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Bihar Politics : बिहार की सियासत में 'ट्रंप' की एंट्री, सुशील मोदी ने तेजस्वी पर साधा निशाना

Sushil Kumar Modi News : सुशील मोदी ने कहा कि नया साल मनाकर बिहार लौटे आरजेडी के राजकुमार को न जनादेश पर विश्वास है, न चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर। वे विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं इसलिए बार-बार मध्यावधि चुनाव का हौव्वा खड़ा कर रहे हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 10 Jan 2021, 1:54 am
पटना
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बिहार की सियासत में शनिवार को डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के नाम की भी एंट्री हो गई। बिहार की राजनीति में भी अब अमेरिकी संसद के बाहर हुई हिंसा को जोड़कर उदाहरण दिया जा रहा है। बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार (Sushil Kumar Modi) मोदी ने ट्वीट करके इशारों ही इशारों में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि आरजेडी के राजकुमार का अगर वश चलता, तो ईवीएम से 'लालू का जिन्न' न निकलने पर वे लाठी में तेल पिलाने वाले अपने समर्थकों को उकसा कर ट्रम्प के समान विधानमंडल भवन पर उत्पात मचा सकते थे।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, 'विधानसभा चुनाव के परिणाम को गलत ढंग से प्रभावित करने के लिए कांग्रेस-आरजेडी ने मीडिया के एक वर्ग में एक्जिट पोल के नाम पर पहले महागठबंधन की जीत का परसेप्शन बनवाया। लेकिन जब वास्तविक परिणाम उनके मनोनुकूल नहीं आए और स्पष्ट बहुमत के साथ एनडीए की सरकार लौटी, तब सत्ता के जरिये बेनामी सम्पत्तियां बनाने वालों के इरादों पर पानी फिर गया। मुख्य विपक्षी दल ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार लोकतंत्र में अपनी अनास्था ही प्रकट की थी।'


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सुशील मोदी ने आगे लिखा, 'नया साल मनाकर बिहार लौटे आरजेडी के राजकुमार को न जनादेश पर विश्वास है, न चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर। वे विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं इसलिए बार-बार मध्यावधि चुनाव का हौव्वा खड़ा कर रहे हैं। वे अपने दुराग्रहपूर्ण अनुमान से ज्यादा सीट पाने वाले दल की उपलब्धि को "चुनाव आयोग की कृपा" बता कर एक संवैधानिक संस्था की छवि बिगाड़ रहे हैं।'




दिग्गज बीजेपी नेता ने आगे कहा कि जब लालू प्रसाद विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में जोड़-तोड़ नहीं करा पाये और नीतीश कुमार को पैकेज ऑफर देने की चाल भी विफल हो गई, तब पार्टी ने जेडीयू से दोस्ती की गुंजाइश खत्म करने का एलान ऐसे किया, मानो अंगूर खट्टे हैं। महागठबंधन को दूसरों को तोड़ने के बजाय अपना घर बचाने की चिंता करनी चाहिए।

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