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RLSP का धरना, उपेंद्र कुशवाहा बोले- 'बिहार की जनता को रोड पर मरते नहीं देख सकते'

बिहार में विपक्षी दलों के गठबंधन महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) ने बुधवार से नागरिक अवज्ञा आंदोलन शुरू किया। आज पार्टी की ओर से राज्य के जिला मुख्यालयों में कोरोना महामारी के दौरान गरीबों, मजदूरों और आम नागरिकों के प्रति सरकार की लापरवाही का विरोध करते हुए धरना का कार्यक्रम रखा गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा खुद पटना कार्यालय में धरना पर बैठे।

नवभारतटाइम्स.कॉम 27 May 2020, 2:23 pm
नीलकमल, पटना
नवभारतटाइम्स.कॉम Upendra-kushwaha
आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा धरने पर बैठे।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि आज कोविड-19 संकट और नीतीश सरकार की बदइंतजामी के कारण गरीबों, श्रमिकों, किसानों व आमजनों की स्थिति बेहद गंभीर है। संकट से निपटने के लिए सरकार न स्वयं कोई रास्ता निकाल रही है और न ही विपक्षी दलों के सुझावों,आग्रह का संज्ञान ले रही है।


उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार नवनिर्माण और बिहारवासियों के हितों के की रक्षा के लिए संकल्पित सभी विपक्षी पार्टियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, श्रमिकों, किसानों, अधिवक्ताओं, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं एवं आमजनों से बिहार को बचाने की हमारी इस मुहिम में शामिल होने का आह्वान भी किया।

'बिहार की जनता को सड़क पर मरते नहीं देख सकते'
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा की बिहार की जनता को रोड पर मरते हुये हम नहीं देख सकते। हम सड़क पर बैठे हैं हम लॉकडाउन तोड़ेंगे फिर भी बिहार सरकार नहीं जागी तो आगे आंदोलन और भी तेज होगा। दरअसल, आरएलएसपी के कार्यकर्ताओं ने आज सुबह के 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक जिला मुख्यालय में सांकेतिक धरना देने का काम किया।

खुद उपेंद्र कुशवाहा पटना स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर सड़क पर पर कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के बताए हुए रास्ते को अपनाते हुए आज से रालोसपा साथियों की ओर से निरंकुश और अकर्मण्य हो चुकी नीतीश कुमार की डबल इंजन सरकार के खिलाफ नागरिक अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience) की शुरुआत कर चुके हैं। क्योंकि कोरोना संकट और नीतीश सरकार सरकार की बदइंतजामी के कारण गरीबों, श्रमिकों, किसानों व आमजनों की स्थिति बेहद गंभीर है। संकट से निपटने के लिए ना तो सरकार कोई रास्ता निकाल रही है और न ही विपक्षी दलों के सुझावों या आग्रह पर अमल कर रही है।

बिहार के नवनिर्माण और बिहारवासियों के हितों की रक्षा के लिए सभी विपक्षी दल संकल्पित है। उन्होंने सभी स्वयंसेवी संस्थाओं, मजदूरों, किसानों, अधिवक्ताओं, शिक्षकों, छात्र-छत्राओं और आम लोगो से भी बिहार को बचाने में विपक्ष के मुहिम में शामिल होने की अपील की है।

बिहार में नीतीश ने लगा रखा है अघोषित आपातकाल
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना की वजह से ही चौपट हुई है ये सही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना का प्रवेश तो मार्च के महीने में हुआ है। इससे पहले ही भारत की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी थी। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार चल रही है। लेकिन घर वापसी करने वाले मजदूरों को जिस प्रकार से क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है उसकी हालत देखकर कहा जा सकता है कि नीतीश सरकार इस मामले में भी फेल रही है।

हर जिले के क्वारंटीन सेंटर से अव्यवस्था की खबर आ रही है। उपर से नीतीश सरकार ने क्वारंटीन सेंटर में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगाकर यह साबित कर दिया कि व्यवस्था में गड़बड़ी की खबर सही है। उन्होंने कहा कि देश में घोषित आपातकाल के दौरान मीडिया पर इस तरह की रोक लगाई गयी थी। नीतीश सरकार ने तो कोरोना काल में ही अघोषित आपातकाल लगा दिया है।

उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि लॉकडाउन लगाने से या मीडिया पर रोक लगाने से कोरोना का खात्मा नहीं हो सकता। सरकार को चाहिए कि वो गरीबों और मजदूरों को रोजगार मुहैया कराए।उन्होंने कोरोना संक्रमण की वजह से बिहार विधान सभा चुनाव को आगे बढ़ाए जाने की बात का भी विरोध किया। रालोसपा प्रमुख ने कहा कि अगर कोरोना काल में यह कहकर कि चुनाव में होने वाले खर्च की वजह से चुनाव को टालने की कोशिश की जाती है तो संविधान के तहत कई काम को बंद कर देना चाहिए।

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