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लालू यादव को नेता बताने पर आई थी बिहार के सबसे बड़े डॉन की शामत, अब 'मिस्टर मिनिस्टर' के साथ क्या सलूक करेंगे CM नीतीश

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बात साफ है, ये बात कहीं लिखी नहीं लेकिन मैसेज हमेशा क्लियर होता है। अगर आपने सीएम नीतीश को चैलेंज कर दिया तो फिर वो भी जवाब देने से पीछे नहीं हटेंगे। उसके लिए चाहे जो करना पड़े, और अगर चैलेंज देने वाला कोई डॉन भी हो तो कोई फर्क नहीं पड़ता।

Authored byऋषिकेश नारायण सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 15 Sep 2022, 10:01 am
पटना: सितंबर 2016... ठीक 6 साल पहले जब सिवान के पूर्व दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन को जेल से रिहाई मिली थी तो उस वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। जेल से निकलते ही जब शहाबुद्दीन से नीतीश पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि उनके नेता लालू प्रसाद यादव हैं और नीतीश कुमार परिस्थितियों के सीएम हैं। ये सब जानते हैं कि शहाबुद्दीन के सिर पर सीधे लालू यादव का हाथ था। ऊपर से 12 साल के बाद शहाबुद्दीन की जमानत पर रिहाई हुई थी। नीतीश को परिस्थितियों का सीएम बताते ही उसी सितंबर 2016 में बिहार सरकार ने मन बदल लिया। नीतीश सरकार ने शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद उनकी जमानत खारिज हो गई और उसके बाद 'डॉन' ने जिंदगी की आखिरी सांस भी जेल के कैदी के तौर पर ही ली। अब ठीक 6 साल बाद इस सितंबर यानि 2022 में नीतीश के सामने वही 'परिस्थिति' है।
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अब 'मिस्टर मिनिस्टर' के साथ क्या सलूक करेंगे CM नीतीश
परिस्थितियों से हमारा आशय चुनावी नतीजों से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मिली वैसी ही एक चुनौती से हैं। दरअसल मंत्री सुधाकर सिंह ने कुछ दिन पहले एक सार्वजनिक सभा में ये कह दिया कि कृषि विभाग में चोर (अफसर) बैठे हैं और वो चोरों के सरदार हैं। इसके बाद मंगलवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मौजूदगी में सुधाकर सिंह से उनके बयान पर सफाई मांगी। इसके बाद जो हुआ वो खुद नीतीश कुमार ने कैमरे पर बताया।
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सुधाकर सिंह ने भरी कैबिनेट में साफ कह दिया कि वो अपने स्टैंड पर कायम हैं और आगे भी रहेंगे। इसके बाद वो सीएम नीतीश के सामने ही कैबिनेट की मीटिंग से बाहर निकल गए। ये तो एक तरह से नीतीश को सीधी चुनौती थी। खुद नीतीश कुमार ने कहा कि जो कैबिनेट मीटिंग में हुआ था वो तेजस्वी ने भी देखा था।
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नीतीश को चैलेंज, सुधाकर सिंह का क्या होगा?
सियासी गलियारे में अंदरखाने ये चर्चा तेज है कि शहाबुद्दीन ने तो कैमरे पर नीतीश से 100 किलोमीटर दूर बैठकर उनके अस्तित्व को ही एक तरह से चैलेंज किया था। जिसका जवाब उन्हें फिर से जेल जाने की शक्ल में मिला। सुधाकर सिंह भी एक तरह से शहाबुद्दीन के नक्शे कदम पर ही हैं और उन्होंने तो सीएम को सबके सामने मुंह पर चैलेंज कर दिया है। जबकि वो जानते हैं कि उनके ऊपर चावल घोटाले का भी आरोप है। चर्चा तो ये भी है कि नीतीश इस घटना के बाद चुप बैठे रहें, ये मुमकिन नहीं है।
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क्या कर सकते हैं नीतीश?
सुधाकर सिंह RJD कोटे से मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। लेकिन सामने नीतीश कुमार हैं जो चैलेंज करने वाले को माकूल जवाब देने के लिए माने जाते हैं। अब तो यही देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश महागठबंधन के साथ दोबारा आने की मजबूरी के चलते चुप रह जाएंगे या फिर सुधाकर के साथ महागठबंधन की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी RJD को भी इस चुनौती का कड़ा जवाब देंगे।
लेखक के बारे में
ऋषिकेश नारायण सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल के बिहार-झारखंड प्रभारी। पत्रकारिता में जनमत टीवी, आईबीएन 7, ईटीवी बिहार-झारखंड, न्यूज18 बिहार-झारखंड से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक 17 साल का सफर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से शुरुआत के बाद अब बिहार कर्मस्थल। देश, विदेश, अपराध और राजनीति की खबरों में गहरी रुचि। डिजिटल पत्रकारिता की हर विधा को सीखने की लगन।... और पढ़ें

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