कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि इधर-उधर की बात होती रहे। जिससे माहौल बिगड़ता रहे। उनका इशारा बिहार में लगातार हो रहे सांप्रदायिक टकराव पर था।